गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना हर महिला के लिए चिंता का विषय होता है। नतीजन, बहुत अधिक वजन बढ़ने से बचने के लिए, कई प्रेग्नेंट लेडीज लो कार्ब कार्ब डायट (low carb diet) लेने के बारे में सोचती हैं, लेकिन क्या प्रेग्नेंसी के दौरान लो कार्ब आहार लेना सुरक्षित है? भोजन कम करना या कम कार्ब वाला आहार लेना आपकी गर्भावस्था को प्रभावित कर सकता है। साथ ही यह गर्भ में पल रहे शिशु की हेल्थ पर भी बुरा असर डाल सकता है। हो सकता है इससे आपका शिशु महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से वंचित रह जाए इससे शिशु के डेवलपमेंट में बाधा भी आ सकती है। यहां इस आर्टिकल में आज लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी (Low Carb Diet and Pregnancy) के बारे में पूरी जानकारी की जा रही है। यह आपकी हैप्पी प्रेग्नेंसी के लिए मददगार साबित होगा।
लो-कार्ब डायट क्या है? (Low Carb diet)
जैसा कि नाम से पता चलता है, कम कार्ब वाला आहार कार्बोहाइड्रेट के कन्सम्प्शन को सीमित करता है और हाय प्रोटीन (High Protein) और फैट (Fat) के सेवन पर फोकस करता है। इस प्रकार के आहार का पालन करने से आपको वजन घटाने में मदद मिल सकती है। लो-कार्ब डायट प्लान (Low Carb Diet Plan) में प्रोटीन युक्त भोजन जैसे मीट, पोल्ट्री, मछली और अंडे शामिल हैं। आमतौर पर इस डायट में फलियां, फल और स्टार्च वाली सब्जियों से परहेज किया जाता है।
कुछ लो कार्ब डायट के शुरुआत में कार्बोहाइड्रेट को पूरी तरह से रिस्ट्रिक्ट कर दिया जाता है और बाद में उन्हें धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है। लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी (Low Carb Diet and Pregnancy) दोनों एक साथ थोड़ी मुश्किलें खड़ी सकती हैं। हालांकि इसके कुछ फायदे भी बताए गए हैं। जिसमें जेस्टेशनल डायबिटीज को मैनेज करना है।
और पढ़ें: पहली तिमाही में सेक्स करना है कितना घातक, किस प्रकार की हो सकती है समस्याएं
लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी (Low Carb Diet and Pregnancy)
एक हेल्थ कोंशियस महिला जो प्रेग्नेंसी से पहले डायट पर थी, उसके मन में हमेशा एक सवाल होगा कि क्या वह गर्भावस्था के दौरान कम कार्ब ले सकती है? कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट (Complex carbohydrate) के बिना लो कार्ब डायट पर रहने से गर्भवती में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो सकती है और ये शिशु के समुचित विकास के लिए आवश्यक होते हैं। इन पोषक तत्वों में विटामिन, मिनरल्स, फायबर, कैल्शियम और सबसे महत्वपूर्ण- फोलिक एसिड शामिल है- जो गर्भावस्था के दौरान बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार, फोलिक एसिड के अच्छे आहार स्रोतों में पत्तेदार हरी सब्जियां शामिल हैं, जैसे पालक; खट्टे फल, ऑरेंज जूस, बीन्स, फोर्टिफाइड ब्रेड, चावल आदि।
लो कार्ब डायट हाय प्रोटीन (High Protein) पर फोकस होता है, जबकि इसकी एक मॉडरेट क्वांटिटी प्रेग्नेंट महिला और उसके शिशु दोनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होती है। लगभग 75 ग्राम, या एक दिन में तीन सर्विंग्स से अधिक मात्रा में प्रोटीन लेने से इसके साइड इफेक्ट्स की संभावना बढ़ सकती है।
और पढ़ें: गर्भावस्था के दौरान बच्चे के वजन को बढ़ाने में कौन-से खाद्य पदार्थ हैं फायदेमंद?
लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी (Low Carb Diet and Pregnancy) के बारे में क्या कहती है रिसर्च?
रिस्क फैक्टर्स को देखते हुए लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी (Low Carb Diet and Pregnancy) के बारे में ज्यादातर स्टडीज चूहों पर की गई हैं। 2013 में चूहों पर हुई एक रिसर्च से पता चला है कि जिन मादा चूहों को कीटो डायट जैसी लो कार्ब डायट दी गई, उन्होंने ऐसे बच्चे को जन्म दिया जिनका हार्ट सामान्य से बड़ा और ब्रेन का साइज छोटा था। वहीं, 2015 की एक स्टडी में पाया गया कि लो कार्ब कीटो डायट से गर्भवती मादा चूहों से जन्मे बच्चे जब वयस्क चूहे बनें तो उनमें एंग्जायटी (anxiety) और डिप्रेशन (depression) का खतरा अधिक था।
चैपल हिल में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान लो कार्ब डायट के बाद यह संभावना अधिक हो जाती है कि महिला गंभीर जन्म दोष वाले बच्चे को जन्म दें। रिसर्च में पाया गया कि जिन गर्भवती महिलाओं ने आहार में कार्बोहाइड्रेट सेवन बंद कर दिया या बहुत कम कर दिया था, उनमें न्यूरल ट्यूब दोष (Neural tube defect) वाले बच्चे को जन्म देने की संभावना 30 प्रतिशत अधिक थी।
इनमें स्पाइना बिफिडा (रीढ़ की हड्डी की विकृति) और अभिमस्तिष्कता या एनेंसेफली (मस्तिष्क की जन्मजात विकृति) शामिल हैं। स्टडी में यह भी कहा गया कि ये जन्म दोष मृत्यु (Birth defect death) या आजीवन विकलांगता (lifelong disability) का कारण बन सकते हैं।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में कॉफी पीना फायदेमंद या नुकसानदेह?
लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी: पोषक तत्वों की कमी
गर्भवती महिलाओं को अपने बढ़ते बच्चे को पोषण देने के लिए कई तरह के फल और सब्जियां, विटामिन, आयरन और फोलेट से भरपूर आहार लेने की आवश्यकता होती है। यदि आप प्रेग्नेंसी के समय कीटो डायट (Keto diet) जैसी लो कार्ब डायट (Low Carb diet) पर हैं, तो आपकी बॉडी में निम्नलिखित चीजों की कमी हो सकती है:
- मैग्नीशियम
- विटामिन बी
- विटामिन ए
- विटामिन सी
- विटामिन डी
- विटामिन ई
प्रीनेटल विटामिन (Prenatal Vitamin), गर्भावस्था के दौरान एक जरूरत है जिससे प्रेग्नेंट लेडीज को एक्स्ट्रा नूट्रिएंट्स मिलते हैं, लेकिन इन विटामिन और मिनरल्स को खाद्य पदार्थों से प्राप्त करना सबसे अच्छा माना जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को इन पोषक तत्वों की और भी ज्यादा आवश्यकता होती है क्योंकि आपका शिशु तेजी से बढ़ रहा होता है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन और मिनरल्स नहीं मिलने से आपके बच्चे के डेवलपमेंट में समस्या आ सकती है।
आपके बच्चे के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में शामिल हैं:
- स्वस्थ हड्डियों और दांतों के लिए विटामिन डी
- हेल्दी मसल्स और ब्लड के लिए विटामिन ई
- स्वस्थ रीढ़ की हड्डी और नर्व्स के लिए विटामिन बी-12
- हेल्दी स्पाइनल कॉर्ड के लिए फोलिक एसिड (स्पाइना बिफिडा नामक शिशुओं में न्यूरल ट्यूब की स्थिति को रोकने के लिए)
लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी: जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) में हो सकती है फायदेमंद
लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी एक साथ परेशानी खड़ी कर सकती है। ये तो आप समझ ही गए होंगे, लेकिन आपको बता दें कि प्रेग्नेंसी में कम कार्ब वाली डायट जेस्टेशनल डायबिटीज से बचा सकती है। यह एक प्रकार की डायबिटीज है जो प्रेग्नेंसी के दौरान ही होती है। यह बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाती है, लेकिन इससे बाद में टाइप 2 डायबिटीज होने का रिस्क बढ़ जाता है।
इडोरियम जर्नल के अनुसार कीटो डायट कुछ प्रकार की डायबिटीज को मैनेज करने में मदद करती है। ऐसे में जेस्टेशनल डायबिटीज को मैनेज के रिस्क को कम करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप फुल कीटो डायट फॉलो करें। लो कार्ब के साथ ही हेल्दी फैट, प्रोटीन, फायबर और ताजे फल और सब्जियों का उपयोग करना आपके लिए और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद है।
और पढ़ें: पहली बार प्रेग्नेंसी चेकअप के दौरान आपके साथ क्या-क्या होता है?
गर्भावस्था के दौरान वजन कैसे संतुलित रखें? (How to balance weight during pregnancy?)
लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी (Low Carb Diet and Pregnancy) दोनों को मैनेज करना कठिन हो सकता है। निम्न टिप्स को फॉलो करके आप गर्भावस्था में वजन को संतुलित कर सकते हैं।
- एक अच्छी बैलेंस्ड डायट लें। जिसमें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट जैसे साबुत अनाज, फल और सब्जियां, प्रोटीन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों जो आपको हेल्दी रखने में मददगार हों।
- शुगर कार्बोहाइड्रेट का एक फॉर्म है, लेकिन यह नुट्रिशन्स का सोर्स नहीं है। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें चीनी हो जैसे केक और कुकीज। जिन खाद्य पदार्थों में शुगर होती है, जैसे केक, उनमें संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट) भी होती है। कोशिश करें कि गर्भावस्था में हाय शुगर और हाई फैट वाला खाना-पीना न लें।
- जंक और वसायुक्त खाद्य पदार्थों से खुद को दूर रखें।
- अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उनके द्वारा बताई गई एक्सरसाइज रूटीन को फॉलो करें। उचित व्यायाम और संतुलित आहार आपके वजन को संतुलित रखने के साथ ही बच्चे को हेल्दी रखने के लिए पर्याप्त है।
- गर्भावस्था के दौरान भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट और प्रोटीन के साथ संतुलित डायट लेना बहुत महत्वपूर्ण है।
- सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, गर्भवती होने की योजना बनाने वाली सभी महिलाओं को गर्भावस्था से पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान कम से कम 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड के साथ डेली मल्टीविटामिन लेना चाहिए।
- यदि आप फिर भी प्रेग्नेंसी के दौरान वजन को लेकर कॉन्सियस हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इससे यह भी पता चलेगा कि प्रेग्नेंट होने से पहले आप अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के आधार पर प्रेग्नेंसी में कितना वजन बढ़ने की उम्मीद कर सकती हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको लो कार्ब डायट और प्रेग्नेंसी (Low Carb Diet and Pregnancy) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-pregnancy-weight-gain]