ऑस्टिन की मनोवैज्ञानिक टॉनी फैल्बो पिछले 40 से अधिक वर्षों से रिलेशनशिप पर अध्ययन कर रही हैं। उन्होंने ओनली चाइल्ड के डेवलपमेंट पर भी कई अध्ययन किए हैं। जिसमें उन्होंने पाया कि ओनली चाइल्ड को मिलने वाला अटेंशन पॉजिटिव भी हो सकता है। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि बड़े परिवारों में एक अकेले बच्चे ने सिबिलिंग्स के साथ रहने वाले बच्चों से अधिक अचीव किया। अपनी दूसरी समीक्षाओं में उन्होंने एक अकेले बच्चों पर की गई 115 स्टडीज का विश्लेषण किया। जिसमें उनके अचीवमेंट, इंटेलीजेंस, एडजस्टमेंट, सोशिएबिलिटी, पेरेंट चाइल्ड रिलेशनशिप आदि की जांच की गई।
इन अध्ययनों के एग्जामिनेशन के आधार पर जब ओनली चाइल्ड और सिबिलिंग्स के साथ वाले चाइल्ड के बीच तुलना की गई तो ओनली चाइल्ड ने मल्टिपल चिल्ड्रन को पीछे छोड़ दिया। इन स्टडीज में ये भी बताया गया कि ओनली चाइल्ड के अपने पेरेंट्स से अच्छे संबंध थे। यह एक रोचक बात है कि मनोवैज्ञानिक फैल्बो खुद भी एक ओनली चाइल्ड हैं।
ओनली चाइल्ड सिंड्रोम के बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट? (What do experts say about Only Child Syndrome?)
कई मनोवैज्ञानिक इस बात पर सहमत है कि ओनली चाइल्ड सिंड्रोम (Only Child Syndrome) एक मिथ है। बता दें कि मनोवैज्ञानिक हॉल ने यह रिसर्च उस समय की थी जब ज्यादातर लोग रूरल एरिया में रहते थे। जिसके परिणामस्वरूप ओनली चाइल्ड अकेले रहते थे क्योंकि उनके पास बात करने के लिए लोग भी कम थे। इस अकेलेपन की वजह से उनमें असामाजिक व्यवहार, खराब सामाजिक कौशल और स्वार्थी जैसे लक्षणों में योगदान दिया।
आज के ओनली चिल्ड्रन शहरों और महानगरों में रहते हैं। उनके पास दूसरे बच्चों से बात करने उनके साथ खेलने, घूमने- फिरने के अनेकों अवसर हैं। फिर चाहे वह डे केयर हो, पार्क हो या गार्डन। स्कूल में, मैदानों में भी, खेलने के दौरान भी, सोशलाइज होने के कई अवसर मिलते हैं। यहां तक कि अब तो ऑनलाइन भी अवसर उपलब्ध हैं।
और पढ़ें : बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज का ट्रीटमेंट बन सकता है हायपोग्लाइसेमिया का कारण, ऐसे करें इस कंडिशन को मैनेज