सभी बच्चे एक जैसे नहीं होते हैं। बच्चे का बिहेवियर पेरेंट्स की जिंदगी में बहुत असर डालता है। आप बच्चों को नियमों में बांधकर नहीं रख सकते हैं। कुछ बच्चे पेरेंट्स की बात आसानी से मान जाते हैं। वहीं कुछ बच्चे अक्सर अपने मन की करना चाहते हैं। ऐसे बच्चे को शैतान बच्चा की उपाधि भी दी जा सकती है। शैतान बच्चे से मतलब उस बच्चे से है जो अक्सर शरारत करता हो और अपने मन की मनवाने की कोशिश करता हो। ऐसे बच्चे एग्रेसिव हो सकते हैं। हो सकता है कि वो अपने दोस्तों के साथ हाथापाई भी कर लेता हो। अगर आपका बच्चा भी शैतान है और आपकी बात नहीं सुनता है तो आपको ये आर्टिकल पढ़ना चाहिए।
शैतान बच्चा आपका अटेंशन तो नहीं पाना चाहता है?
शैतान बच्चा अक्सर अपनी बात मनवाना चाहता है। हो सकता है कि आपका शैतान बच्चा भी ऐसा ही हो। कई बार बच्चों को लगता है कि उनके माता-पिता उनकी बात नहीं सुनते हैं। पेरेंट्स का अटेंशन पाने के लिए बच्चे शैतानी भी करते हैं। कभी-कभी शैतानी बहुत बढ़ जाती है। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि दिनभर बच्चे के साथ रहने के बावजूद भी आप बच्चे से ठीक से बात नहीं करती हैं तो इस ओर ध्यान दें। बच्चा क्यों शैतानी कर रहा है, इस बात को जानना बहुत जरूरी है। बच्चे अक्सर चाहते हैं कि वो जो काम कर रहे हैं, उसकी तारीफ की जाए। पेरेंट्स बिजी रहने के कारण ऐसा नहीं कर पाते हैं। बेहतर होगा कि आप बच्चे पर ध्यान देना शुरू कर दें।
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शैतान बच्चे के निगेटिव मूड (Negative Mood) को करें इग्नोर
शैतान बच्चा आपको कई बार निगेटिव मूड में दिखेगा। आपको उसका मूड देखने के बाद बहुत सारा गुस्सा भी आएगा। हो सकता है कि आप उस पर हाथ भी उठा दें, लेकिन ये गलत होगा। अगर आप बच्चे को मारती हैं तो उसके बिहेवियर में अधिक बदलाव आ जाएगा। बच्चा अधिक बिगड़ सकता है। हो सकता है कि पेरेंट्स और बच्चे के बीच रिलेशनशिप खराब हो जाए। आपको कुछ बातों को इग्नोर करना भी सीखना होगा बजाय गुस्सा करने के।
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शैतान बच्चे से करें पोलाइटली (Politely) बात
हो सकता है कि आपका शैतान बच्चा खाने में अक्सर कमी निकालता हो। आप जो भी खाना प्यार से बनाती हो, उसे पसंद नहीं आता हो, ऐसे में आपको गुस्सा आएगा और आप उसे जबरदस्ती खिलाने की कोशिश भी कर सकती हैं। ऐसा बिल्कुल न करें। ऐसा करने से बच्चों के मन में खाने को लेकर बुरी भावनाएं आने लगती हैं। अगर बच्चा खाने की बुराई कर रहा हो तो उसे कहे कि सॉरी कि तुम्हें खाना अच्छा नहीं लगा, लेकिन मेरे हिसाब से ये डिलीसियस है। बच्चे की निगेटिव बात का जवाब पॉजिटिव मोड में दें। जल्द ही वो निगेटिविटी से दूर होने लगेगा।
शैतान बच्चा ऐसे करें हैंडल, बच्चे को इमोशन कंट्रोल करना सिखाएं (Teach the child to control emotion)
बच्चा डिमांड करें और फिर उसे मना कर दिया जाए तो उसे खूब गुस्सा आ सकता है। कुछ बच्चे रिजेक्शन बर्दाशत नहीं कर पाते हैं। उनकी आदत होती है कि जो भी वो कहें, उसे पूरा किया जाए। ऐसे में माता-पिता भी परेशान हो सकते हैं। आपको परेशान होकर या बच्चे के गुस्से को देखकर गुस्सा आ सकता है, लेकिन ये समस्या का हल नहीं है। बच्चों को सिखाएं कि जब रिजेक्शन हो, तो गुस्सा कंट्रोल करना सीखें। गुस्सा करना किसी भी समस्या का हल नहीं होता है। बच्चे को उसकी हॉबी में बिजी रहना सिखाएं। जैसे कि उसे गाना, डांस, पेंटिंग या बुक रीडिंग। उसे जो भी पसंद हो, आप भी उसका उन हॉबीज में साथ दीजिए। ऐसा करने से आप दोनों के बीच की बॉन्डिंग बढ़ जाएगी और आपका शैतान बच्चा अब पहले जैसा बिल्कुल नहीं रहेगा।
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शैतान बच्चे को संभालने के लिए अपनी आदतों पर भी दें ध्यान
अगर आप किसी से अपने बच्चे की शिकायत कर रही हैं कि अरे! मेरा बच्चा बहुत शैतान है, तो इस बारे में एक बार गौर जरूर करके देखिए। कहीं आप भी तो बच्चे के सामने गलत व्यवहार तो नहीं करती हैं। अक्सर बच्चे मां-पिता से ही सीखतें हैं। हो सकता है कि आप बच्चे से अक्सर एग्रेसिव होकर बात करती हों। या फिर जरा सी बात पर उसे मारने लगती हो। अक्सर पेरेंट्स का एग्रेसिव नेचर भी बच्चे को शैतान बच्चा बनाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। आपको इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।
शैतान बच्चा है तो आशावादी सोच अपनाएं (Adopt optimistic thinking)
किसी भी बात को लेकर आशावादी सोच अपनाने से काम आसान महसूस होने लगते हैं। हो सकता है कि आपने पहले कभी इस तरह का एक्सपीरियंस न किया हो, लेकिन ऐसा करके देखें। एक बात और भी ध्यान रखें कि अगर आपसे कोई गलती हो जाए तो उसे बच्चे के सामने एक्सेप्ट जरूर करें। ऐसा करने से बच्चों को भी इस बात का एहसास होगा कि अगर गलती की है तो उसे एक्सेप्ट जरूर करना चाहिए।
शैतान बच्चा है तो रूल्स कर सकती हैं चेंज
शैतान बच्चा जिद्दी भी हो सकता है। जिद्दी बच्चों को अक्सर एक जैसे नियम पसंद नहीं आते हैं। जैसे कि उन्हें रोजाना ब्रेकफास्ट में दूध और बिस्किट नहीं पसंद आएगा। ऐसे में बच्चे के लिए कुछ दिनों में अपने आप ही चेंज करें, ताकि उसे एक ही चीज से बोर फील न होने लगे। ऐसा खेल और रोजाना के बनाए गए नियमों के साथ भी किया जा सकता है। आप महसूस करेंगे कि अब बच्चा चीजों को अधिक एंजॉय कर रहा है और उसका दिमाग अन्य जगह शैतानी करने में नहीं लगा हुआ है।
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एक-दूसरे की कंपनी को करें एंजॉय
जब पिता ऑफिस चले जाते हैं तो दिनभर मां और बच्चे को ही एक-दूसरे का साथ रहना होता है। ऐसे में अगर बच्चा आपकी कंपनी नहीं एंजॉय कर पा रहा है तो इसका मतलब है कि वो कुछ भी करेगा। जब बच्चा कुछ भी करता है तो हम उसे शैतान बच्चा कह देते हैं। बच्चे के साथ पेरेंट्स को भी टाइम बिताना चाहिए। बच्चे के साथ खेलना, उसकी स्टडी बुक के साथ एंजॉय करना और उसे नई बातें सिखाने से बच्चे और पेरेंट्स के बीच बॉन्डिंग बढ़ जाती है। फिर बच्चे का दिमाग शैतानी में कम और इंटरेस्टिंग काम में ज्यादा लगेगा।अपको एक बार ये तरीका जरूर अपनाना चाहिए। बदलाव जरूर देखने को मिलेंगे।
बच्चों को सिखाएं सेल्फ डिसिप्लिन (Teach self discipline to children)
जर्नल ऑफ पर्सनालिटी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग सेल्फ डिसिप्लिन सीख लेते हैं, वो लोग अन्य लोगों के मुकाबले अधिक खुश रहते हैं। बच्चे को सेल्फ डिसिप्लिन का मतलब समझाएं। उसे बताएं कि वेल-बिहेवियर का क्या मतलब होता है। अगर बच्चा अनुशासन सीख गया तो उसका दिमाग शैतानी में ज्यादा नहीं लेगेगा। साथ ही बच्चा पेरेंट्स के साथ ही अन्य लोगों से अच्छा व्यवहार भी करेगा। अगर बच्चा कुछ गलत बोल रहा है तो पेरेंट्स को उसे सही करना चाहिए। बच्चे को आदतों से लेकर खान-पान की चीजों में भी सही-गलत की जानकारी जरूर दें।
- जो पेरेंट्स सेल्फ डिसिप्लिन नहीं सीखते हैं, अक्सर उनके बच्चों में भी यही कमी देखने को मिलती है। कुछ बातें जैसे की बड़ों के बीच में अचानक से बच्चे का बोल देना, क्योंकि वो अपनी बारी का इंतजार नहीं कर सकता है।
- पेरेंट्स के न देखने पर बच्चे का जंक फूड खाना। अक्सर जंक फूड की फरमाइश करना।
- होमवर्क करने के बजाय अपनी पेंसिल के साथ खेलना और होमवर्क पूरा न करना।
- किसी चीज को सीखने की इच्छा जताना लेकिन उसके बारे में प्रैक्टिस बिल्कुल भी न करना।
- मन की बात पूरी न होने पर रोने लगना और फिर गुस्सा निकालना।
- पेरेंट्स की बात न मानना और किसी भी चीज के लिए जिद्दबाजी करना।
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बच्चों का मन कोमल होता है। बच्चे घर के माहौल से भी बहुत कुछ सीखते हैं। अगर घर का माहौल सही नहीं है तो बेहतर होगा कि पहले उसे सुधारें। अगर बच्चा शैतान है तो उसे प्यार से डील करने की कोशिश करें। कुछ नियम बनाएं और उन्हें अप्लाई भी करें, लेकिन बच्चे के बिहेवियर को लेकर पेरेंट्स का एग्रेसिव हो जाना या फिर बच्चे को मारना सही उपाय नहीं है। अगर बच्चों को आराम से कोई बात समझाई जाएं तो वो अक्सर मान जाते हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और शैतान बच्चे को कैसे डील करें इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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