बहुत सारी बीमारियां और इंफेक्शंस स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) का कारण बन सकते हैं। इनमें सामान्य सर्दी-जुकाम, गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis), यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शंस (Urinary tract infections) और प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis) आदि शामिल हैं। इस दौरान स्टमक पेन सेंसेशन में अलग हो सकती है। कई बार यह दर्द डल हो सकती है तो कई बार यह एक बर्निंग सेंसेशन हो सकती है। यह दर्द शरीर के अन्य अंगों तक भी फैल सकती है। ऐसा माना जाता है कि स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) आमतौर पर बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन के कारण होती है। आज हम बात करने वाले हैं स्टमक पेन और चिल्स के बारे में। सबसे पहले जान लेते हैं इसके कारणों के बारे में।
स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) के क्या हैं कारण?
स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) दोनों प्रॉब्लम्स एक साथ कई संक्रामक कंडिशंस के परिणामस्वरूप हो सकती हैं। यह बैक्टीरियल और वायरल दोनों हो सकते हैं। आइए जानें क्या हैं इसके सामान्य कारण?
सामान्य कोल्ड (Common cold)
अधिकतर एडल्ट हर साल दो या तीन बार सामान्य कोल्ड का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि, बच्चों की यह परेशानी अधिक हो सकती है। इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- शरीर में दर्द
- खांसी
- चिल्स
- थकावट
- सिरदर्द
- जी मिचलाना और पेट में दर्द
- रनी नोज
- छींक
- गले में खराश
इसके लक्षण सात से दस दिनों में खुद ही ठीक हो जाते हैं। कई बार इसमें दो हफ्ते भी लग सकते हैं। इसके उपचार में होम रेमेडीज, रेस्ट या ओवर-द-काउंटर दवाइयां शामिल हैं।
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स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills): गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis)
गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या तब होती है जब पेट और इंटेस्टाइन में बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन के कारण इंफ्लेमेशन होती है। वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Viral gastroenteritis) को स्टमक फ्लू भी कहा जाता है। इसके अन्य कारण कुछ खाद्य पदार्थ और दवाइयां हो सकती हैं। इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हैं:
यह लक्षण एक हफ्ते तक रह सकते हैं और इसके उपचार में भी रेस्टिंग, हायड्रेट रहना, सॉफ्ट फूड्स का सेवन और ओवर-द-मेडिकेशन्स आदि शामिल हैं।
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स्टमक पेन और चिल्स(Abdominal Pain and Chills): साल्मोनेला इंफेक्शन (Salmonella infection)
साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होने वाले इंफेक्शन को साल्मोनेला इंफेक्शन कहा जाता है। लोग इस इंफेक्शन का शिकार दूषित फूड या वॉटर का सेवन करने के कारण होते हैं। इस इंफेक्शन के लक्षण 12 से 72 घंटे में नजर आना शुरू हो सकते हैं। यह लक्षण इस प्रकार हैं:
- डायरिया
- बुखार
- स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills)
- सिरदर्द
- जी मिचलाना
- स्टमक क्रैंप्स
- उल्टी आना
इसमें उपचार की जरूरत नहीं होती है और लोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं। ऐसे में खुद का ख्याल रखने से यह समस्याएं दूर की जा सकती है। लेकिन, गंभीर लक्षणों की स्थिति में मेडिकल हेल्प जरूरी है। स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) के अन्य कारणों के बारे में भी जान लेते हैं।
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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary tract infection)
यह इंफेक्शन तब होता है, जब बैक्टीरिया और अन्य माइक्रोब यूरिनरी ट्रैक्ट को इंफेक्ट करते हैं। महिलाओं में इसकी संभावना बहुत अधिक होती हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
- यूरिनरी फ्रीक्वेंसी में बढ़ोतरी
- यूरिन अर्जेन्सी में बढ़ोतरी
- यूरिन करते हुए बर्निंग पेन होना
- क्लॉउडी, स्ट्रांग स्मेल और पिंक यूरिन
- बुखार और चिल्स
- पेल्विस या बैक में दर्द
अधिकतर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। लेकिन, कुछ रेमेडीज भी इस समस्या से राहत पहुंचा सकती हैं। इसकी होम रेमेडीज में अधिक पानी पीना, कैफीन से बचना और पेट में हीटिंग पैड का इस्तेमाल करना आदि शामिल है।
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स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills): किडनी स्टोन्स (Kidney stones)
जब किडनी में मिनरल्स और साल्ट का बिल्ड-अप होता है, तो यह हार्ड फॉर्म में डिपॉजिट हो सकते हैं। इन्हें किडनी स्टोन्स कहा जाता है। इन हार्ड डिपॉजिट्स के कारण हो सकता है कि आपको तब तक कोई भी लक्षण न आएं जब तक वे गुर्दे या यूरिनरी ट्रैक्ट में पोजीशन बदलते हैं। गुर्दे में पथरी के कारण यह समस्याएं हो सकती हैं:
- यूरिनरी हैबिट्स और अमाउंट में बदलाव
- फीवर और चिल्स
- जी मिचलाना
- पेट, पीठ आदि में दर्द
- पेनफुल यूरिनेशन
- उल्टी आना
छोटे किडनी स्टोन्स खुद ही यूरिनरी ट्रैक्ट से पास हो सकते हैं। लेकिन, कुछ मामलों में स्टोन को रिमूव करने के लिए सर्जरी और अन्य मेडिकल प्रोसीजर की सलाह दी जाती है।
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प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis)
प्रोस्टेटाइटिस, प्रोस्टेट ग्लैंड में होने वाली इंफ्लेमेशन को कहा जाता है। जो पुरुषों के ब्लैडर के नीचे होते हैं। बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होते हैं, उनके कारण इस प्रकार हैं:
- यूरिनेशन में समस्या
- फ्लू जैसे लक्षण जैसे चिल्स
- क्लॉउडी या ब्लूडी यूरिन
- लगातार यूरिनेशन
- पेट, लोअर बेक, जेनिटल्स आदि में दर्द
- दर्द भरी यूरिनेशन
इसके उपचार में एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाइयां शामिल हैं। हीटिंग पैड का इस्तेमाल, खानपान का ध्यान रखकर और जीवनशैली में बदलाव से भी इसमें लाभ हो सकता है। इसके साथ ही अन्य दवाइयों की सलाह भी दी जा सकती है।
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निमोनिया (Pneumonia)
निमोनिया वो लंग इंफेक्शन है, जिससे एयर सैक्स में इंफ्लेमेशन हो सकती है। इस समस्या के लक्षण इस प्रकार हैं:
- छाती में दर्द
- स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills)
- खांसी में बलगम आना
- डायरिया
- सांस लेने में समस्या
- थकावट
- बुखार
- जी मिचलाना
बुजुर्गों, बच्चों और जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है, उनके लिए निमोनिया घातक हो सकता है। ऐसे में इसके लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। इसके उपचार में दवाइयां, रेस्ट करना और अन्य होम रेमेडीज शामिल हैं। अब जानिए कि स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) के अन्य कारण कौन से हैं?
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स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) के अन्य कारण इस प्रकार हैं:
- गॉलब्लेडर इंफ्लेमेशन (Gallbladder inflammation)
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic inflammatory disease)
- अपेंडिसाइटिस (Appendicitis)
- डायवर्टीकुलोसिस (Diverticulitis)
- सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis)
- ल्यूकेमिया (Leukemia)
- अग्न्याशयशोथ (Pancreatitis)
- मलेरिया (Malaria)
- शिंगल्स (Shingles)
- ट्यूबरक्यूलॉसिस (Tuberculosis)
- येलो फीवर (Yellow fever)
यह तो थे स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) के कुछ कारण। अब जानते हैं कि यह समस्या होने पर डॉक्टरों की सलाह कब लेनी चाहिए?
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स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills): कब लें डॉक्टर की सलाह?
अगर स्टमक पेन और चिल्स की समस्या कुछ दिनों से अधिक रहे या इनके साथ आपको कुछ अन्य समस्याएं भी हों, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, जैसे :
- डायरिया या वोमिटिंग
- बुखार
- मसल दर्द
- बिना किसी कारण के थकावट
यही नहीं, अगर आप स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) के साथ इन लक्षणों को भी अनुभव करें तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें:
- सांस लेने में समस्या
- छाती में दर्द
- 101°F या इससे अधिक बुखार
- बेहोशी
- नैक स्टिफनेस
- गंभीर सिरदर्द
- पेट में दर्द जो कंधे तक फैल जाए
- विजन प्रॉब्लम
इन स्थिति में उपचार में देरी करना घातक हो सकता है। अब जानिए कैसे बचा जा सकता है इन परेशानियों से?
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स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) से बचने के क्या हैं उपाय?
स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) के कई मामले बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन के कारण होते हैं। लेकिन, इनके कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
- अपने हाथों को फ्रीक्वेंटली साबुन से धोएं या एल्कोहॉल बेस्ड सनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
- संक्रामक बीमारी से पीड़ित लोगों से दूरी बनाएं।
- गंदे हाथों से आंखों और चेहरे को न छुएं।
- किचन और बाथरूम को लगातार डिसइनफेक्ट करें।
- इन समस्याओं का कारण बनने वाली बीमारियों से बचने के लिए टीकाकरण कराएं।
- अपनी पर्सनल चीजों जैसे बर्तन, तौलिया आदि को अन्य लोगों के साथ शेयर न करें।
- अन्य देशों में ट्रेवल करते हुए खास ध्यान रखें। दूषित पानी या खाना खाने से बचें।
- कच्चे या अधपके अंडे, मीट आदि को खाने से बचें।
इसके साथ ही स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) के रिस्क को कम करने के अन्य उपाय इस प्रकार हैं:
- पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य फ्लुइड्स पीएं।
- नियमित एक्सरसाइज करें।
- बैलेंस्ड डायट लें। जिसमें फल सब्जियों और साबुत अनाज को भरपूर मात्रा में शामिल करें।
- सेक्शुअल एक्टिविटीज के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करें।
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यह तो थी स्टमक पेन और चिल्स (Abdominal Pain and Chills) के बारे में जानकारी। इन परेशानियों के लक्षण इसके कारणों पर निर्भर करते हैं। अगर इसका कारण कॉमन कोल्ड, स्टमक फ्लूआदि हों, तो चिंता की कोई बात नहीं है। होम रेमेडीज, मेडिकेशन और इन दोनों से इन कंडिशंस का इलाज संभव है। अगर आपके मन में इस बारे में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से अवश्य पूछें।
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