खाने से जुड़ी एक बात तकरीबन हमसभी अपने घरों में सुनते हैं कि खाना बनने में वक्त लगता है, लेकिन खाने में उतना वक्त नहीं लगता जितना बनाने में लगता है। वैसे ये तो हुई खाना बनाने और खाने से जुड़ी बात, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि डायजेशन का समय (Time Required To Digest Food) यानी खाना पचने में कितना वक्त लगता है? वैसे अगर आपने ये नहीं सोचा है या इस ओर ध्यान नहीं दिए है, तो कोई बात नहीं। आज इस आर्टिकल में हम डायजेशन का समय (Time Required To Digest Food) और डायजेशन (Digestion) से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों को शेयर करने जा रहें हैं।
- खाना डायजेस्ट होने में कितना वक्त लगता है?
- खाना पचने की प्रक्रिया क्या होती है?
- खाना पचने में परेशानी क्यों हो सकती है?
- डायजेशन के लिए टिप्स क्या हैं?
डायजेशन का समय (Time Required To Digest Food) और उनसे जुड़े सवालों का जवाब आगे समझते हैं।
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खाना डायजेस्ट होने में कितना वक्त लगता है?
डायजेशन का समय (Time Required To Digest Food) 24 से 72 घंटे का होता है। हालांकि खाना डायजेशन का समय इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने क्या खाया है। इसके साथ किसी भी भोजन को पचने में व्यक्ति के मेटाबॉलिज्म और डायजेस्टिव हेल्थ पर भी निर्भर करता है। अगर किसी व्यक्ति को पाचन से जुड़ी समस्या होगी, तो उनके लिए खाना पचने में और ज्यादा वक्त लग सकता है।
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डायजेशन का समय इस प्रकार है-
पेट खाली होने का समय (Gastric emptying) | 2 से 5 घंटे का समय |
बाउल ट्रांजिट (Bowel transit) | 2 से 6 घंटे का समय |
कोलोनिक ट्रांजिट (Colonic transit) | 10 से 59 घंटे का समय |
गट ट्रांजिट (Gut transit) | 10 से 73 घंटे का समय |
ये है सामान्य डायजेशन का समय। हालांकि अगर मीट या मछली जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाए तो इन्हें पूरी तरह से पचने में ज्यादा वक्त लगता है।
खाना पचने की प्रक्रिया क्या होती है? (Process of Digestion)
खाना पचने की प्रक्रिया को यहां एक-एक कर समझते हैं। जैसे:
स्टेप 1- जब हम खाना शुरू करते हैं, तो सबसे पहले खाना मुंह में जाता है और दांतों का काम सबसे पहले इसे तोड़ना होता है और खाना लार के साथ मिक्स होता है और इसे मुंह अच्छी तरह से चबाता है, जिससे आगे की प्रक्रिया आसान हो सके।
स्टेप 2- अब खाना फैरिंक्स (Pharynx) से होते हुए एसोफेगस (Esophagus) में पहुंचता है।
स्टेप 3- ध्यान रखें खाना एसोफेगस में रुकता नहीं है और सीधे पेट में प्रवेश करता है।
स्टेप 4- अब पेट में खाना कुछ देर तक रहता है। यहां पेट में मौजूद गैस्ट्रिक जूस प्रोटीन एवं अन्य तत्वों को तोड़ने का काम करते हैं। यहां कुछ तत्वों को पेट अपने आप एब्सॉर्ब कर लेता है वहीं कुछ ऐसे भी तत्व होते हैं जिन्हें पचने में पेट की सहायता लेनी पड़ती है।
स्टेप 5- खाना अब छोटी आंत में प्रवेश कर जाता है।
स्टेप 6- छोटी आंत में डायजेस्टिव जूस खाने में मौजूद कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates), विटामिन् (Vitamin), मिनरल्स (Minerals), पानी (Water) और लिपिड्स (Lipids) को एक दूसरे से अलग करने का काम करता है।
स्टेप 7- लिवर (Liver), गाल ब्लैडर (Gallbladder) और पैंक्रियाज (Pancreas) से रिलीज होने वाले तरल पदार्थ खाने को डायजेस्ट होने में सहायता प्रदान करते हैं।
स्टेप 8- सबसे अंत में खाना बड़ी आंत में पहुंचता है, जहां से खून के माध्यम से शरीर के सभी हिस्सों में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होती है और जो वेस्ट होता है वह शरीर से बाहर निकल जाता है।
डायजेशन का समय (Time Required To Digest Food) और खाने को डायजेस्ट होने की प्रक्रिया यही है।
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खाना पचने में परेशानी क्यों हो सकती है?
कुछ स्थितियां डायजेशन का समय और डायजेशन दोनों में बाधा पहुंचा सकती हैं। इन परेशानियों के बारे में आगे समझेंगे। जैसे:
एसिड रिफ्लक्स Acid reflux)- जब किसी कारण से लोअर एसोफेगस में समस्या होने लगे तो ऐसी स्थिति में एसिड रिफ्लक्स की समस्या शुरू हो सकती है और डायजेशन का समय (Time Required To Digest Food) बिगड़ सकता है।
सीलिएक डिजीज (Celiac disease)- इम्यून सिस्टम (Immune system) और इंटेस्टाइन (Intestines) जुड़ी समस्या होने पर पाचन क्रिया पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है।
कब्ज Constipation)- कब्ज की समस्या होने पर डायजेशन का समय (Time Required To Digest Food) प्रभावित होता है और पाचन क्रिया भी बिगड़ जाती है।
इंफ्लेमेंटरी बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease)- पेट में अल्सर (Stomach Ulcer), दर्द (Pain), डायरिया (Diarrhea) या मालन्यूट्रिशन (Malnutrition) जैसी समस्याओं का बुरा प्रभाव डायजेशन के समय पर पड़ता है।
लैक्टोज इंटॉलरेंस (Lactose intolerance)- जिन लोगों में लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है, उन्हें भी डायजेशन से जुड़ी समस्या हो सकती है।
ये रहीं कुछ शारीरिक परेशानियां जिनकी वजह से डायजेशन का समय बिगड़ सकता है और व्यक्ति की परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि इन ऊपर बताये मेडिकल कंडिशन के अलावा और भी हेल्थ कंडिशन डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive system) को बिगाड़ सकते हैं।
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डायजेशन का समय: डायजेशन के लिए टिप्स क्या हैं?
खाना पचने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- अपने लंच या डिनर को छोटे-छोटे मील में डिवाइड करें।
- सोने का समय फिक्स करें। बेहतर होगा समय पर सोने और जल्दी जागने की आदत डालें।
- रोजाना एक्सरसाइज, योगासन या टहलने को अपने रूटीन में शामिल करें।
- बॉडी को फिजिकली एक्टिव रखें। इसलिए फिजिकली एक्टिव रहें।
- खाने को अच्छी तरह से चबा कर खाएं और तेजी से नहीं खाएं।
- खाने के तुरंत बाद पानी का सेवन ना करें।
- सोने के दो से ढ़ाई घंटे पहले डिनर करें।
- खाने के तुरंत बाद ना सोएं।
- ढ़ीले कपड़े पहनें।
ये 9 बातें आपके डायजेशन को बेहतर बनाने में आपके लिए सहायक हो सकती हैं।
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पाचन क्रिया को बेहतर बनाये रखने के लिए क्या करें?
पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- पानी (Water) एवं तरल पदार्थों का सेवन करें।
- जरूरत से ज्यादा ना खाएं।
- हमेशा ताजा खाना खाएं।
- डिनर के वक्त थोड़ा कम खाएं।
- अपने डेली डायट में हेल्दी फैट (Healthy fat), दूध (Milk), दही (Curd) को शामिल करें।
- चीनी की जगह गुड़ या किशमिश का सेवन करें।
नोट: अच्छे डायजेशन के लिए जंक फूड (Junk food) एवं तैलीय चीजों (Oily food) से दूरी बनायें।
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फूड डायजेस्ट होने में लगने वाला समय और पाचन क्रिया से जुड़ी यहां दी गई जानकारी आपके लिए लाभकारी होंगी अगर आपको पाचन क्रिया से जुड़ी हुई कोई परेशानी रहती है, तो इसे इग्नोर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें। डॉक्टर आपके डायजेशन से जुड़ी परेशानियों को समझकर और मेडिकल हिस्ट्री को जानकार ठीक तरह से इलाज करेंगें। समय पर शुरू की गई ट्रीटमेंट किसी भी गंभीर बीमारियों से दूर रहने में मददगार हो सकती हैं। इसलिए शारीरिक परेशानियों को नजरअंदाज ना करें और समय पर डॉक्टर से सलाह लें।
कॉन्स्टिपेशन (Constipation) की समस्या को योग से भी दूर किया जा सकता है। जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।
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