बच्चे को जन्म देने के बाद आपका गर्भाशय वापस अपने सामान्य आकार में सिकुड़ने लगता है, जिससे यह अनुबंध और ऐंठन करता है।
3. डिलिवरी के बाद स्टूल (Pooping After Birth) पास करते वक्त टांकों में दर्द
सिजेरियन डिलिवरी (C-section) से शिशु को जन्म देने वाली महिलाओं को टांके लगने के चलते स्टूल पास करते वक्त सबसे ज्यादा दर्द होता है। अक्सर छींकते (Sneezing) या हंसते वक्त टांकों पर जोर पड़ता है। जिसके चलते उन्हें उस हिस्से में दर्द (Pain) का अहसास होता है। वहीं स्टूल पास करते वक्त उन्हें भारी जोर लगाना पड़ता है। जिसका सीधा असर उनके टांकों पर पड़ता है। इसकी वजह से उन्हें भारी दर्द से गुजरना पड़ता है।
दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर में स्थित सपरा क्लीनिक की सीनियर गायनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर एस के सपरा के मुताबिक, ‘ इस दौरान कमजोरी की वजह से महिलाओं के शरीर में थकावट आ जाती है, जिसकी वजह से कई बार वे दो से तीन दिन तक वॉशरूम नहीं जाती। इसकी वजह से स्टूल सख्त हो जाता है और कब्ज (Constipation) की समस्या हो जाती है। जिसकी वजह से स्टूल पास करते वक्त भारी जोर लगाना पड़ता है और भारी दर्द से जूझना पड़ता है।
4. पाइल्स (Piles) के चलते दर्द स्टूल पास करने में दर्द
महिलाओं का स्टूल टाइट होने की स्थिति में उन्हें वॉशरूम में भारी जोर लगाना पड़ता है। इसकी वजह से रेक्टल केनाल के बाहर मौजूद ब्लड वेसल्स (Blood vessels) पर भारी दबाव पड़ता है और उनमें सूजन आ जाती है। इस स्थिति को पाइल्स (Piles) कहा जाता है। जिसके चलते उन्हें स्टूल पास करते वक्त भयानक दर्द का अहसास होता है।
और पढ़ें: 8 कारण जिनकी वजह से महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो पातीं
5 . पोषण (Nutrition) की कमी
डॉक्टर सपरा का मानना है कि कई बार डिलिवरी (Delivery) से पहले और डिलिवरी के दौरान महिलाओं को भूख नहीं लगती है। इस दौरान उन्हें ड्रिप से ग्लूकोज दिया जाता है। जो भोजन की पूर्ति तो करता है लेकिन, उसमें संपूर्ण पोषण नहीं होता।
सामान्य भोजन से शरीर में एक ऐसा पदार्थ बनता है जो स्टूल (Stool) को प्रेशर के साथ रेक्टम से बाहर निकालने में मदद करता है। ड्रिप के मामले में ऐसा नहीं होता है। इससे महिलाओं के स्टूल पास करने में अनियमित्ता आ जाती है और स्टूल इक्कट्ठा होकर सख्त हो जाता है। इसके चलते महिलाओं को स्टूल पास करने में परेशानी तो आती है। साथ ही उन्हें दर्द भी सहना पड़ता है।
और पढ़ें: इंट्रायूटेराइन इंफेक्शन क्या है? क्या गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हो सकता है हानिकारक