प्रेग्नेंसी में खांसी (Cough during pregnancy) की समस्या काफी आम हो सकती है। कुछ मामलों में प्रेग्नेंसी में खांसी की समस्या साधारण सर्दी-जुकाम हो सकती है, तो कुछ मामलों में यह वायरल फ्लू के भी कारण हो सकती है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले शारीरिक परिवर्तन के कारण गर्भवती महिला की इम्युनिटी सिस्टम की कार्य क्षमता भी प्रभावित हो सकती है और यही कारण है कि प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी, सर्दी और जुकाम जैसी समस्याओं बहुत जल्दी होने लगती है। ऐसे में कुछ तरह की दवाओं का इस्तेमाल करना भी काफी खतरनाक हो सकता है। इस आर्टिकल में जानें प्रेग्नेंसी में खांसी की समस्या से राहत पाने के घरेलू उपाय।
और पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में दाद की समस्या के कारण और बचाव के तरीके
प्रेग्नेंसी में खांसी होने के कारण क्या हैं? (What are the causes of cough during pregnancy?)
आमतौर पर खांसी का प्रेग्नेंसी से सीधा को कनेक्शन नहीं है। सर्दी-खांसी की समस्या किसी को भी हो सकता है। हालांकि, जैसा प्रेग्नेंसी के दिनों में महिलाओं की इम्यून सिस्टम पहले के मुकाबले कमजोर हो जाता है, जिसकी वजह से उन्हें वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
प्रेग्नेंसी में खांसी होने के लक्षण (Symptoms of cough during pregnancy)
- निमोनिया के लक्षण
- सीने में दर्द होना
- गले में खराश होना
- बहती या बंद नाक की समस्या
- छींक आना
- आंखों में पानी आना
- शरीर का बढ़ा हुआ तापमान
- बहुत ज्यादा थकान महसूस करना।
प्रेग्नेंसी में खांसी की समस्या (Cough during pregnancy) का इलाज करने के लिए क्या करना चाहिए?
प्रेग्नेंसी में खांसी की समस्या (Cough during pregnancy) से राहत पाने के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह मानें। इस दौरान डॉक्टर आपको दवाओं के इस्तेमाल की तरह विशेष तरह की डायट और घरेलू उपचार की सलाह दे सकते हैं, जैसे गर्म पानी से गरारे करना, गर्म चाय या तरल पदार्थ पीना आदि।
[mc4wp_form id=”183492″]
प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी (Cough during pregnancy) में दवाओं का इस्तेमाल करने के नुकसान
आमतौर पर सामान्य स्थिति में सर्दी-खांसी के उपचार के लिए डॉक्टर टॉइलेनॉल जैसे दवाओं के खुराक की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी की समस्या होने पर डॉक्टर टॉइलेनॉल के साथ-साथ अन्य दवाओं के इस्तेमाल से भी परहेज करने का निर्देश दे सकते हैं। इन दवाओं के सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे को अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर होने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में आप अपने डॉक्टर की सलाह पर कुछ घरेलू उपायों के इस्तेमाल से प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी की समस्या से राहत पा सकती हैं।
और पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में नॉन-इनवेसिव प्रीनेटल टेस्ट क्यों करवाना है जरूरी?
प्रेग्नेंसी में खांसी के उपचार के लिए घरेलू तरीके (Home remedies for cough during pregnancy)
प्रेग्नेंसी में खांसी के उपचार के लिए यहां पर हम आपको कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं, जिनमें शामिल हैंः
लहसुन का सेवन करना
लहसुन में एंटीऑक्सडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीबायोटिक जैसे गुण पाए जाते हैं जो कई तरह के इंफेक्शन को दूर करने में मददगार होते हैं। खांसी का सबसे बड़ा कारण गले में इंफेक्शन हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप कच्चे लहसुन से गले के इंफेक्शन को दूर करके प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी का उपचार कर सकती हैं। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान आपको लहसुन की कम ही मात्रा खानी चाहिए। एक बार में अधिक मात्रा खाने की बजाय आप हर दिन कच्चे लहसुन की दो कलियां चबा सकती हैं। अगर आपको कलियों का स्वाद अच्छा नहीं लगता है, तो आप इसे पानी के साथ निगल भी सकती हैं। इसके अलावा आप इसके स्वाद को बेहतर बनाने के लिए इसमें शहद भी मिक्स कर सकती हैं।
विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना
प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी का उपचार करने के लिए विटामिन सी युक्त फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। इनके सेवन से इम्यून सिस्टम में भी सुधार होता है। इसके लिए आप संतरे, कीनू, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, तरबूज, कीवी, आम, टमाटर, लाल मिर्च, पपीता, ब्रोक्ली, लाल गोभी और पालक को अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में विटामिन सी युक्त पदार्थों का सेवन न करें। अगर आप प्रेग्नेंसी में पपीता खा रही हैं, तो यह निश्चित कर लें कि पपीता पूरी तरह से पका हुई है। कच्चा पपीता मिसकैरिज का कारण बन सकता है।
और पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में सेक्स के दौरान ब्लीडिंग क्यों होता है? जानें कुछ सुरक्षित सेक्स पोजिशन
जिंक फूड्स
सर्दी-जुकाम का सबसे सामान्य कारण राइनोवायरस हो सकता है। यह वायरस आमतौर पर गले और सांस की नली में पनपता है और वहीं से शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलता है। इससे राहत पाने के लिए आप अपनी डायट में जिंक का सेवन करें। जिंक में मौजूद गुण इस वायरस को रोकने का कार्य करते हैं और गले और नाक की श्लेष्मा झिल्ली को इससे संक्रमित होने से भी बचाते हैं। याद रखें कि, जिंक के तौर पर एक गर्भवती महिला को सिर्फ जिंक युक्त खाद्य पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए। उसे जिंक की दवाओं या सिरप का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। जिंक युक्त खाद्य पदार्थों के तौर पर आप पालक, गेहूं के बीज का तेल, कद्दू के बीज, कुछ तरह मांस व मटन का सेवन कर सकती हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी से राहत पाने के लिए शहद का सेवन
शहद औषधीय गुणों से भरपूर होता है। खांसी के उपचार के लिए शहद का सेवन करना सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। शहद के सेवन से न सिर्फ खांसी और गले की खराश की समस्या दूर होती है, बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है। दिन में आप कुछ-कुछ अंतराल पर तीन चम्मच शहद का सेवन कर सकती हैं।
नींबू
हरे और पीले रंग का नींबू विटामिन सी का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है। नींबू के रस में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल के गुण होते हैं। इसके अलावा नींबू में पोटैशियम की मात्रा भी पाई जाती है, जो लंग्स को सही तरह से कार्य करने में मदद करता है। साधा नींबू का रस पीने की बजाय आप पीने के पानी में नींबू का रस मिलाकर पी सकती हैं।
सेब का सिरका
सेब का सिरका क्षारीय स्वाद वाला अम्ल होता है। जिसकी तेज खुशबू सिर दर्द की समस्या को भी दूर कर सकती है। साथ ही, सर्दी और खांसी के कीटाणुओं को खत्म करने में भी सेब का सिरका काफी मददगार होता है। इसके लिए आप थोड़े से पानी या बिना दूध की चाय में एक या दो चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पी सकती हैं। आप दिन भर में दो या तीन बार इसका सेवन कर सकती हैं।
और पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में मसाज के 1 नहीं बल्कि हैं 11 फायदे
प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी (Cough during pregnancy) होने पर मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी होने पर एक गर्भवती महिला को कई खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसेः
शरीर को हाईड्रेडट बनाए रखना
प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी की समस्या होने पर गला बार-बार सूखने लगता है। इस समस्या से राहत पाने के लिए उचित मात्रा में पानी का सेवन करें। दिन भर सिर्फ पानी पीने की बजाय आप ताजे फलों के जूस और सब्जियों के सूप का भी सेवन कर सकती हैं।
गर्म पानी से गरारे करना
गुनगुने पानी से गरारा करने से सांस की नली में पैदा या जमा हुए संक्रमण को आसानी से कम किया जा सकता है। इसके आप इस गरारे के लिए किए गए गुनगुने पानी एक या दो चम्मच नमक भी मिला सकती हैं। नकम का मिश्रण गले की टिश्यू की सूजन और दर्द की समस्या को कम करने में मदद करता है। साथ ही, ऐसा करने से बलगम की समस्या में भी राहत मिलती है।
और पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में अस्थमा की दवाएं खाना क्या बच्चे के लिए सुरक्षित हैं?
इम्युनिटी को बढ़ाने का ध्यान रखें
प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी के उपचार के साथ-साथ आपको शरीर की इम्यूनिटी को भी बढ़ाने चाहिए। इसके लिए आप मल्टी विटामिन्स फूड्स और फ्रूट्स का सेवन कर सकती हैं। आपको मौसमी सब्जियों और फलों का भरपूर सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।
शरीर को गर्म रखें
गर्भावस्था में सर्दी-खांसी की समस्या होने पर गर्भवती महिला को एसी युक्त कमरे में नहीं होना चाहिए। कोशिश करें की स्वच्छ और खुली हवा युक्त कमरे में ही रहें। कमरे का ठंडा तापमान या मौसम सर्दी-खांसी की समस्या को बढ़ा सकता है। जिसके कारण बुखार की भी समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए उचित कपड़े पहनें।
ज्यादा से ज्यादा आराम करें
प्रेग्नेंसी में सर्दी-जुकाम या खांसी की समस्या होने पर महिला को ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने इंफेक्शन को बहुत जल्दी दूर कर सकती हैं और परिवार के अन्य सदस्यों को भी खांसी-सर्दी होने से बचाए रख सकती हैं।
और पढ़ेंः गर्भ में शिशु का हिचकी लेनाः जानें इसके कारण और लक्षण
साफ-सफाई का भी ध्यान रखें
सर्दी-खांसी का वायरस राइनोवायरस हवा के जरिए एक-दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए अपनी साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें। गंदगी युक्त स्थानों में जाएं। जब भी खांसे या छीकें मुंह पर टिश्यू या साफ कपड़े का इस्तेमाल करें। साथ ही, कुछ भी खाने-पीने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं और हमेशा फ्रेश और गर्म खाना ही खाएं।
प्रेग्नेंसी के दौरान खांसी (Cough during pregnancy) होने पर मुझे डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
अगर गर्भवती महिला की खांसी घरेलू उपायों से ठीक नहीं होती है और खांसी की समस्या पिछले 10 दिनों से बनी हुई है, तो उसे अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, अगर बलगम या नाक से बहने वाले पदार्थ का रंग हरा दिखाई दे, तो यह साइनासाइटिस या ब्रोंकाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। जिसके उपचार के लिए आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
[embed-health-tool-pregnancy-weight-gain]