बड़ों के साथ-साथ बच्चों में हीमोग्लोबिन का उचित स्तर होना बहुत जरूरी होता है। हमारे शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन होता है, जो एक प्रोटीन है। यह बॉडी की सभी कोशिकाओं में ऑक्सिजन पहुंचाने का कार्य करता है। आयरन की वजह से लाल रक्त कोशिकाओं का रंग लाल होता है। बॉडी में आयरन की कमी होने की वजह से लाल रक्त कोशिकाएं छोटी और पीली पड़ जाती हैं। जिससे शरीर में खून कमी भी होने लगती है। इस स्थिति को एनीमिया या रक्ताल्पा भी कहते हैं। आयरन की कमी होने से शिशु की बॉडी में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। जिससे बच्चे का शरीरिक विकास काफी हद तक प्रभावित हो सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में छह महीने से ऊपर के बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय बताने हैं। बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय में आप आयरन की भरपूर मात्रा वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जान सकते हैं।
हालांकि, बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय जानने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों के बारे में भी जानकारी रखनी जरूरी हो सकती है, जसै:
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बच्चों में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर कितना होना चाहिए?
नवजात शिशुओं और थोड़े बड़े शिशुओं में हीमोग्लोबिन का स्तर अलग-अलग हो सकता है। नवजात शिशु में यह 14 से 24 g/dL या 140 से 240 g/L हो सकता है। वहीं, शिशु में 9.5 से 13 g/dL या 95 to 130 g/L हो सकता है।
शिशु में हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण क्या हो सकते हैं?
बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण निम्न हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- बच्चे का अत्याधिक थकावट महसूस करना
- शारीरिक रूप से बच्चे का कमजोर होना
- बच्चे की त्वचा का पीला पड़ना
- दिल की धड़कन का तेज होना
- शिशु के सीने में दर्द होना
- सिर दर्द करना
- शिशु के हांथ-पैरों का ठंडा पड़ना
- जीभ पर छाले होना
बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी के सभी लक्षण यहां नहीं बताए गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण अपने बच्चे में दिखाई दें, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण क्या हो सकते हैं?
छह महीने तक शिशु स्तनपान करता है। छह महीने के बाद यदि शिशु को दूसरे फूड्स से देरी से परिचित कराया जाए तो उनमें आयरन की कमी हो सकती है। यदि आप छह महीने से बड़े शिशु को आयरन से भरपूर डायट नहीं देते हैं तो उसकी बॉडी में हीमोग्लोबिन कम हो सकते है।
बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय क्या हो सकते हैं?
बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय में आप अपने बच्चे को आयरन से भरपूर मात्रा वाला आहार खिला सकते हैं। अगर आहार को पोषण पूरा होगा, तो बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय के बारे में आपको अधिक चिंचि होने की जरूरत भी नहीं हो सकती है। बच्चे के शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए आप निम्न आहार को बच्चे की डायट में शामिल कर सकते हैंः
फलियां
बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय में फलियां एक अहम भूमिका निभा सकती हैं। फलियों में बीन्स, लेंटिल्स, चिकपीस, मटर और सोयाबीन आयरन का अच्छा स्रोत हैं। फलियों में फोलेट, मैग्नेशियम और पोटेशियम भरपूर मात्रा में होता है। यह दिल की बीमारियों के खतरे को भी कम करती हैं। इसमें सोल्यूएबल फाइबर होता है।
फोर्टिफाइड सेरेल्स
फोर्टिफाइड सेरेल्स और कम शुगर वाले सेरेल्स आपके शिशु के लिए आयरन का एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, फोर्टिफाइड सेरेल्स और दलिया की एक सर्विंग में आपके शिशु को दिनभर की आयरन की खुराक मिल जाएगी। आप इसे हफ्ते में कई बार ब्रेकफास्ट के तौर पर दे सकती हैं।
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हरी पत्तेदार सब्जियां
ब्रोकली और पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इन्हें उबालकर सूप के रूप में अपने शिशु को दे सकती हैं। आयरन की मात्रा को बढ़ाने के लिए आप इसमें बीन्स और दूसरी हरी सब्जियों को मिक्स कर सकती हैं। अंडे में भी आयरन पाया जाता है। आमलेट भी बच्चों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
विटामिन सी
शिशु की बॉडी आयरन को सोखे इसके लिए उसे पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी देना बेहद ही जरूरी है। सिटरस फूड्स में विटामिन सी होता है। इससे बॉडी में आयरन का अब्जॉर्ब्शन बढ़ जाता है। शिशु की बॉडी में आयरन की मात्रा बनी रहे इसके लिए विटामिन सी आवश्यक है। विटामिन सी के तौर पर आप अपने बच्चे को टमाटर भी खिला सकती है। सलाद या सैंडविच के रूप में अपने बच्चों को टमाटर दें या फिर टमाटर का जूस भी बच्चे को नियमित तौर पर पिला सकती हैं। टमाटर में विटामिन सी और लाइकोपीन की उच्च मात्रा पाई जा सकती है।
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चुकंदर और सेब का रस
बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय के तौर पर आप अपने बच्चे को चुकंदर और सेब का रस भी पिला सकते हैं। इसके लिए एक कप सेब के रस या एक कप चुकंदर के रस में 1 से 2 चम्मच शहद मिलाकर अपने बच्चे को पीने के लिए दें। आप चाहें तो, तीनों को एक साथ मिक्स करके भी बच्चे को पिला सकते हैं। सेब में आयरन की भरपूर मात्रा होती है चुकंदर में उच्च मात्रा में फोलिक एसिड, फाइबर और पोटैशियम की मात्रा पाई जा सकती है।
किशमिश
किशमिश भी बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय का अहम हिस्सा हो सकता है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम, प्रोटीन, फाइबर और आयरन की उच्चा मात्रा पाई जा सकती है। लगभग 100 ग्राम किशमिश से बच्चे को 1.88 मि.ग्रा आयरन का पोषण मिल सकता है। आप अपने बच्चे को रोजाना किशमिश खिला सकते हैं। आप चाहें तो किशमिश को दूध में उबाल कर या किसी डिश में भी मिलाकर बच्चे को खिला सकती हैं।
अनार
अनार के बारे में आपने भी सुना होगा कि शरीर में खून बढ़ाने के लिए अनार सबसे अच्छा फल होता है। इसलिए नहीं क्योंकि, इसका रंग लाल होता है, बल्कि अनार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट और फाइबर की उच्च मात्रा पाई जा सकती है। साथ ही, अनार में आयरन और कैल्शियम की भी अच्छी मात्रा होती है। यह आपके बच्चे के लिए सुपरफूड का काम कर सकता है। बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय के तौर पर आप अपने बच्चे को रोजाना 200 ग्राम अनार खाने के लिए दे सकते हैं या प्रतिदिन एक गिलास इसका जूस पीने के लिए भी दे सकते हैं।
एक बात का ध्यान रखें, बच्चों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। साथ ही, आपके बच्चे को कितनी मात्रा नें आयरन बढ़ाने की जरूरत है इसके बारे में भी अपने डॉक्टर से बात करें।
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