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IUI या IVF में से कौन सी तकनीक बेहतर है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    IUI या IVF में से कौन सी तकनीक बेहतर है?

    अनेक कारणों की वजह से इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या हो सकती है। जिसके कारण किसी भी जोड़े को बच्चे की खुशी के लिए इंतजार करते रहना पड़ सकता है। पूरा परिवार बनाने का सपना रुक सकता है। इसी सपने को फिर से जीवित करने के लिए मेडिकल फील्ड में IUI और IVF ट्रीटमेंट मौजूद है। आइए, जानते हैं कौन सा बेहतर है IUI या IVF?

    इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) क्या है? (What is In vitro fertilisation)

    IUI या IVF

    आईवीएफ (IVF) जिसे इन विट्रो फर्टिलाइजेशन कहते हैं। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से वे महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं, जिन्हें गर्भधारण में परेशानी आती है। दरअसल इस प्रॉसेस से महिला में दवाओं की मदद से फर्टिलिटी बढ़ाई जाती है, जिसके बाद ओवम (अंडाणु या अंडों) को सर्जरी की मदद से निकाला जाता है और इसे लैब भेजा जाता है। लैब में पुरुष के स्पर्म (शुक्राणु) और महिला के ओवम को एक साथ मिलाकर फर्टिलाइज किया जाता है। 3-4 दिनों तक लैब में रखने के बाद फर्टिलाइज्ड भ्रूण (Embryo) को जांच के बाद महिला के गर्भ में इम्प्लांट किया जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के इस प्रॉसेस में 2 से 3 सप्ताह का वक्त लगता है। यूट्रस (बच्चेदानी) में एम्ब्रियो इम्प्लांट होने के 2 सप्ताह बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट (Pregnancy test) से महिला के गर्भवती होने की जांच की जाती है। आईवीएफ को सफल बनाना आसान है अगर कुछ जरूरी बातों पर ध्यान दिया जाए।

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    इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) क्या है? (What is IUI)

    इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) गर्भधारण की एक कृत्रिम तकनीक है। इसे इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट (Infertility treatment) के नाम से भी जाना जाता है। आईयूआई (IUI) में पुरुष के स्पर्म को महिला के यूटरस में डाला जाता है, जिससे फर्टिलाइजेशन हो सके। आईयूआई (IUI) करने का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्पर्म को फैलोपियन ट्यूब में पहुंचाने का होता है, जिससे फर्टिलाइजेशन की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि आईयूआई का प्रयोग उन कपल्स में किया जाता है, जिन्हें अनएक्सप्लेन फर्टिलिटी की समस्या होती है। इस स्थिति में पुरुष इनफर्टिलिटी (Male infertility) के लिए ज्यादा जिम्मेदार नहीं होते हैं और महिला की गर्भाशय ग्रीवा में म्युकस की दिक्कत होती है।

    आईयूआई करने से पहले अक्सर ऑव्युलेशन को बढ़ाने वाली दवाइयां दी जाती हैं। इस तकनीक में आपके पार्टनर या किसी डोनर के स्पर्म का इस्तेमाल किया जाता है। आईयूआई (IUI) करने से पहले महिला की संपूर्ण चिकित्सा जांच होती है, जिससे उसकी बॉडी में हाॅर्मोन के असंतुलन, संक्रमण या अन्य किसी समस्या का पता चल सके। ऑव्युलेशन के समय इनसेमिनेशन किया जाता है। यह समान्यतः ल्युटिजाइन हाॅर्मोन का पता चलने के 24-36 घंटों बाद या एचसीजी के ट्रिगर इंजेक्शन देने के बाद किया जाता है। ऑव्युलेशन हुआ है या नहीं इसका पता यूरिन टेस्ट (Urine test) किट से लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त ब्लड टेस्ट (Blood test) और अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) भी किया जाता है।

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    IUI या IVF में बेहतर विकल्प कौन-सा है? (IUI or IVF)

    इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के सक्सेस होने की संभावना ज्यादा होती है। जबकि इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) सस्ता विक्लप है IVF की तुलना में। हालांकि यह कपल के अलग-अलग कारणों और सेहत पर भी निर्भर करता है कि उनके लिए IVF अच्छा है या IUI बेहतर हो सकता है।

    IUI या IVF में पहले इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) क्यों चुनें?

    आईयूआई (IUI) में पुरुष के स्पर्म को महिला के यूट्रस में डाला जाता है, जिससे फर्टिलाइजेशन हो सकता है। IUI करने का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्पर्म को फैलोपियन ट्यूब में पहुंचाया जा सके, जिससे फर्टिलाइजेशन की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, आईयूआई का प्रयोग उन कपल्स में किया जाता है, जिन्हें अनएक्सप्लेनड फर्टिलिटी की समस्या होती है। इस स्थिति में पुरुष इनफर्टिलिटी के लिए ज्यादा जिम्मेदार नहीं होते हैं और महिला की गर्भाशय में म्युकस की दिक्कत होती है। वैसे यह प्रक्रिया दोनों सेक्स पर हो सकता है।

    IUI या IVF की तुलना में सीधे IVF का विक्लप क्यों चुनना चाहिए?

    IUI या IVF की तुलना में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तब अपनाना चाहिए जब महिला की उम्र 38 साल हो चुकी हो, क्योंकि उम्र बढ़ने की वजह से महिलओं में गर्भधारण में समस्या आती है।

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    इन विट्रो फर्टिलाइजेशन और इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन को सक्सेफुल बनाने के लिए क्या करें?

    अगर आप IUI या IVF से गर्भधारण की प्लानिंग कर रहीं हैं और इसके पॉसिटिव रेस्पोंस के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे-

    • IUI या IVF का अगर आप विकल्प अपना रहें हैं, तो सबसे पहले IUI या IVF से जुड़ी सही जानकारी हासिल करें। डॉक्टर और नर्स से IUI या IVF की प्रक्रिया और आपके शारीरिक बनावट के लिए यह कितना सफल हो सकता है।
    • कपल को IUI या IVF से जुड़ी जानकारी के लिए इससे जुड़े एक्सपर्ट डॉक्टर से बात करनी चाहिए। SGF’s फिजियोलॉजिकल सपोर्ट टीम से इस तकनीक को समझना चाहिए। SGF’s फिजियोलॉजिकल सपोर्ट टीम IUI या IVF के लिए पूरी तरह से कपल की मदद करती है।
    • हेल्दी रहने के लिए और तनाव से बचने के लिए एक्सरसाइज सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है लेकिन, अगर आप IUI या IVF की मदद से गर्भधारण कर रहीं हैं या बेबी प्लानिंग कर रहीं हैं, तो अपने हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद ही वर्कआउट करें।
    • अगर आप IUI या IVF से बेबी प्लानिंग (Baby planning) कर रहीं हैं, तो खुश रहने के साथ-साथ अपने विचार और सोच सकारात्मक रखें। इस दौरान आप खुश रहने के लिए कॉमेडी शो या म्यूजिक का विकल्प अपना सकती हैं। अगर आपको किताबों को पढ़ने का विशेष लगाव है और वक्त की कमी की वजह से किताबें नहीं पढ़ पाती हैं, तो यह समय आपके लिए बुक रीडिंग के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। बुक रीडिंग करने से आप अपनी शौक पूरी करने के साथ-साथ अपने आपको व्यस्त और खुश भी रख सकती हैं।
    • इस दौरान कोशिश करें की आप ज्यादा से ज्यादा आराम करें। डीप ब्रीदिंग तकनीक अपनायें। डीप ब्रीदिंग तकनीक से आप ज्यादा रिलैक्स कर सकती हैं।

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    नेशनल सेंटर फॉर बायोटक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार कपल्स पर किये गये रिसर्च के अनुसार तकरीबन 300 महिला फर्स्ट साइकल में ही इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) की मदद से गर्भधारण करने में सफल रहीं हैं। इस रिसर्च से एक्सपर्ट्स की टीम यह समझना चाहती थी कि इंट्रायूट्राइन इनसेमिनेशन (IUI) कितना सक्सेफुल हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्टस के अनुसार IUI या IVF के चुनाव से पहले इन दोनों के बारे में सही जानकारी लें और फिर डॉक्टर के सलाह के बाद बेबी प्लानिंग करें।

    लेकिन, IUI या IVF की मदद से माता-पिता बनने की सोच रहें हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर कपल्स की हेल्थ हिस्ट्री को समझते हुए इलाज के लिए सही सलाह दे सकते हैं। अगर आप IUI या IVF से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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