आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं परिवार शुरू करने के लिए काफी वक्त तक इंतजार करती हैं। वे मां बनने से पहले प्रोफेशनली-पर्सनली सेटल होना चाहती हैं। कई बार उनकी यह इच्छा इनफर्टिलिटी की वजह बन जाती है। इसीलिए पहले की तुलना में आज के समय में इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। ये ट्रीटमेंट कई बार जुड़वां बच्चों के जन्म का कारण भी बनते हैं। सिर्फ फर्टिलिटी ट्रीटमेंट ही नहीं कुछ जेनेटिक फैक्टर्स और मेडिकल ट्रीटमेंट भी जुड़वां बच्चे कंसीव होने की संभावना को बढ़ाते हैं। कई बार दो बार गर्भावस्था से ना गुजरने की इच्छा से भी महिलाएं जुड़वां बच्चे कंसीव करना चाहती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे फैक्टर्स के बारे में बता रहे हैं जो जुड़वां बच्चे कंसीव करने के चांसेस बढ़ा सकते हैं।
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विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की प्रक्रिया
आईवीएफ- विट्रो फर्टिलाइजेशन (vitro fertilization (IVF) ऐसी आधुनिक रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) है, जिसे अपनाकर गर्भधारण किया जा सकता है। वे महिलाएं जो आईवीएफ का सहारा लेती हैं, एक्सपर्ट उन्हें गर्भवती होने के पूर्व से ही फर्टिलिटी से जुड़ी दवा का सेवन करने की सलाह देते हैं। आईवीएफ के तहत महिलाओं का एग व पुरुष के स्पर्म को फर्टिलाइज होने के पूर्व ही निकाल लिया जाता है। लैब में इन दोनों को मिलाकर एम्ब्रियो (embryo) को विकसित किया जाता है। फिर मेडिकल प्रक्रिया के तहत चिकित्सक लैब में तैयार एम्ब्रियो (भ्रूण) को महिला के यूटेरस में सफलतापूर्वक इम्प्लांट कर देते हैं। जहां से यह धीरे-धीरे प्राकृतिक तौर पर विकसित होता है। कई बार आईवीएफ (इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन) की प्रक्रिया के दौरान डॉक्टरों द्वारा एक ही समय में कई अंडे फर्टलाइज किए जाते हैं और फिर निषेचित किए गए एग को यूटेरस मे डाला जाता है। जिससे जुड़वां बच्चे कंसीव होने की संभावना बढ़ जाती है।
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फर्टिलिटी ड्रग्स के सेवन से बढ़ सकते हैं जुड़वां बच्चे कंसीव होने के चांसेस (fertility drugs can increase chances of twins)
फर्टिलिटी ड्रग्स का सेवन से जुड़वां बच्चे कंसीव होने की संभावना को बढ़ा देते हैं। कुछ दवा इस प्रकार से तैयार की जाती है, जिससे वे ओवरी में अंडे की संख्या में बढ़ोतरी कर सके। यदि ज्यादा एग उत्पन्न हुए तो संभव है कि एक से अधिक फर्टिलाइज हो जाए। इस कारण फ्रेटरनल ट्विन्स ( fraternal twins) होते हैं। क्लोमीफीन (Clomiphene ) और गोनाडोट्रोपिन (gonadotropins ) जैसी दवा का इस्तेमाल फर्टिलिटी ड्रग्स के तौर पर किया जाता है। इन दवाओं के सेवन से जुड़वा बच्चे कंसीव होने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन जुड़वां बच्चों की चाह में इस दवा का सेवन खुद से नहीं किया जा सकता। दवा का सेवन बिना एक्सपर्ट की सलाह के नहीं करना चाहिए।
क्लोमीफीन जैसी दवा बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं मिलती है। इस दवा का सेवन मुंह से किया जाता है, डोज का निर्धारण डॉक्टर मरीज की स्थिति को देखकर निर्धारित करते हैं। यह दवा हमारे शरीर में हाॅर्मोन को उत्तेजित करती है, जिससे ऑव्युलेशन (ovulation) की प्रक्रिया को गति मिलती है। शोध से यह पता चला है कि वे महिलाएं जिन्होंने इस दवा का सेवन फर्टिलिटी के लिए किया उन्होनें जुड़वां बच्चे कंसीव किए।
गोनाडोट्रोपिन भी फर्टिलिटी दवा की श्रेणी में आने वाली मेडिसिन है। इसे इंजेक्शन के रूप में महिलाओं को दिया जाता है, इसके तहत फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हाॅर्मोन (Follicle-stimulating hormone (FSH) को अकेले या फिर ल्यूटिनाइजिंग हाॅर्मोन (luteinizing hormone (LH) के साथ महिलाओं को दिया जाता है। दोनों ही हाॅर्मोन को हमारा दिमाग प्राकृतिक तौर पर विकसित करता है। वहीं दिमाग ओवरी को हर महीने एग का उत्पादन करने का निर्देश देता है। जब इंजेक्शन के रूप में एफएसएच या एफएसएच को एलएच के साथ मिलाकर महिलाओं को इंजेक्शन दिया जाता है तो इससे ओवरी अधिक एग का उत्पादन करती हैं। जब अधिक एग का उत्पादन होगा इससे एक से अधिक गर्भधारण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
द अमेरिकन सोसायटी ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन (The American Society for Reproductive Medicine) के अनुसार गोनाडोट्रोपिन का इस्तेमाल किए जाने से 30 फीसदी मामलों में जुड़वां बच्चे कंसीव हुए हैं। महिलाओं के लिए दोनों की दोनों ही दवा सुरक्षित व प्रभावशाली मानी जाती है, लेकिन अन्य दवा के समान ही इस दवा के भी रिस्क और साइड इफेक्ट्स हैं। ऐसे में हमेशा बिना डॉक्टरी सलाह के इन दवा का सेवन व इंजेक्शन के रूप में डोज नहीं लेना चाहिए। नहीं तो नतीजे नकारात्मक आ सकते हैं।
अनुवांशिक कारणों के चलते बढ़ जाती है जुड़वां बच्चे कंसीव करने की संभावना (Does family history increase chances of having twins?)
परिवार का इतिहास भी जुड़वां बच्चे कंसीव करने की संभावना को बढ़ा देता है। यदि पुरुष व महिला के परिवार में पहले किसी के जुड़वां बच्चे हुए हैं तो ऐसी स्थिति में जुड़वां बच्चे कंसीव करने की संभावना अधिक होती है। महिलाओं के केस में जिनके परिवार में ट्विन्स पहले हो चुके हैं उनमें जुड़वां बच्चों के होने के चांसेस अधिक होते हैं। ऐसा अनुवांशिक कारणों से और जीन की संरचना के कारण होता है। इस स्थिति में महिलाएं एक से अधिक एग का उत्पादन करती हैं। द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के अनुससार ऐसी महिलाएं जिनके परिवार में पहले से किसी मां ने ट्विन्स को जन्म दिया हो उनमें हर प्रेग्नेंसी में करीब 60 फीसदी संभावना रहती है कि वो ट्विन्स को जन्म दें। वहीं पुरुषों की बात करें तो जिनके परिवार में पहले से ट्विन्स हुए हो, उनमें करीहब 125 फीसदी संभावना रहती है कि उनके बच्चे भी जुड़वां होंगे।
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30 वर्ष के बाद प्रेग्नेंसी प्लानिंग करने से भी बढ़ जाती है जुड़वां बच्चे कंसीव करने की संभावना (Chances of having twins after 30)
ऐसी महिलाएं जो 30 साल से अधिक उम्र की हैं, या फिर 35 से 39 उम्र के आसपास की हैं उनमें औरों की तुलना में ट्विन्स बच्चों को जन्म देने की संभावना अधिक रहती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि व्यस्क महिला की तुलना में वे ऑव्युलेशन के समय एक से अधिक एग का उत्पादन करती हैं। जिससे दूसरों की तुलना में उनमें जुड़वां बच्चों को जन्म देने की संभावना अधिक रहती है। यही कारण है कि 35 से 40 वर्ष की महिलाएं जो पहले एक बार मां बन चुकी होती हैं, उनमें जुड़वा बच्चों को जन्म देने की संभावना अधिक होती हैं।
क्या लंबी और ओवरवेट महिलाओं में जुड़वां बच्चे कंसीव करने की संभावना अधिक रहती है? (Are tall or overweight women more likely to have twins?)
यह सही है कि ऐसी महिलाएं जिनकी लंबाई अधिक है उनमें दूसरों की तुलना में ट्विन्स बच्चे कंसीव करने की संभावना अधिक रहती है। एक्सपर्ट इस बात को परिभाषित नहीं कर पाएं है, लेकिन यह संभव है कि छोटी महिलाओं की तुलना में लंबी हाइट की महिलाएं ज्यादा पौष्टिक खाद्य पदार्थ व न्यूट्रिएंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिससे जुड़वां बच्चे कंसीव करने में आसानी हो सकती है।
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सप्लिमेंट्स का सेवन करने से जुड़वां बच्चे कंसीव करने की संभावना बढ़ सकती है? (Will you conceive twins if you’re taking supplements?)
कई डॉक्टर सुझाव देते हैं कि प्रेग्नेंसी के पहले व गर्भावस्था के दौरान फॉलिक एसिड और विटामिन बी का सेवन करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (neural tube defects) और स्पिना बिफिडा (spina bifida) के रिस्क को कम किया जा सकता है। गर्भधारण के पहले डॉक्टर 400 माइक्रोग्राम फॉमिक एसिड का रोजाना सेवन करने और गर्भावस्था के दौरान 600 माइक्रोग्राम का सेवन करने की सलाह देते हैं।
कुछ शोध यह भी बताते हैं कि फॉलिक एसिड का सेवन करने से जुड़वां बच्चे कंसीव करने की संभावना बढ़ती है, लेकिन इसको लेकर ज्यादा शोध अभी तक नहीं किए गए हैं।यदि आप प्रेग्नेंसी प्लानिंग के साथ फॉलिक एसिड (folic acid) का सेवन कर रही हैं, तो यह शिशु के दिमाग के बेहतर विकास में मदद करेगा।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ट्विन्स होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं? (Can you conceive twins while breastfeeding)
2006 में द जर्नल ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार शोध में पाया गया कि वे महिलाएं जो स्तनपान कराती हैं उनमे दूसरों की तुलना में जुड़वां बच्चे कंसीव करने की संभावना अधिक रहती है, लेकिन इस दिशा में अधिक शोध नहीं किए गए हैं, जो इस तथ्य को प्रमाणित कर सकें।
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डायट (Diet) का भी है अहम योगदान
यह सही है कि हेल्दी डायट को अपनाकर आप स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकती हैं, लेकिन अधिक खाने व पौष्टिक खाने का यह अर्थ नहीं कि इससे आप जुड़वा बच्चों को जन्म दें। द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन के अनुसार अमेरिका में हर 250 प्रेग्नेंसी में से एक में जुड़वां बच्चे जन्म लेते हैं। वहीं फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की बात करें तो उसमें हर तीन में से एक में जुड़वां बच्चे होने की संभावना रहती है।
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यहां बताए गए सभी फैक्टर्स जुड़वां बच्चे कंसीव कंसीव करने की संभावना को बढ़ा देते हैं, लेकिन बता दें कि प्रेग्नेंसी में एक शिशु की तुलना में ट्विन्स को जन्म देने में जच्चा-बच्चा के लिए खतरा रहता है। यदि आपके गर्भ में दो शिशु हैं तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह की जरूरत पड़ सकती है। ताकि जच्चा बच्चा को किसी प्रकार का नुकसान न हो। अगर आप जुड़वां बच्चे कंसीव करना चाहती हैं तो बिना डॉक्टरी सलाह के दवा व अन्य गैर जरूरी खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें और एक बात का ध्यान रखें कि फैमिली को कंप्लीट करने के लिए एक बच्चा ही काफी है। इसलिए जुड़वां बच्चों की चाह में ऐसा कोई कदम ना उठाएं जो आपकी और बच्चे की हेल्थ पर भारी पड़े।
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