ऑस्मोटिक लैक्सेटिव्स इंस्टेटाइन में पानी को खींचकर लाने में मदद करते हैं। डिहायड्रेशन (Dehydration) की वजह से कब्ज का सामना कर रहे लोगों के लिए यह अच्छा विकल्प नहीं है। क्योंकि यह खुद डिहायड्रेशन और मिनरल इम्बैलेंस का कारण बन सकता है। बुजुर्गों, हार्ट एवं किडनी की बीमारियों का सामना कर रहे हैं लोगों को इस लैक्सेटिव्स का यूज डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। साथ ही ऑस्मोटिक लैक्सेटिव्स का यूज कर रहे व्यक्ति पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
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फायबर बेस्ड लैक्सेटिव्स (Fiber-based laxatives)
डॉक्टर कई बार बल्क फॉर्मिंग लैक्सेटिव रिकमंड करते हैं, जिनमें फायबर होता है। अगर कब्ज से पीड़ित व्यक्ति रेगुलर डायट में फायबर (Fiber) की पर्याप्त मात्रा नहीं ले रहा, तो डॉक्टर इन फायबर बेस्ड लैक्सेटिव्स का उपयोग रिकमंड कर सकते हैं। ये लैक्सेटिव्स क्रोनिक और लंबे समय से कॉन्टिपेशन का शिकार कर रहे लोगों के लिए रिकमंड किए जाते हैं। ये लैक्सेटिव्स लंबे समय तक उपयोग के लिए भी सुरक्षित होते हैं। अगर इन्हें उचित प्रकार से लिया जाए तो इनके साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते।
सलाइन लैक्सेटिव्स (Saline laxatives)
ऑस्मोटिक लैक्सेटिव्स की तरह सलाइन लैक्सेटिव्स स्टूल में पानी पहुंचाने का काम करते हैं। इस लैक्सेटिव्स में मिनरल सॉल्ट्स जैसे कि मैग्नीशियम सिटरेट (magnesium citrate) और मैग्नीशियम ऑक्साइड ( magnesium oxide) का यूज किया जाता है। सलाइन लैक्सेटिव्स सभी के उपयोग के लिए सही नहीं है। उदहारण के लिए जो लोग सोडियम लेवल को लो करने के लिए मेडिकेशन का उपयोग कर रहे हैं या किडनी में कैल्शियम लेवल को कम करने की दवाएं ले रहे हैं, उन्हें इस लैक्सेटिव का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह शॉर्ट टर्म कॉन्स्टिपेशन के उपचार के लिए ठीक है, लेकिन लंबे समय तक इनका उपयोग डिहायड्रेशन का कारण बन सकता है।