क्या है उबकाई (Belching)?
जब पाचन तंत्र के ऊपरी हिस्से में अतिरिक्त हवा होती है जमा हो जाती है तो ये डकार या उबकाई के रूप में मुंह से बाहर निकलती है। अधिकांश हुए पेट अधिक हवा निगलने के कारण ही होते है। खाने-पीने के दौरान ये हवा पेट में चली जाती है या फिर जमी ही रहती है। डकार (Belching) या उबकाई (Passing Gas) शरीर में होने वाली बहुत ही आम क्रिया है। साधारण तौर पर ये जीवनशैली को प्रभावित नहीं करती है। मोटापे या बड़े पेट की वजह से आंतों में सूजन या दर्द अपके दैनिक जीवन में समस्या बढ़ा सकता है। इस वजह से आपको शर्मिंदा भी होना पड़ सकता है।
जब बढ़ने लगती है उबकाई की समस्या
उबकाई की समस्या से ज्यादा परेशानी न होने के कारण अक्सर लोग घरेलू उपाय से उपचार कर लेते हैं। जब डकार या उबकाई की समस्या बढ़ जाती है तो पेट में दर्द या सूजन की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है । अगर आपको इस प्रकार की समस्या है तो निम्नलिखित तरीकों से आप इसे कम कर सकते हैं।
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कैसे पाएं उबकाई से छुटकारा?
खानपान के दौरान हवा सीधे पेट में चली जाती है। भोजन करते समय, कैंडीज खाते समय, कर्बोनेटेड पेय पदार्थ, धूम्रपान के दौरान, च्युइंगम चबाते समय लोग अधिक मात्रा में हवा को निगल लेते हैं। कुछ लोग नर्वस हैबिट की वजह से भी अधिक हवा निगल लेते हैं। ऐसे लोगों में बिना खाए पिए ही गैस अधिक मात्रा में शरीर में पहुंच जाती है। इसे एरोफैगिया कहा जाता है।
Acid reflux or gastroesophageal reflux disease (GERD) के कारण डकार और पेट फूलने की समस्या होती है। जीर्ण पेट की परत में सूजन (gastritis) या Helicobacter pylori के साथ संक्रमण से संबंधित हो सकती है। ये जीवाणु पेट में अल्सर के लिए भी जिम्मेंदार होता है। इस प्रकार की समस्या में पेट में जलन और दर्द हो सकता है।
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डकार या उबकाई (Belching) को ऐसे करें दूर
आप डकार या उबकाई की समस्या को इस तरीकों को अपनाकर दूर कर सकते हैं…
खाना धीमें खाएं
आप जब भी खाना खाएं , जल्दबाजी न करें । जल्दी-जल्दी खाना खाने से मुंह से अधिक मात्रा में हवा निगल लेते हैं। तनावग्रस्त होनें पर भी आप अधिक मात्रा में वायु निगल लेते हैं।
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कार्बोनेटेड ड्रिंक्स न लें
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में CO2 अधिक मात्रा में होती है। कार्बोनेटेड ड्रिंक्स या बीयर से बचें।
हार्ड कैंडी या गम न खाएं
हार्ड कैंडी या गम चूसने से शरीर में अधिक मात्रा में हवा पहुंचती है।
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स्मोकिंग से बचें
स्मोकिंग के दौरान अतिरिक्त हवा शरीर के अंदर चला जाता है।
डेन्चर की जांच करें
खराब फिटिंग वाले डेन्चर की वजह से आप खाने-पीने के दौरान अधिक मात्रा में हवा निगल लेते हैं।
वॉक करें
खाने के बाद बैठें नहीं। खाना खाने के बाद चलना-फिरना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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हार्टबर्न का इलाज करें
हार्टबर्न का इलाज करें। जब कभी छाती में दर्द की समस्या हो तो उसका उपचार करें। GERD का उपयोग भी कर सकते हैं।
पेट फूलना : आतों में गैस का निर्माण
कोलन में गैस का निर्माण खाने के डायजेशन के समय या फिर अपच खाने के फरमन्टेशन के समय होता है। कोलन में उपस्थित बैक्टीरिया जब प्लांट फाइबर या शुगर (कार्बोहाइड्रेड) का पाचन नहीं कर पाते हैं तो गैस उत्पन्न होती है।
इंटेस्टाइनल गैस के अन्य कारण
- कोलन में खाद्य अवशेष
- छोटी आंत के बैक्टीरिया में बदलाव
- कार्बोहाइड्रेड का कम अवशोषण, इस कारण पाचन में सहायक बैक्टीरिया के कार्य में बांधा
- कब्ज की समस्या के कारण
- अधिक समय तक कोलन में पड़े खाने का किण्वन
- पाचन में विकार
- लेक्टोज और फ्रकटोज असहिष्णुता के कारण सिलिएक रोग
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गैस की अधिकता से बचने के लिए ये करें
इन खाद्य पदार्थों से बचें
अगर आपको गैस की समस्या है तो कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बना लें। जैसे सेम,दाल, ब्रोकली, मशरूम, बीयर, फूलगोभी प्याज आदि। आप धीरे -धीरे कर इन्हें कम कर सकते हैं और गैस की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
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लेबल्स को पढ़े
कई बार डेयरी प्रोडक्ट्स से समस्या हो जाती है। गैस से बचने के लिए लेक्टोज फ्री प्रोडेक्ट या लो लेक्टोज प्रोडेक्ट का उपयोग करें। शुगर फ्री फूड(sorbitol, mannitol and xylitol) में भी अनडायजेस्ट कार्बोहाइड्रेड पाए जाते हैं। ये भी गैस की समस्या को बढ़ाते हैं।
कम फैटी फूड खाएं
फैटी फूड डायजेशन के टाइम को बढ़ा देते है। ऐसे फूड से बचें।
अधिक फाइबर फूड से बचें
फाइबर फूड खाना सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन फूड में अधिक मात्रा में फाइबर होने से गैस की समस्या बढ़ सकती है। समय के अन्तराल के साथ फाइबर फूड का सेवन करें।
कुछ ऐसे प्रोडेक्ट होते हैं जो लेक्टोज को डायजेस्ट करने में हेल्प करते हैं। सिमेथेनिक (गैस एक्स, मायलंटा गैस) वाले उत्पाद मददगार साबित नहीं होते हैं लेकिन कई लोगों को ये फायदा पहुंचाते हैं। कई फलियां भी गैस की समस्या से निजात दिलाती है।
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क्या है ब्लोटिंग (BLOATING)
ब्लोटिंग (पेट का भारी या भरा हुआ लगना) की समस्या में पेट में भारीपन लगता है। ऐसा लगता है जैसे खूब सारा खाना खा लिया हो। कई बार मल त्याग या गैस के निकलने के बाद भी राहत नहीं मिलती है।
आंतों की गैस और सूजन के बीच अभी तक मुख्य अंतर को समझा नहीं जा सका है। ब्लोटिंग की समस्या और आंतो की सूजन में कई बार लोगों को समझने में दिक्कत हो जाती है। जिन्हें गैस की समस्या नहीं भी होती है ऐसे में चिड़चिड़ाहट या आंत के सिन्ड्रोम के लिए अधिक संवेदनशील हो सकती है।
ब्लोटिंग की समस्या को आहार परिवर्तन और व्यवहार के परिवर्तन से कम किया जा सकता है। इससे पेट भी कम हो जाएगा और राहत भी मिलेगी।
अपने डॉक्टर को कब दिखाना है ?
जब कभी पेट भरा हुआ महसूस हो, पेट में दर्द, आंतों में सूजन की समस्या हो और ये अपनेआप न सही हो तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि आप ये लक्षण महसूस करते हैं तो डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं…
- दर्द
- पेट में गंभीर दर्द
- मल में खून
- मल के रंग में परिवर्तन
- वजन का अचानक से कम होना
- बेचैनी होना
- भूख कम लगना औऱ पेट भरा हुआ महसूस होना
ब्लोटिंग यानी उबकाई होने पर इस प्रकार के लक्षण दिख सकते हैं। आंतों में सूजन होने पर भयानक लक्षण दिख सकते हैं। अपने डॉक्टर से संर्पक कर आप समस्या का निदान पा सकते हैं।
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