आईयूआई करने से पहले अक्सर ऑव्युलेशन को बढ़ाने वाली दवाइयां दी जाती हैं। इस तकनीक में आपके पार्टनर या किसी डोनर के स्पर्म का इस्तेमाल किया जाता है। आईयूआई (IUI) करने से पहले महिला की संपूर्ण चिकित्सा जांच होती है, जिससे उसकी बॉडी में हाॅर्मोन के असंतुलन, संक्रमण या अन्य किसी समस्या का पता चल सके। ऑव्युलेशन के समय इनसेमिनेशन किया जाता है। यह समान्यतः ल्युटिजाइन हाॅर्मोन का पता चलने के 24-36 घंटों बाद या एचसीजी के ट्रिगर इंजेक्शन देने के बाद किया जाता है। ऑव्युलेशन हुआ है या नहीं इसका पता यूरिन टेस्ट (Urine test) किट से लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त ब्लड टेस्ट (Blood test) और अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) भी किया जाता है।
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IUI या IVF में बेहतर विकल्प कौन-सा है? (IUI or IVF)
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के सक्सेस होने की संभावना ज्यादा होती है। जबकि इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) सस्ता विक्लप है IVF की तुलना में। हालांकि यह कपल के अलग-अलग कारणों और सेहत पर भी निर्भर करता है कि उनके लिए IVF अच्छा है या IUI बेहतर हो सकता है।
IUI या IVF में पहले इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) क्यों चुनें?
आईयूआई (IUI) में पुरुष के स्पर्म को महिला के यूट्रस में डाला जाता है, जिससे फर्टिलाइजेशन हो सकता है। IUI करने का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्पर्म को फैलोपियन ट्यूब में पहुंचाया जा सके, जिससे फर्टिलाइजेशन की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, आईयूआई का प्रयोग उन कपल्स में किया जाता है, जिन्हें अनएक्सप्लेनड फर्टिलिटी की समस्या होती है। इस स्थिति में पुरुष इनफर्टिलिटी के लिए ज्यादा जिम्मेदार नहीं होते हैं और महिला की गर्भाशय में म्युकस की दिक्कत होती है। वैसे यह प्रक्रिया दोनों सेक्स पर हो सकता है।
IUI या IVF की तुलना में सीधे IVF का विक्लप क्यों चुनना चाहिए?