“प्रेग्नेंसी ग्लो (Pregnancy glow)’ के बारे में तो आपने सुना ही होगा? प्रेग्नेंट हैं और सोच ही रही हैं कि मेरी स्किन रेडिएंट एंड ब्राइट होगी और अचानक फेस पर कई पिम्पल्स दिखाई देने लगते हैं। ग्लोइंग स्किन के बजाय चेहरे पर काले धब्बे पड़ गए हैं। पेट की स्किन में खुजली और दानें हो रहे हैं। दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में हॉर्मोन चेंजेस स्किन पर भी असर दिखाते हैं। अच्छी बात यह है कि थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव (Skin changes during third trimester) चाइल्ड बर्थ (Child birth) के बाद धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं। आइए, गर्भावस्था के दौरान होने वाली कुछ सबसे कॉमन स्किन प्रॉब्लम्स (Skin Problems) के बारे में जानने के साथ ही उन्हें कैसे मैनेज करें, इस पर एक नजर डालते हैं।
थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव: हायपरपिगमेंटेशन (Hyperpigmentation)
गर्भावस्था के दौरान लगभग सभी महिलाओं को कुछ हद तक हायपरपिग्मेंटेशन का अनुभव होता है। एरियोला (Areolae), हाथों के बगल की स्किन (Axillae) और जेनिटल्स सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। लिनिया नाइग्रा (Linea nigra) एक तरह की लाइन है जो अक्सर प्रेग्नेंसी के टाइम में फॉर्म होती है यह भी काली हो जाती है। थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव (Skin changes during third trimester) में मेलाज्मा (मास्क ऑफ प्रेग्नेंसी या क्लोस्मा) गर्भावस्था से जुड़ी सबसे कॉमन त्वचा की समस्या है। यह 70 प्रतिशत प्रेग्नेंट लेडीज में होती है। यह ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स लेने वाली महिलाओं में भी हो सकती है।
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ऐसे करें मैनेज
सूरज की रोशनी और अन्य अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन के संपर्क में आने से मेलाज्मा और बिगड़ जाता है। इसलिए, हाय पोटेंसी, ब्रॉड-स्पेक्ट्रम (अल्ट्रावॉयलेट A और B) सनस्क्रीन का उपयोग करना उचित माना जाता है। सूरज की रोशनी के अत्यधिक संपर्क में आने से बचें।
थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव: वैरिकोज वेन्स (Varicose veins)
वैरिकोज वेन्स बढ़ी हुई नसें हैं जो ट्विस्टेड कॉर्ड्स की तरह दिखाई देती हैं, और लाल, नीली या आपकी त्वचा के रंग की हो सकती हैं। ये अक्सर पैरों पर डेवलप होती हैं, लेकिन ये वुल्वा पर भी विकसित हो सकती हैं, जिसे वुल्वर वैरिकोसिटी (Vulvar varicosities) के नाम से जाना जाता है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में वैरिकोज वेन्स काफी कॉमन है, और गर्भावस्था के दौरान ये ज्यादा प्रॉमिनेंट दिखाई देती हैं। थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव (Skin changes during third trimester) में आप वैरिकोज वेन्स का भी अनुभव कर सकती हैं। दरअसल, ऐसा हॉर्मोन के कारण होता है जो वेन्स को डायलेट करने का कारण बनते हैं ताकि वे ज्यादा ब्लड कैरी कर सकें। इसके अलावा, जैसे-जैसे यूटरस एक्सपैंड होता है, यह इंफीरियर वेना कावा (Inferior vena cava) पर प्रेशर डालता है, यह वह नस है जो पैरों से हृदय तक ब्लड ले जाती है। हालांकि, वैरिकोज वेन्स को एक मेडिकल प्रॉब्लम नहीं माना जाता है, जबकि ये पेनफुल भी हो सकती हैं।
ऐसे करें मैनेज
वैरिकोज वेन्स को कम करने के कुछ तरीकों में शामिल हैं:
- पैरों को क्रॉस करके न बैठें या लंबे समय तक खड़े न रहें
- जब भी संभव हो अपने पैरों को थोड़ा ऊंचा रखें और कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहनें
- हेल्दी सर्कुलेशन बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज करें
- डिलिवरी के बाद वैरिकोज वेन्स ठीक हो सकती हैं, लेकिन अगर वे नहीं होती हैं तो कई अलग-अलग ट्रीटमेंट ऑप्शंस भी हैं जिनके बारे में अपने डॉक्टर से चर्चा कर सकते हैं।
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थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव: स्ट्रेच मार्क्स (Stretch Marks)
गर्भावस्था के दौरान जैसे-जैसे आपकी बेली बढ़ती है, वहां की स्किन पर रेडिश या वाइट लाइंस दिखाई देने लगती हैं, जिन्हें स्ट्रेच मार्क्स कहते हैं। तीसरी तिमाही तक, कई प्रेग्नेंट महिलाओं के एब्डोमिन, हिप्स, ब्रेस्ट्स या थाइज पर आमतौर पर स्ट्रेच मार्क्स होते हैं।
ऐसे करें मैनेज
मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा को कोमल बनाए रखने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने में मदद नहीं करेगा। ज्यादातर स्ट्रेच मार्क्स बच्चे के जन्म के बाद हल्के पड़ जाते हैं।
स्किन इरप्शन (Skin eruption)
इसे कभी-कभी प्रुरिटिक अर्टिकेरियल पैपुल्स (Pruritic urticarial papules) और प्लाक ऑफ प्रेग्नेंसी (PUPPP) भी कहा जाता है। इसमें लाल घाव, उभरे हुए और खुजली वाले होते हैं। रैश आमतौर पर स्ट्रेच मार्क्स में लोकेटेड होते हैं, हालांकि ये थाईस, हिप्स या आर्म्स पर भी दिखाई दे सकते हैं।
ऐसे करें मैनेज
ज्यादातर महिलाओं में प्रसव के बाद PUPPP गायब हो जाते हैं, और आमतौर पर यह केवल पहली गर्भावस्था के दौरान होता है। यदि आप इस समस्या का अनुभव कर रही हैं और यह आपको परेशान कर रहा है, तो बेकिंग सोडा या ओटमील बाथिंग से कुछ राहत मिल सकती है। इसके अलावा, डॉक्टर से कंसल्ट करना न भूलें। वे आपको एंटीहिस्टेमाइंस सजेस्ट कर सकते हैं।
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स्किन टैग्स (Skin tags)
थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव प्रेग्नेंसी के दौरान वजन बढ़ने के कारण हो सकते हैं। बढ़े हुए वजन से फ्रिक्शन (Frictions) होता है जिसके कारण प्रेग्नेंसी स्किन टैग्स हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान त्वचा के टैग हॉर्मोनल परिवर्तन के कारण भी हो सकते हैं। हाॅर्मोन लेप्टिन के स्तर (Leptin hormone level) और स्किन टैग के बीच एक हाय पॉजिटिव को-रिलेशन पाया गया है। गर्भावस्था के दौरान स्किन के यह स्मॉल, लूज और हार्मलेस ग्रोथ आपके शरीर पर कहीं भी दिखाई दे सकती है, लेकिन आमतौर पर आर्म्स और ब्रेस्ट्स के नीचे दिखाई देती है।
ऐसे करें मैनेज
दुर्भाग्य से, आप इन स्किन टैग्स को रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकती हैं। आपके प्रसव के बाद प्रेग्नेंसी स्किन टैग्स अपने आप चले जाते हैं। यदि नहीं, तो उन्हें आपके डॉक्टर की मदद से रिमूव किया जा सकता है।
थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव (Skin changes during third trimester) को लेकर अक्सर पूछे जानेवाले सवाल
थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव (Skin changes during third trimester) को लेकर महिलाओं के मन में कुछ सवाल आते हैं। जान लीजिए उनका जवाब।
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गर्भावस्था के दौरान त्वचा में बदलाव कब शुरू होते हैं?
कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान रैशेस, रेडनेस, एक्ने, डिस्कलरेशंस जैसी समस्याएं फर्स्ट ट्राइमेस्टर (First trimester) में ही दिखने लगती हैं, जबकि कुछ महिलाएं सेकंड और थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव (Skin changes during third trimester) का अनुभव करती हैं। जैसे-जैसे गर्भावस्था आगे बढ़ेगी आपकी त्वचा और खराब दिख सकती है, ये सभी स्किन प्रॉब्लम्स डिलिवरी के कुछ हफ्तों के बाद से ही कम हो जाएंगी। इसलिए, परेशान न हो और अपने प्रेग्नेंसी पीरियड को एंजॉय करें।
थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव (Skin changes during third trimester) के इफेक्ट को कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
हालांकि, प्रेग्नेंसी हॉर्मोन को लेकर आप हेल्पलेस फील कर सकती हैं, लेकिन ऐसी कुछ बातें हैं जिन पर ध्यान देकर आप प्रेग्नेंसी के दौरान अनुभव कर रहीं किसी भी तरह स्किन प्रॉब्लम्स को कुछ कम कर सकती हैं:
- एक उपयुक्त प्रेग्नेंसी डायट पर स्टिक रहें, जिससे आपकी त्वचा को पोषक तत्वों का सही संतुलन मिलता रहे।
- हर दिन पर्याप्त पानी और अन्य फ्लूइड्स लें। इससे आपकी स्किन हायड्रेटेड और हेल्दी रहेगी।
- यदि पिंपल्स की समस्या हैं, तो अपने चेहरे को दिन में दो से तीन बार सॉफ्ट क्लींजर से धोएं।
- स्किन ऑयली है तो “ऑयल-फ्री’ प्रोडक्ट्स की तलाश करें, लेकिन अगर आपकी स्किन ड्राय है, तो आप मॉश्चराइजिंग प्रोडक्ट्स का चुनाव करें।
- हीट रैश के लिए टाइट या गर्म कपड़ों से बचें।
मैं अपनी स्किन के नॉर्मल होने की उम्मीद कब कर सकती हूं?
गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के ठीक बाद आपकी त्वचा में आए कई बदलाव कम हो जाएंगे। कुछ, जैसे स्किन टैग, परमानेंट हो सकते हैं। डर्मेटोलॉजिस्ट से बात करें ताकि वे प्रॉपर ट्रीटमेंट आपको सजेस्ट कर सकें। प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले ज्यादातर त्वचा परिवर्तन आपकी डिलिवरी के बाद दूर हो जाएंगे। अपने डॉक्टर से बात करें यदि थर्ड ट्राइमेस्टर में स्किन में बदलाव आपको अनकम्फर्टेबल कर रहा है। वे आपको बेस्ट ट्रीटमेंट प्रिस्क्राइब कर सकते हैं और यह भी क्लियर हो सकता है कि ये चेंजेस किसी गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम का लक्षण नहीं हैं।
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