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पर्सनालिटी डेवलपमेंट बड़ों के लिए ही नहीं बच्चों के लिए भी हैं जरूरी

पर्सनालिटी डेवलपमेंट बड़ों के लिए ही नहीं बच्चों के लिए भी हैं जरूरी

इंसान के व्यवहार की वह शैली जिसे वह अपने आन्तरिक तथा बाह्य गुणों के आधार पर दिखाता है, उसका व्यक्तित्व कहलाता है। पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) किसी व्यक्ति के व्यवहार और दृष्टिकोण के पैटर्न को विकसित करना होता है, जो किसी व्यक्ति को विशिष्ट बनाता है।  अपने बच्चे को एक मजबूत, आत्मविश्वास से लबरेज बनाना पेरेंट्स के लिए काफी मुश्किल काम होता है। बतौर पेरेंट्स आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है कि आपके बच्चे को एक सकारात्मक वातावरण मिले, जो उसे दुनिया को समझने और चीजों को सीखने में मदद कर सके।

यह कहना गलत नहीं होगा कि अधिकांश शारीरिक विकास और मानसिक विकास बचपन के शुरुआती दौर में होते हैं। यही कारण है कि, बच्चों में पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए कम उम्र से ही आपको प्रयास शुरू करना चाहिए।

पेरेंट्स बच्चों के जन्म से पहले ही पेरेंटिंग की तैयारी शुरू कर देते हैं। चाहें वह लड़का हो या लड़की उसके उपयुक्त पालन-पोषण करने के लिए पहले से योजना बना कर चलना अधिक फायदेमंद होगा। इसका भी कारण है कि अगर पेरेंट्स बच्चों की स्वभाव के बारे में उनके बचपन से ही जानने की कोशिश करें, तो बच्चों को सही दिशा में लाने में मदद मिल सकती है।

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बच्चे के लिए पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) के तरीके

कई माता-पिता सोचते हैं कि अपने बच्चों को नियमित समय के बिंदुओं पर क्या करना है और क्या नहीं, उनके व्यक्तित्व को प्रभावित करने का सबसे अच्छा तरीका है। बच्चे आपकी लंबी लेक्चर से इन वैल्यूज को नहीं समझ पाते हैं, लेकिन आपके व्यवहार को देखकर उसे सीखने को कोशिश करते हैं। इसलिए, उन्हें एक विश्वसनीय परवरिश देने का सबसे अच्छा तरीका छोटे व्यक्तित्वों को दिन-प्रतिदिन के कार्यों में सकारात्मक व्यक्तित्व लक्षणों के एजेंडे पुश करना होता है।

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इसे अपनी प्राथमिकता बनाएं

पेरेंटिंग आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। आप काम और घर के प्रबंधन में व्यस्त हो सकते हैं लेकिन,अपने बच्चे के साथ अधिक समय बिताएं। आपके बच्चे के साथ आपका व्यवहार उसके पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अपने पालन कौशल की समीक्षा करें

अपने स्वयं के पालन-पोषण कौशल का ध्यान रखें। कुछ स्थितियों में आप कैसे व्यवहार करते हैं, इस पर विचार करें। यह देखें कि क्या आपके बच्चे के व्यवहार पर इसका प्रभाव पड़ता है और हमेशा जांचें कि क्या आपको अपने बच्चे से उचित अपेक्षाएं हैं।

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बच्चे को खुद अपना पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) करने दें

अपने बच्चे को लेबल न दें। यह गलत है, भले ही आप उसकी तुलना किसी अच्छे व्यक्ति से कर रहे हों। अपने बच्चे को उसके व्यक्तित्व को व्यक्त करने की अनुमति दें। जब तक इसका स्पष्ट रूप से नुकसान न हो, उसे किसी विशेष तरीके से व्यवहार करने के लिए मजबूर न करें। ऐसा करना बच्चे की पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए सही नहीं है।

स्वीकार करें और आगे बढ़ें

हर व्यक्ति की अपनी कमियां होती हैं। अपने बच्चे से यथार्थवादी अपेक्षाएं रखें। उसे प्रोत्साहित करें कि वह क्या और किसमे सबसे अच्छा है और नई चीजों को आजमाने के लिए उत्कृष्टता प्राप्त करें।

बच्चों पर ध्यान दें

सोशल मीडिया आपके बच्चे के व्यवहार को प्रभावित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। अपने बच्चे की ऑनलाइन गतिविधियों और रुचियों पर पूरा ध्यान दें। उन नई चीजों पर नजर रखें, जिन्हें वह सीखता है और चाहे वह उसे सुखद लगती हो।

एक अच्छा उदाहरण सेट करें

जीवन को इस समय में बच्चे की आपके और आपके साथी की नकल करने की अधिक संभावना होती है। आपको हर समय अपने सबसे अच्छे व्यवहार पर रहना होगा। अपने बच्चे के लिए एक अच्छा उदाहरण सेट करें।

नियम निर्धारित करें

बच्चों में पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) सेट करने के लिए नियमों की एक सूची निर्धारित करें। अपने बच्चे के साथ एक हेल्दी कम्युनिकेशन सिस्टम स्थापित करें। यह आपके द्वारा साझा किए जाने वाले अभिभावक-बच्चे के रिश्ते को मजबूत बनाने में मदद करेगा।

पनिशमेंट भी प्यार से

अपने बच्चे को संभालने की चाल उसे प्यार से दंडित करना है, जब वह कुछ गलत करता है। यह बताएं कि आप कुछ गतिविधियों के लिए क्यों नहीं स्वीकार करते हैं, और कहते हैं कि यदि आप ऐसा करते हैं तो आप दुखी या निराश होंगे।

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बच्चों को सुनें

अपने बच्चे पर फोकस हो कर ध्यान देना हमेशा काम करता है। अपने बच्चे की चिंताओं और परेशानियों को सुनें। यह उसे या उसकी अहमियत देगा और उसके आत्मविश्वास और ताकत को बढ़ाएगा।

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उसकी मदद करें

अपने बच्चे की मदद करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि यह सब उसके लिए होना चाहिए। आपको अपने बच्चे की सहायता के लिए खांका बनना होगा। उनका मार्गदर्शन करें और उसके उतार-चढ़ाव के माध्यम से मदद करें।

बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) के लिए शालीन भाषा का प्रयोग करें

बच्चों से हमेशा शालीन भाषा का प्रयोग करके ही बात करनी चाहिए। इससे बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा बच्चों के साथ फ्रेंडली व्यवहार करने की जरूरत होती है। जान लें कि आप जैसा व्यवहार करते हैं आपके बच्चे भी वहीं सीखते हैं ऐसे में बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) या बच्चों का व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी है कि आप उनके सामने शालीन व्यवहार करें। इसके अलावा बच्चों के सामने बोलते समय भाषा का भी खास ध्यान रखें। बच्चों को आस-पास जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल बार-बार होता है बच्चे की भाषा पर इसका असर पड़ता है। जान लें कि पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) के लिए भाषा का भी बड़ा योगदान होता है। बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए जरूरी है कि उनकी भाषा शालीन हो। बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए ध्यान रखें कि आपकी भाषा और व्यवहार का बच्चे पर व्यक्तित्व पर सीधा असर पड़ता है।

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 पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development):  बच्चों को डांटने और फटकारने से पहले सोचें

ज्यादा डांटने-फटकारने, मारने-पीटने से बच्चा ढीठ बन जाता है फिर उस पर किसी बात का असर नहीं होता है, क्योंकि उसे पता रहता है मैं अच्‍छा या बुरा जो भी करूं, बदले में मुझे डांट-फटकार ही मिलेगी, प्यार-दुलार नहीं। साथ ही ऐसा करने से उसके पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) या बच्चों का व्यक्तित्व विकास  पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसी स्थिति में बाद में आगे चलकर बच्चा विद्रोही बन जाता है, जो ‍कि परिवार और बच्चे दोनों के लिए ठीक नहीं होता है।

बच्चों को मारकर आप उनकी गलतियां नहीं सुधार सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि बच्चे का मन बहुत कोमल होता है। अगर आप उन्हें दिनभर डांटेंगे, तो उनके मन पर बहुत ही बुरा असर होगा, जो कि कुछ समय बाद उनके व्यवहार में भी दिखाई देगा। आपको किसी भी समस्या का समाधान निकालने के लिए बच्चों से प्यार से बातें करनी चाहिए।

हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट (Personality development) या बच्चों का व्यक्तित्व विकास संबंधित जानकारी दी है।  उम्मीद है आपको  हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

The Science Behind Middle Child Syndrome -Accessed on 13/12/2019

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3375868/

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https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/HealthyLiving/shyness-and-children

Current Version

09/07/2021

Nikhil Kumar द्वारा लिखित

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. अभिषेक कानडे

Updated by: Bhawana Awasthi


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के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

डॉ. अभिषेक कानडे

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Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/07/2021

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