गर्भावस्था के तीसरी तिमाही में व्यायाम करने से गर्भवती महिला को प्रसव के लिए तैयार होने में मदद मिलती है। यदि आप गर्भावस्था के दौरान व्यायाम नहीं करती हैं तो शिशु के गर्भ में एडजस्ट करने से शरीर की मुख्य मांसपेशियां कमजोर होती हैं। इन मांसपेशियों को सुचारू रखने से आपको लेबर में संकुचन के दौरान अच्छा नियंत्रण मिलता है।
अमेरिकन कांग्रेस ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज “सामान्य व स्वस्थ गर्भावस्था वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है और उन्हें इसकी सिफारिश की जाती है। तीसरे ट्राइमेस्टर में व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या मिडवाइफ के साथ परामर्श करना महत्वपूर्ण है। थर्ड ट्राइमेस्टर की एक्सरसाइज में कुछ जटिलताएं होती हैं जो व्यायाम को असुरक्षित बनाती हैं।’
गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने से गर्भवती महिलाओं को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस
- ब्लडप्रेशर
- मनोदशा
- वजन पर काबू
और पढ़ें- क्या सिजेरियन के बाद व्यायाम किया जा सकता है?
अंतिम यानी तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज करते समय ये सावधानी बरतें
- उन व्यायामों से बचना चाहिए जिनमें आपको पीठ के बल पर सपाट लेटने की आवश्यकता है।
- पेट के बल लेटने से बचें।
- तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज के दौरान खुद को हाइड्रेटे रखें।
- उच्च प्रभाव वाले व्यायामों से बचें जिनमें कूदना शामिल है।
- उन व्यायामों को न करें जिनके लिए बहुत समय तक खड़े रहने की आवश्यकता है।
- ऐसे व्यायाम जिनमें गिरने का खतरा हो उनसे बचना चाहिए।
यदि आपकी निम्न हेल्थ कंडिशंस हैं तो एरोबिक व्यायाम से बचें –
हृदय रोग, डिसेबल सर्विक्स, फेफड़े की बीमारी, मल्टिपल प्रेग्नेंसी, प्लेसेंटा प्रीविया, प्रीक्लेम्पसिया समय से पहले संकुचन और गर्भावस्था के दौरान ब्लीडिंग।
और पढ़ें- डिलिवरी के बाद इन बातों का रखें ध्यान, कम हो जाएगा वजन
तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज
तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज में बॉडीवेट और टोनिंग मूव्स अपनाएं
तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज करते समय भारी वजन उठाना खतरनाक हो सकता है। खासकर अगर आपको वजन उठाने की आदत नहीं है। ताकत बनाए रखने के लिए बॉडीवेट वर्कआउट आजमाएं।
तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज करना चाहती हैं तो अपनाएं पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज
पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां गर्भाशय जैसे अंगों को सपॉर्ट करती हैं और यूटेराइन और वजायना को भी नियंत्रित करती हैं। गर्भावस्था के दौरान जैसे ही शिशु बढ़ता है पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर बढ़ता तनाव उन्हें कमजोर करता है। इस दौरान कीगल अभ्यास करने से उन मांसपेशियों के समूह को मजबूत करने में मदद मिलती है। तीसरे ट्राइमेस्टर में पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करने से तेजी से संकुचन होंगे।
और पढ़ें- तीसरी प्रेग्नेंसी के दौरान इन बातों का रखना चाहिए विशेष ख्याल
[mc4wp_form id=’183492″]
तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज करना चाहती हैं तो करें कीगल एक्सरसाइज
तीसरी तिमाही की एक्सरसाइज में कीगल का डेली बेसिस पर 10-20 बार तक अभ्यास प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलिवरी के बाद स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है। कीगल अभ्यास करने से गर्भावस्था में होने वाले यूरिन और पेल्विक फ्लोर मसल्स संबंधी समस्या कम हो सकती है। इसे गर्भवती महिला चटाई पर लेट कर और आसानी कर सकती है। गर्भावस्था के तीसरी तिमाही के दौरान कीगल एक्सरसाइज एम्प्टी ब्लैडर के दौरान किए जाने पर सबसे ज्यादा आरामदायक होती है। गर्भावस्था के दौरान इसे एक दिन में 3 बार 10-10 मिनट के लिए की जानी चाहिए।
तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज में प्री-पैरेंटल योग या पिलेट्स को भी करें शामिल
योग और पिलेट्स गर्भावस्था के दौरान आदर्श होते हैं। यह न केवल गर्भावस्था को ईजी बनाते हैं पेल्विक फ्लोर को मजबूत भी करते हैं। यह लेबर और डिलिवरी के समय मदद करता है। हालांकि, तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
और पढ़ें- गर्भावस्था के दौरान नाभि बाहर क्यों आ जाती है?
तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज नहीं कर पा रहीं तो वॉक करें
चलना तीसरी तिमाही के व्यायाम में सबसे आसान है। खासकर तब जबकि आप अन्य व्यायाम नहीं कर सकतीं। घूमना आपको गर्भावस्था के दौरान फिट रहने में मदद करेगा। इसके लिए आपको एक जोड़ी जूते और एक पार्क की आवश्यकता है। यह आप 38 सप्ताह की गर्भवती होने की स्थिति में भी कर सकती हैं।
और पढ़ें- डिलिवरी के बाद बच्चे में किन चीजों का किया जाता है चेक?
तीसरी तिमाही की व्यायाम में कर सकती हैं कैट-काऊ स्ट्रेच
कैट-काऊ स्ट्रेच एक ऐसा व्यायाम है जिसे तीसरी तिमाही की व्यायाम शामिल में किया जा सकता है। इसके लिए पीठ के निचले हिस्से के दर्द से राहत दिलाने में भी कारगर है। यह शिशु को जन्म के लिए सही स्थिति में भी लाने में मदद करता है। इस अभ्यास को करने के लिए हाथों और घुटनों के बल बैठ जाएं अब अपनी गर्दन को बारी-बारी ऊपर की ओर (कैट की तरह) रखें और भी नीचे झुकाएं (काऊ की तरह)। इस अभ्यास को करने के लिए एक चटाई का उपयोग करें और घुटनों पर ज्यादा जोर देने से बचें।
तीसरी तिमाही में व्यायाम नहीं करना तो करें मार्जरासन
तीसरी तिमाही में व्यायाम नहीं करना चाहती तों ये आसन किया जा सकता है। मर्जरासन करने के लिए घुटनों के बल बैठ जाएं अब आगे की तरफ झुकें और हाथों और घुटनों को कंधे की चौड़ाई में फैला लें और सिर को नीचे फर्श की ओर रखें। सांस लें और अपनी पीठ को अपनी रीढ़ की ओर खींचते हुए झुकाएं। जब आप कुछ सेकेंड के लिए धनुषाकार स्थिति बनाए रखते हैं तो सिर और कूल्हे खींचते हैं। फिर आप सांस अंदर लें तो पीठ और कूल्हों को पहले की स्थिति में लाएं। इसे 5 से 8 बार दोहराएं।
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज करने से आप फिट रहेगी और मजबूत भी। आपको खुशी पहुंचेगी कि आप अभी भी एक्सरसाइज कर पा रही हैं। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज हर तरह से मददगार साबित होगी। बस एक बात का ध्यान रखें कि किसी भी एक्सरसाइज को बिना डॉक्टर की सलाह के मत करें। गर्भावस्था में हर कदम पर डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही या आखिरी महीनों में गर्भस्थ शिशु का विकास लगभग हो चुका होता है। ऐसे में फिजिकल फिटनेस के साथ ही मां और शिशु को ही इस वक्त विकास के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। प्रग्नेंट महिलाओं को तीसरी तिमाही में खाने के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तीसरी तिमाही में बच्चे के फेफड़े, मस्तिष्क और अन्य अंगों का विकास होने लगता है। मां को भी एनर्जी के लिए हेल्दी फूड की ओर ध्यान देना चाहिए। अपनी डायट में कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए, के से भरपूर फूड्स को शामिल करना चाहिए। तभी आप खुद भी हेल्दी रहेंगी और बच्चा भी। किसी भी तरह का डाउट होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
[embed-health-tool-pregnancy-weight-gain]