मेरा दो महीने का बच्चा है जब भी मैं उसके कपड़े बदलती हूं। वह बहुत ज्यादा चीखता-चिल्लाता है। डिलिवरी के बाद कल्पना की ही तरह कई माओं का यही प्रश्न रहता है कि आखिर नवजात शिशु के कपड़े कैसे बदले जाएं? अक्सर कई छोटे बच्चे कपड़े बदले जाने का विरोध करते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कपड़े आरामदायक न हों या कपड़े चेंज करते समय वातावरण सहज न हो (तापमान का सामान्य से ज्यादा या कम होना) आदि। “हैलो स्वास्थ्य’ ने ऐसी ही कई महिलाओं से बात की और जाना कि वे अपने नवजात शिशु के कपड़े चेंज करते समय क्या टिप्स अपनाती हैं। कुछ ऐसे ही टिप्स सामने आए जो उपयोगी हो सकते हैं।
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नवजात शिशु के कपड़े : न्यू मदर्स के टिप्स
रिचा का पांच महीने का बेटा भी ऐसा ही करता है। ऐसे तो वह बहुत शांत स्वभाव का है लेकिन, कपड़े बदलते समय वह चीखने चिल्लाने लगता है। रिचा बताती हैं, ‘दरअसल, नवजात शिशु के कपड़े बदलना कोई आसान काम नहीं होता है। इसलिए, मैं आमतौर पर नवजात शिशु के कपड़े बदलने के लिए उसे कोई खिलौना दे देती हूं या फनी फेसेस बनाकर उसका ध्यान भटकाती हूं। इससे वह बिना नखरे दिखाए कपड़े चेंज करवा लेता है।’
भावना अवस्थी का कहना है कि उनकी दो साल की बेटी भी कपड़े बदलते समय काफी परेशान करती है। ‘दरअसल, उसे पिंक कलर काफी पसंद है इसलिए, जब भी उसे किसी दूसरे रंग के कपड़े पहनाओ तो वह परेशान करती है। मैं भी उससे बात करके उसका मन इधर- उधर भटकाकर कपड़े बदल देती हूं। भावना कहती हैं कुछ बच्चे कलर को लेकर काफी सेंसिटिव होते हैं। उनको जो रंग पसंद होता है, उस रंग के कपड़े पहनने में वे आनाकानी नहीं करते।’
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नवजात शिशु के कपड़े बदलते समय ट्राई करें ये टिप्स
मां जब भी न्यू बॉर्न बेबी के कपड़े बदलती हैं तो बच्चे रोने लगते हैं। ऐसे में नीचे बताए गए इन टिप्स को आजमाएं। इससे नवजात शिशु के कपड़े बदलने में आसानी होगी।
- खिलौने, म्यूजिक या तरह-तरह के चेहरे बनाकर शिशु का ध्यान भटकाएं।
- कोई विशेष शब्द जो बच्चे को अट्रैक्ट करता हो, बोलकर उसका ध्यान अपनी ओर करें।
- जब बच्चे को हल्की-सी नींद आ रही हो तो नवजात शिशु के कपड़े बदलना थोड़ा आसान हो सकता है।
- नवजात शिशु के कपड़े बदलते समय रोते हैं तो उनको गले से लगाएं, प्यार जताएं जिससे शिशु डिस्ट्रैक्ट हो सके।
- कोशिश करें कि नवजात शिशु के कपड़े बदलने में ज्यादा समय न लगे।
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इन बातों का ध्यान रखकर नवजात शिशु की ड्रेसिंग बनाएं आसान
- गर्मी के मौसम में नवजात शिशु को सिंथेटिक कपड़े पहनाने से बचें। सिंथेटिक कपड़ों से बच्चों को घमौरियां भी हो सकती हैं। इसलिए कॉटन के कपड़े खरीदें।
- नवजात शिशु के कपड़े लेते समय ध्यान रखें कि कपड़े सामने से बटन वाले हो ताकि पहनाने और निकालने में दिक्कत न हो।
- हमेशा मुलायम व आरामदायक कपड़ों को ही खरीदें। फैंसी कपड़ों के चक्कर में न पड़ें।
- फैंसी आयटम या कढ़ाई वाले कपड़े नवजात शिशु को न पहनाएं। यह देखने में तो अच्छे लगते हैं लेकिन, पहनाने में अनकम्फर्टेबल होते हैं, जिससे शिशु रोने लगता है।
- नवजात शिशु के कपड़े खरीदते समय यह देख लें कि उसमें कोई चैन या कोई फैंसी पिन न लगी हो। शिशु को कपड़ों पर लगे ये आयटम्स चुभ सकते हैं।
- कई बार देखा गया है कि छोटे बच्चे स्वेटर पहनने के समय बहुत रोते हैं। इसकी एक वजह हो सकती है कि ऊन उनको चुभ रही हो। इसके लिए हमेशा सॉफ्ट और अच्छी क्वालिटी के ऊनी कपड़े खरीदें। साथ ही शिशु को सीधे ऊनी कपड़े पहनाने से बचें। पहले कोई सूती कपड़े पहनाएं, फिर ऊनी।
- नवजात शिशु के कपड़े खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि बेबी क्लॉथ्स (baby clothes) ज्यादा कसे हुए न हों। ढीले-ढाले आस्तीन के कपड़े पहनाएं ताकि बच्चे की बाहें कपड़ों में न फसें।
- सर्दियों में नवजात शिशु के कपड़े ऐसे होने चाहिए कि वे कम पहनाने पर भी शिशु को गर्माहट दे सके ताकि कम से कम लेयरिंग करनी पड़े। इससे शिशु को सांस लेने में आसानी होती है और वह चैन की नींद भी सोएगा।
- नवजात शिशु के कपड़े ऐसे खरीदें जिनमें से उनका गंदा डायपर बदलने में आसानी हो सके। इसलिए, शिशु के कपड़े खरीदने जा रहे हैं, तो ऐसे कपड़े खरीदें जिनमें कमर में इलास्टिक हो या फिर पैरों के पास खुलने वाले बटन हों।
- बच्चे की स्वैडलिंग करने के लिए सूती कंबल ही खरीदें। इससे बच्चे को सुरक्षित और गर्म रखा जा सकता है।
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नवजात शिशु के कपड़े धोते समय रखें इन बातों का ख्याल
न्यू बॉर्न बेबी को इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए, नवजात शिशु के कपड़े धोते समय भी खास ख्याल रखा जरूरी होता है। नीचे दिए गए टिप्स फॉलो करें इससे भी बच्चों को संक्रमण के खतरे से बचाया जा सकता है।
सही डिटर्जेंट चुनें
नवजात शिशु के कपड़े धुलने के लिए रेगुलर डिटर्जेंट की जगह थोड़े माइल्ड क्लॉथ वॉश से ही कपड़े धुलें। ताकि हार्श केमिकल बच्चे की त्वचा को नुकसान न पहुंचा पाएं।
नवजात शिशु के कपड़े अलग धोएं
नवजात शिशु के कपड़े को घर के बाकि कपड़ों के साथ न धोएं। उन्हें अलग से धोएं। इससे नवजात शिशु के कपड़ों से किटाणु या बैक्टीरिया आने का खतरा नहीं रहता है।
कपड़ों को धूप और हवादार जगह में ही सुखाएं
नवजात शिशु के कपड़े धुलने के बाद उन्हें खुली हवा और धूप मिल सके। ताकि कपड़ों में मौजूद बैक्टीरिया खत्म जो सकें।
इन टिप्स के अलावा याद रखें कि हमेशा बदलते मौसम के अनुसार ही नवजात शिशु को कपड़े पहनाएं। जरूरत से ज्यादा या कम कपड़े शिशु की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
ऊपर बताए गए नवजात शिशु के कपड़े बदलने के ये टिप्स आपके बहुत ही काम के हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही अगर आपका इस विषय से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ शेयर करें।
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