लगातार प्रयास करने के बाद भी यदि आप प्रेग्नेंट होने में नाकामयाब रहती हैं तो इसके पीछे कुछ कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। आपकाे ऐसा लग सकता है कि आपने पर्याप्त प्रयास किया है लेकिन, कई महिलाएं ऐसी होती हैं जो इंटरकोस के तुरंत बाद गर्भधारण नहीं कर पातीं।
युनाइटेड किंग्डम (यूके) में आईवीएफ पर काम करने वाली एक दिग्गज वेबसाइट के मतुाबिक, करीब 80 प्रतिशत ऐसी महिलाएं होती हैं, जो छह महीने के प्रयास के बाद गर्भधारण कर पाती हैं। वही, लगभग 90 प्रतिशत ऐसी महिलाएं होती हैं, जो एक वर्ष के प्रयास के बाद गर्भधारण कर पाती हैं। सेक्स करने के अलावा भी कुछ चीजों का ध्यान रखना हमें रखना होता है। यहां आपको ऐसी ही वजहें बता रहे हैं जिनके चलते महिलाएं जल्दी प्रेग्नेंट नहीं हो पातीं। इन्हें प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स भी कहा जा सकता है।
प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स: एग्स का न बनना
एग्स का न बनना भी प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स में से एक है। गर्भधारण करने के लिए एग और स्पर्म की जरूरत होती है। यदि ओवरी में एग्स नहीं बन रहे हैं तो आप लाख कोशिश करने के बावजूद प्रेग्नेंट नहीं होंगी। एग्स न बनने के पीछे का कारण इनफर्टिलिटी हो सकती है। यह समस्या कई कारणों से पैदा हो सकती है। एग्स न बनने के पीछे पीसीओएस भी एक कारण हो सकता है।
पीसीओएस वह समस्या होती है जब ओवरी ओक्टी नामक कोशिकाओं को रिलीज नहीं कर पाती है। असंतुलित वजन, एग्स न बना पाने की क्षमता, थायरॉइड, हाइपरप्रोलेकटिनेमिया और ज्यादा एक्सरसाइज करना भी इसकी वजहें हो सकती हैं।
वहीं, मासिक धर्म में अनियमित्ता से पीड़ित ज्यादातर महिलाओं को यह समस्या होती है। एग्स बनने का मासिक धर्म के नियमित होने से कोई संबंध नहीं है।
प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स: स्ट्रेस नहीं होने देता प्रेग्नेंट
डिप्रेशन और एंग्जाइटी फर्टिलिटी के स्तर को कम कर देते हैं। इन परिस्थितियों में यदि आप प्रेग्नेंट होने की कोशिश करती हैं तो आप नाकाम रहेंगी। गर्भधारण के वक्त आपको मानसिक रूप से शांत और स्थिर होना चाहिए। स्ट्रेस हाइपोथेलेमस के कार्यों को प्रभावित करता है, जो कि सीधे ही पिटयुटरी ग्रंथी को नियंत्रित करता है। यह ग्रंथी एड्रिनल ग्रंथी, थायरॉइड और ओवरी को रेग्यूलेट करती है। इसके अतिरिक्त यह पीरियड साइकल को भी प्रभावित करती है, जिससे पीरियड्स में अनियमित्ता आ सकती है।
प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स: स्पर्म का कमजोर होना
कई बार स्पर्म काउंट कम होता है। स्पर्म के कमजोर होने पर यह एग्स को फर्टिलाइज नहीं कर पाता है। करीब 30 से 40 प्रतिशत मामलों में इनफर्टिलिटी का यह बड़ा कारण पाया जाता है।
प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स: विटामिन D की कमी
विटामिन डी महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यह गर्भधारण में भूमिका निभाता है। आपके अंदर विटामिन डी की कमी है या नहीं, इसका टेस्ट जरूर करवा लें। टेस्ट के लिए अपने डॉक्टर से बात जरूर करें। इन दिनों, लोग अपना समय या तो अपने घरों या ऑफिस के अंदर बिताते हैं। जिस कारण आपको र्प्याप्त धूप नहीं मिल पाती। धूप विटामिन डी और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स: उम्र का अधिक होना
20 वर्ष की उम्र में यदि आप गर्भधारण करने की कोशिश करती हैं तो सबसे जल्दी प्रेग्नेंट होती हैं। इस दौरान बॉडी प्रेग्नेंसी के लिए तैयार होती है। जानकारों का मानना है कि महिलाओं की औसतन फर्टिलिटी 20 वर्ष की उम्र के दौरान सबसे ज्यादा होती है। इस वक्त महिला के एग्स की गुणवत्ता भी सबसे बेहतरीन होती है।
इस अवधि में मिसकैरिज की संभावना बेहद कम होती है। अधिक उम्र एग्स की गुणवत्ता और संख्याओं को प्रभावित करती है। इस उम्र में गर्भधारण करने में समय लग सकता है।
प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स: एंडोमेट्रियोसिस
फैलोपियन ट्यूब में एंडोमेट्रियोसिस की परत बन जाने से फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है। इसके अलावा दूसरे अन्य अंगों के बाहर इसकी परत बनने से भी फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो सकती है। इसे अधेसिअन्स (adhesions) के नाम से जाना जाता है। अक्सर महिलाओं में यह दिक्कत होने से वे गर्भधारण नहीं कर पाती हैं।
प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स: फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉक होना
फैलोपियन ट्यूब को बच्चेदानी की नली के नाम से भी जानते हैं। यह ओवरी और यूटरस को जोड़ती है। फैलोपियन ट्यूब्स के ब्लॉक होने से एग स्पर्म के संपर्क में नहीं आ पाते, जिससे वह अनफर्टाइल ही रह जाते हैं। ट्यूबरक्लॉसिस के कारण भी फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो जाती है। इंडिया में यह कारण ट्यूब के ब्लॉक होने का सबसे आम है। हालांकि, फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने के पीछे पेल्विक इंफ्लमेटरी डिजीज, एसटीडी (सेक्स ट्रांसमिटेड डिजीज), एसटीआई (सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) या अन्य कारण हो सकते हैं।
दक्षिणी दिल्ली की खंडेलवाल क्लीनिक की सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर रीना खंडेलवाल के मुताबिक, ‘महिलाओं का प्रेग्नेंट ना हो पाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉक होने इन कारणों में से एक है। फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक होने की स्थिति में वह स्पर्म के संपर्क में नहीं आ पाते। नतीजतन एग्स अनफर्टाइल ही रह जाते हैं और महिला प्रेग्नेंट नहीं होती है।’
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योगासन जो महिलाओं की फर्टिलिटी को बढ़ा सकते हैं
सेक्स के बाद तुरंत बाथरूम जाना
कई महिलाएं सेक्स करने के तुरंत बाद बॉडी को क्लीन करने के लिए बाथरूम चली जाती हैं। प्रेग्नेंट होने के लिए आपको कुछ समय वक्त बेड पर बिताना चाहिए। इससे स्पर्म की एग्स तक पहुंचने और उन्हें फर्टिलाइज करने की संभावना बढ़ सकती है।
यदि आप जल्दबाजी में बाथरूम जाकर बॉडी को साफ कर लेती हैं तो ऐसी स्थिति में स्पर्म एग्स की तरफ बढ़ने के बजाय नीचे की तरफ आ जाता है। बचा हुआ स्पर्म बॉडी को साफ करते वक्त धुल जाता है। इसके चलते आप प्रेग्नेंट नहीं होती हैं।
अब तो आप समझ ही गई होंगी कि सही समय पर इंटरकोर्स करने के अलावा भी कुछ बातें हैं जिनका ध्यान रखकर जल्दी प्रेग्नेंट होने की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है। इन बातों का भी ध्यान रखें। लगातार प्रयास करने के बाद भी प्रेग्नेंट नहीं हो पा रहीं हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स का इलाज संभव है। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी प्रॉब्लम्स से जुड़ी हर जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख पसंद आता है तो यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।
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