कहते हैं प्रेग्नेंसी ब्लेसिंग है लेकिन, ये ब्लेसिंग कष्टप्रद भी हो सकती है। वैसे प्रेग्नेंसी के दौरान बिना परेशान हुए इसे नॉर्मल और एंजॉयफुल बनाया जा सकता है। आज जानेंगे प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में कौन सी एक्सरसाइज की जा सकती हैं। जो नार्मल डिलिवरी में मदद कर सकती हैं। गर्भावस्था की शुरुआत से ही अगर कोई शारीरिक परेशानी नहीं है तो नियमित एक्सरसाइज करने से डिलिवरी के समय परेशानी को कम किया जा सकता है।
नॉर्मल डिलिवरी की एक्सरसाइज:
नॉर्मल डिलिवरी के लिए एक्सरसाइज निम्नलिखित तरह से की जा सकती है। इन वर्कआउट में शामिल हैं।
1. पेल्विस स्ट्रेचेस
नॉर्मल डिलिवरी के लिए पेल्विस स्ट्रेचेस (Pelvic stretches) करना बेहद आसान है। इसे बड़े तकिए या बड़े साइज के बॉल की मदद से भी किया जा सकता है। बॉल या तकिए पर अपने दोनों पैरों को रखकर और शरीर को नीचे की ओर झुका कर बॉडी को स्ट्रेच करें। ऐसा 20 बार तक किया जा सकता है।
2. स्विमिंग
स्विमिंग पूरे शरीर फिट रखने के लिए एकमात्र एक्सरसाइज है। स्विमिंग से बॉडी के हर एक हिस्से को एक्टिव किया जा सकता है। इससे हार्ट बीट ठीक होने के साथ-साथ मसल्स भी स्ट्रांग होती हैं और नॉर्मल डिलिवरी में भी मदद मिल सकती है।
3. स्क्वॉट्स
गर्भावस्था में शरीर का वजन सामान्य से 16 किलो तक ज्यादा बढ़ा रहता है, जिसका पूरा भार पैरों पर पड़ता है। इसलिए पैरों को स्ट्रॉन्ग रखने के लिए स्क्वॉट्स एक्सरसाइज करने की सलाह फिटनेस एक्सपर्ट्स देते हैं। इस वर्कआउट से कंधे, कमर और पैर की सभी मसल्स मजबूत होती हैं। सीधी खड़ी हो जाएं और दोनों हाथों को सामने लाएं। अब दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप दें और बैलेंस बनाते हुए दोनों घुटनों के सहारे शरीर को नीचे की ओर पुश करें। अब इसी अवस्था में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें। इस एक्सरसाइज को करते वक्त यह ध्यान रखें कि आपके घुटने ज्यादा आगे न जाएं। इसे 10 से 15 बार किया जा सकता है।
4. वॉकिंग
प्रेग्नेंसी के आखरी महीने में अगर गर्भवती महिला एक्सरसाइज करने में असमर्थ है, तो वॉकिंग शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आसानी से कर सकती है। गर्भावस्था के आखिरी महीने में गर्भ में पल रहा शिशु पूरी तरह से विकसित हो जाता है। इसलिए इस दौरान नियमित रूप वॉकिंग करना मां और शिशु दोनों के लिए अच्छा होता है। इस दौरान अपने डॉक्टर से यह जरूर समझें कि आपके शरीर को एक्सरसाइज की कितनी जरूरत है? प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने से जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम होता है और डिलिवरी आसानी से और नॉर्मल हो सकती है।
5. कीगल
नियमित रूप से 10-20 मिनट कीगल (Kegel) एक्सरसाइज डिलिवरी के दौरान और डिलिवरी के बाद भी हेल्थ के लिए बेहतर मानी जाती है। कीगल एक्सरसाइज करने से गर्भावस्था में होने वाली यूरिन और पेल्विक फ्लोर मसल्स संबंधी समस्या कम हो सकती है। कीगल एक्सरसाइजिस मैट पर आसानी से लेट कर की जा सकती है। इसमें पेल्विक फ्लोर की मसल्स को ऐसे मूव करना होता है जैसे कि हमने यूरिन को रोक रखा है और फिर रिलीज कर दिया है। इस एक्सरसाइज से पेल्विक फ्लोर मसल्स स्ट्रांग होती हैं और डिलिवरी के दौरान परेशानी कम होती है। गर्भावस्था के दौरान कीगल एक्सरसाइज खाली ब्लैडर (टॉयलेट के बाद) के दौरान किए जाने पर सबसे ज्यादा आरामदायक होती है। गर्भावस्था के दौरान कीगल एक दिन में 3 बार 10-10 मिनट के लिए की जानी चाहिए।
नॉर्मल डिलिवरी की एक्सरसाइज करने के फायदे
- अत्यधिक बढ़ा हुआ वजन संतुलित रहता है।
- एक्सरसाइज के कारण बॉडी फ्लेक्सिबल होती है जिससे लेबर पेन कम हो सकता है।
- शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है।
- डिलिवरी के बाद महिला जल्दी स्वस्थ हो सकती है।
- जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम होता है।
नॉर्मल डिलिवरी के लिए एक्सरसाइज के साथ-साथ किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- एक्सरसाइज करने से पहले हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- पौष्टिक आहार का सेवन करें ।
- भारी वजन न उठाएं और अकेले वर्कआउट न करें।
- आरामदयाक कपड़े पहनें।
प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने से डरे नहीं बल्कि प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही एक्सरसाइज करें। अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें कि आपकी शारीरिक क्षमता और मेडिकल कंडिशन के अनुसार कौन-कौन सी एक्सरसाइज की जा सकती हैं? प्रेग्नेंसी को एंजॉय करें
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