प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याएं : स्ट्रेस में रहने वाली महिला
वैसे तो तनाव किसी की भी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। लेकिन, प्रेग्नेंसी के दौरान प्रेग्नेंट महिला का ज्यादा स्ट्रेस (Stress) में रहना गर्भ में पल रहे शिशु और मां की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।
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अधिक वजन वाली औरतें
ओवरवेट या मोटापे की शिकार महिलाओं की प्रेग्नेंसी भी हाई रिस्क पर होती है क्योंकि इन महिलाओं में उच्च रक्तचाप (High blood pressure), थाइरायड (Thyroid), मधुमेह (Diabetes) जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। बीमारियों के कारण महिलाओं को अधिक सावधानी रखने की जरूरत भी पड़ती है। खानपान से लेकर आवश्यक चेकअप महिलाओं को रिस्क से बचाएं रखने में मदद करते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याएं : पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (PCOS)
पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (PCOS) एक ऐसा हॉर्मोन विकार है जो गर्भवती रहने के लिए एक महिला की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। वहीं पीसीओडी की समस्या गर्भपात की उच्च दर, प्रीक्लेम्पसिया की समस्या और समय से पहले प्रसव के खतरे को बढ़ा सकता है।
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नशीले पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाएं
जो महिलाएं धूम्रपाम, एल्कोहॉल या अन्य किसी तरह के मादक पदार्थ का सेवन करती हैं। उनकी गर्भावस्था भी हाई रिस्क में ही रहती है क्योंकि इन चीजों का असर गर्भवती और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों पर पड़ता है। जो महिलाएं कंसीव करने के पहले से ही एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करती हैं, उन्हें इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
एक से ज्यादा बच्चों को जन्म देना (मल्टीपल बर्थ)
यदि महिला के गर्भ में जुड़वां या अधिक बच्चे पल रहे हैं तो ऐसी महिला हाई रिस्क प्रेग्नेंसी लिस्ट में शामिल होती है। जुड़वा बच्चे में यदि एक बच्चे को किसी प्रकार की समस्या हो जाती है तो गर्भ में पल रहे दूसरे बच्चे को भी खतरा अधिक बढ़ जाता है। जुड़वा बच्चों की नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) की संभावना भी सामान्य की तुलना में कम होती है। वहीं जुड़वा बच्चों (Twins) के प्रसव को सामान्य बच्चों के प्रसव की तुलना में कठिन माना जाता है।
खून की कमी होना
शरीर में खून की कमी के कारण एनीमिया (Anemia) की समस्या हो जाती है। महिलाओं में एनीमिया की समस्या प्रेग्नेंसी के दौराना समस्याएं खड़ी करता है। यदि कंसीव करने से पहले ही महिला रेगुलर चेकअप कराएं और साथ ही पौष्टिक आहार लें तो वो इस समस्या से बच सकती है। गर्भावस्था के दौरान ब्लड टेस्ट (Blood test) कराना भी बहुत जरूरी है ताकि खून की कमी का पता लगाया जा सके। साथ ही महिलाओं को गर्भावस्था के पहले से ही फोलिक एसिड (Folic acid) की दवाओं का सेवन करना चाहिए। अगर इन बातों पर ध्यान दिया जाए तो खून की कमी से बचा जा सकता है।