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बार-बार मिसकैरिज होने का कारण जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल

बार-बार मिसकैरिज होने का कारण जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल

मिसकैरिज (गर्भपात) ऐसा शब्द है जो महिला के लिए किसी डरावने सपने जैसा हो सकता है। सभी प्रेग्नेंट महिलाएं चाहती हैं कि उनका शिशु 9 महीने के बाद सुरक्षित रूप से जन्म लें, मगर कुछ के साथ ऐसा नहीं हो पाता। कुछ मामलों में भ्रूण गर्भ में ही मर जाता है, तो मिसकैरिज के कुछ मामलों में भ्रूण रक्तस्राव के साथ बाहर आ जाता है। यदि किसी महिला का एक से अधिक बार मिसकैरिज हुआ है, तो बार-बार मिसकैरिज होने का कारण (Cause of Repeated Miscarriages) एक नहीं बल्कि कई हो सकते हैं।

रिकरेंट मिसकैरिज यानी बार-बार मिसकैरिज (Repeated Miscarriages) होना। दो या उससे अधिक बार गर्भपात होने को रिकरेंट मिसकैरिज कहते हैं। सभी प्रेग्नेंसी में करीब 15-20 प्रतिशत मामलों में मिसकैरिज हो जाता है, जिसमें से 75% गर्भपात प्रेग्नेंसी के पहले 12 हफ्तों में होता है। यदि किसी महिला का दो बार गर्भपात हो चुका है तो तीसरी प्रेग्नेंसी में मिसकैरिज का खतरा 40% अधिक बढ़ जाता है। दो या उससे अधिक बार गर्भपात होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरूरी है। बार-बार मिसकैरिज होने का कारण (Cause of Repeated Miscarriages) का पता लगाना जरूरी है ताकि एक बार सेफ प्रेग्नेंसी के जरिए बच्चे को जन्म दिया जा सके।

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बार-बार मिसकैरिज होने के कारण (Cause of Repeated Miscarriages):

बार-बार मिसकैरिज होने का कारण (Cause of Repeated Miscarriages)

बार-बार मिसकैरिज होने का कारण हो सकती हैं जेनेटिकल प्रॉब्लम्स

बार-बार मिसकैरिज होने का कारण (Repeated Miscarriages) जेनेटिक यानी अनुवांशिक समस्याएं हो सकती हैं। दोनों में से किसी एक पार्टनर या दोनों की ही जेनेटिक प्रॉब्लम (Genetic problem) की वजह से भ्रूण का विकास सामान्य रूप से नहीं हो पाता। अध्ययन के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीने में होने वाले 50-60 प्रतिशत गर्भपात क्रोमोसोमल असमान्यताओं के कारण होते हैं।

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बार-बार मिसकैरिज होने का कारण बन सकता है असामान्य हाॅर्मोन लेवल

बार-बार मिसकैरिज होने का कारण (Repeated Miscarriages) असामान्य हॉर्मोनल चेंज हो सकता है। जब यूटराइन लाइनिंग पर्याप्त रूप से विकसित नहीं होती तो मिसकैरिज होता है। फर्टिलाइज अंडाणुओं को पोषण और इंप्लामेंटेशन के लिए अच्छा वातावरण नहीं मिलता जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा हाॅर्मोन के असंतुलन की वजह से होता है। थायरॉइड (Thyroid), एड्रिनल ग्लैंड (Adrenal gland) प्रॉब्लम और डायबिटीज (Diabetes) का शिकार महिलाओं में हाॅर्मोनल इंबैलेंस (Hormonal Imbalance) के कारण गर्भपात का खतरा अधिक होता है।

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 संरचनात्मक समस्याएं भी हो सकती हैं बार-बार मिसकैरिज (Repeated Miscarriages) होने का कारण

गर्भाशय की सरंचना यदि ठीक न हो तब भी मिसकैरिज हो सकता है। गर्भाशय की असामान्यताएं जैसे फाइब्रॉएड, इंफेक्शन आदि भी गर्भपात के लिए जिम्मेदार होते हैं। गर्भाशय की दीवारें यदि कमजोर हैं, तो भी मिसकैरिज (Miscarriages) हो सकता है।

कमजोर सर्विक्स भी है बार-बार मिसकैरिज (Repeated Miscarriages) होने का कारण

जिन महिलाओं का सर्विक्स कमजोर होता है, उनमें भी गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि भ्रूण का विकास होते ही सर्विक्स खुल जाता है जिससे मिसकैरिज हो जाता है।

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बार-बार मिसकैरिज होने का कारण संक्रमण

जर्मन मिसल्स (रूबेला), हर्पीज सिंप्लेक्स, यूरियाप्लाज्मा, साइटोमेगालोवायरस और क्लामेडिया जैसे इंफेक्शन भ्रूण के विकास को प्रभावित करते हैं और बार-बार होने वाले गर्भपात का कारण बन सकते हैं।

पर्यावरणीय कारक भी हो सकते हैं बार-बार मिसकैरिज होने का कारण

आसपास के वातावरण में मौजूद प्रदूषण और जहरीले तत्व भी मिसकैरिज के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। यदि महिला प्रेग्नेंसी के 20 हफ्ते के बाद से लगातार इनके संपर्क में हैं तो भ्रूण को हानि पहुंच सकती है। अध्ययन के मुताबिक, मारिजुआना, तंबाकू, कैफीन और एल्कोहॉल का सेवन भी भ्रूण को नुकसान पहुंचाता है और ये सब गर्भपात का कारण बन सकते हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को इनसे दूर रहना चाहिए।

इम्यूनोलॉजिकल कारण

इम्यूनोलॉजिकल (Immunological) समस्याओं की एक श्रेणी जो मिसकैरिज के लिए जिम्मेदार हो सकती है, वह है एंटीफॉस्फोलिपिड एंटीबॉडी। इसका पता ब्लड टेस्ट (Blood test) के जरिए लगाया जाता है। यदि यह शरीर में मौजूद होता है तो खून पतला करने वाली दवा दी जाती है। बेबी एस्प्रीन (81 mg) रोजाना दी जा सकती है। इसके अलावा हेपरिन इंजेक्शन का इस्तेमाल भी खून पतला करने के लिए किया जाता है। इम्यूनोलॉजिकल कारणों की एक अन्य श्रेणी महिला की भ्रूण को सामान्य रूप से दी जाने वाली सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया से रोकती है, जिससे मिसकैरिज (Miscarriages) का खतरा बढ़ जाता है।

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बार-बार मिसकैरिज (Repeated Miscarriages) होने का कारण पता करने के लिए कराएं ये टेस्ट

यदि आपका दो या अधिक बार मिसकैरिज हो चुका है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर मिसकैरिज के संभावित कारणों का पता लगाकर आगे उसे रोकने की कोशिश करेंगे। इसके लिए वह आपको कई तरह के टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं, जिसमें शामिल हैंः

हार्मोनल टेस्ट से पता चल सकता है बार-बार मिसकैरिज होने का कारण

यदि आपने पहले प्रोलैक्टिन (Prolactin), थायरॉइड (Thyroid) और प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (Progesterone test) करवाया है और वह असामान्य थे जिसके लिए डॉक्टर ने आपको उपचार के लिए कहा था, तो ये टेस्ट दोबारा करवाएं ताकि इनके स्तरों का सही-सही पता लग सके और बार-बार मिसकैरिज होने के कारण का पता चल सके।

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स्ट्रक्चरल टेस्ट से डॉक्टर जान सकते हैं

हिस्टेरोस्लिंगोग्राम (Hysterosalpingogram) गर्भाशय के शेप और साइज का मूल्यांकन करने और गर्भाशय, पॉलीप्स, फाइब्रॉएड या एक सेप्टल दीवार में संभावित स्कारिंग का पता लगाने के लिए किया जाता है, जिसकी वजह से इंप्लानटेशन प्रभावित हो सकता है। यदि यूटराइन कैविटी से जुड़ी कोई चिंता है तो उसके लिए हिस्टेरोस्कोपी किया जा सकता है। कुछ महिलाओं की सर्विकल मसल्स बहुत ढीली होती है, जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के पहले ट्राइमेस्टर में ही मिसकैरिज हो जाता है। प्रेग्नेंसी के पहले ही एक सिंपल टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि महिला का सर्विक्स सामान्य यानी सक्षम है या नहीं।

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 यूटराइन लाइनिंग टेस्ट से पता लगा सकते हैं

एंडोमेट्रियल बायोप्सी साइकल के 21वें दिन या उसके बाद यह देखने के लिए किया जाता है कि क्या लाइनिंग फर्टिलाइज एग को इंप्लांट करने के लिए पर्याप्त रूप से मोटी हो रही है। यदि लाइनिंग का विकास दो या उससे अधिक दिन पीछे है तो इसका इलाज कई तरह के हॉर्मोन्स (क्लोमीफीन, एचसीजी, प्रोजेस्टेरोन) से किया जाता है। कई साइकल के बाद फिर से बायोप्सी यह जांचने के लिए की जाती है कि इलाज से मदद मिल रही है या नहीं।

बार-बार मिसकैरिज (Repeated Miscarriages) होने का कारण का पता चल सकता है जेनेटिक टेस्टिंग से

क्रोमोसोमल टेस्ट शायद ही कभी मिसकैरिज के टिशू पर किया जाता है, क्योंकि इसे पर्याप्त अध्ययन के लिए प्रिजर्व करना मुश्किल होता है। यदि क्रोमोसोमल टेस्ट की आवश्यकता होती है, तो आपके और आपके पार्टनर का ब्लड टेस्ट (Blood test) यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि जींस का कोई ट्रांस्लोकेशन (ऐसी स्थिति जिसमें जीन की संख्या सामान्य 46 होती है, लेकिन वे असामान्य रूप से एक साथ जुड़ जाते हैं) नहीं है। यह स्थिति बार-बार मिसकैरिज का कारण बन सकती है। इस टेस्ट बार-बार मिसकैरिज होने का कारण (Cause of Repeated Miscarriages) पता चल जाता है।

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बार-बार मिसकैरिज (Repeated Miscarriages) के बाद मेरे सफल गर्भधारण की कितनी संभावना है?

यदि किसी महिला का दो से अधिक बार गर्भपात हो जाता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कई बार बार-बार मिसकैरिज के कारण का पता नहीं चल पाता। ऐसे में महिलाएं अपनी अगली प्रेग्नेंसी को लेकर आशंकित रहती हैं। जहां तक गर्भधारण की बात है तो कई अध्ययनों के मुताबिक, यदि गर्भपात के कारणों का पता नहीं चल पाता है तो बार-बार मिसकैरिज के बाद भी 65% महिलाओं को सफल गर्भधारण हुआ है।

मिसकैरिज महिलाओं को न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर बना देता है। ऐसे में पार्टनर को महिला का पूरा सहयोग करना चाहिए और अगली प्रेग्नेंसी की प्लानिंग डॉक्टर की सलाह और फीमेल पार्टनर के पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही करना चाहिए।

हमें उम्मीद है कि मिसकैरिज होने का कारण (Cause of Repeated Miscarriages) पता लगाने के विषय पर आधारित ये आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। अगर एक से ज्यादा बार मिसकैरिज हो चुका है और बार-बार मिसकैरिज होने का कारण पता नहीं चल पा रहा है तो तुरंत इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें ताकि इसे रोका जा सके।

प्रेग्नेंसी के दौरान छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। ऐसे में फोन के इस्तेमाल को लेकर भी ध्यान रखना जरूरी है। नीचे दिए इस क्विज को खेलिए और जानिए आवश्यक बातें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

MULTIPLE MISCARRIAGE/https://resolve.org/infertility-101/medical-conditions/multiple-miscarriage/

(Accessed on 28 November 2019)

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Recurrent Pregnancy Loss/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2709325/

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Evidence-based management of recurrent miscarriages/https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4229790/Accessed on 31/08/2021

 

Current Version

31/08/2021

Kanchan Singh द्वारा लिखित

Updated by: Nidhi Sinha


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Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/08/2021

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