हायेटल हर्निया की स्थिति में दर्द और हार्टबर्न के उपचार के लिए दवाइयां दी जा सकती हैं। दुर्लभ मामलों में सर्जरी की जरूरत भी हो सकती है। इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने की सलाह भी दी जा सकती है।
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स्टमक कंडिशंस में गैस्ट्रोपैरीसिस (Gastroparesis)
गैस्ट्रोपैरीसिस उस स्थिति को कहा जाता है, जिसमें रोगी के पेट को खाली में होने में बहुत अधिक समय लगता है। इस स्टमक प्रॉब्लम के लक्षणों में जी मिचलाना, उल्टी आना, वजन का कम होना, ब्लोटिंग, हार्टबर्न आदि शामिल है। इसके अलावा इसके कारण इस प्रकार हैं:
- डायबिटीज (Diabetes)
- दवाइयां जो इंटेस्टाइन को प्रभावित करें (Medication)
- स्टमक या वेगस नर्व सर्जरी (Stomach or vagus nerve surgery)
- एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia nervosa)
- पोस्टवायरल सिंड्रोम्स (Postviral syndromes)
- मसल, नर्वस सिस्टम या मेटाबोलिक डिसऑर्डर (Muscle, nervous system, or metabolic disorders)
स्टमक कंडिशंस (Stomach conditions) में इस समस्या के उपचार के लिए रोगी को मेडिकेशन्स और खानपान में बदलाव की सलाह दी जाती है। गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत भी हो सकती है।
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स्टमक कैंसर (Stomach cancer)
स्टमक कैंसर आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है। अधिकतर मामलों में यह स्टमक लायनिंग की सबसे अंदरूनी लेयर में शुरू होता है। अगर इसका उपचार समय पर न हो तो यह कैंसर अन्य अंगों या लिम्फ नोड्स या ब्लडस्ट्रीम में फैल जाता है। ऐसे में तुरंत इसका निदान और उपचार होना जरूरी है। इसके उपचार में सर्जरी (Surgery), रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy), कीमोथेरेपी (Chemotherapy), टार्गेटेड थेरेपी (Targeted therapy), या इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) आदि शामिल है।
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यह तो थी स्टमक कंडिशंस (Stomach conditions) यानी स्टमक प्रॉब्लम के बारे में जानकारी। अगर आपको पेट में कोई भी समस्या होती है या लक्षण नजर आता है, तो तुरंत इसका निदान कराएं। हर समस्या के लक्षण अलग हो सकते हैं। लक्षणों के अनुसार डॉक्टर उस पेट की समस्या का निदान और उपचार करते हैं। पेट में होने वाली समस्याओं को नजरअंदाज न करें। क्योंकि, यह किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकते हैं। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल हो तो अपने डॉक्टर से उस बारे में अवश्य जानकारी लें।