आमतौर पर यूरिन तब पास की जाती है जब इसका एहसास होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में महिलाओं को ये एहसास दिनभर में कई बार हो सकता है। फ्रीक्वेंट यूरिनेशन के कारण कई बार महिलाओं को परेशान होना पड़ता है। लीकी ब्लैडर (Leaky bladder) कुछ गतिविधियों के दौरान समस्या उत्पन्न कर सकता है।
प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के समय और बाद में फ्रीक्वेंट यूरिनेशन एक लक्षण के तौर पर दिखाई देता है। लीकी ब्लैडर (Leaky bladder) की वजह से महिलाओं को तुरंत यूरिन पास हो जाती है। करीब 54.3 परसेंट महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बाद कुछ नकारात्मक प्रभाव देखने को मिले। प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में इन लक्षणों को बढ़ता हुआ पाया गया है।
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यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस (Urinary incontinence) के प्रकार
यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस के कई प्रकार होते हैं। जैसे :
स्ट्रैस इनकॉन्टिनेंट (Stress incontinence)
ब्लैडर में फिजिकल प्रेशर के कारण यूरिन पास होती है। लीकी ब्लैडर का ये मुख्य कारण हो सकता है। यह अक्सर तेज से हंसते, छींकते या खांसते समय दिखाई देता है।
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अर्जेंसी इनकॉन्टिनेंस (Urgency incontinence)
ब्लैडर कॉन्टैक्शन के कारण अचानक से यूरिन आ जाना। यह तब होता है, जब अचानक से यूरिन करने की तेज इच्छा होती है, और उस समय ब्लैडर पर कंट्रोल नहीं हो पाता है। इसमें महिला बाथरूम तक जाने तक भी यूरिन रोकने पर नियंत्रण नहीं कर पाती है।
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मिक्स्ड इनकॉन्टिनेंस (Mixed incontinence)
ये स्ट्रैस इनकॉन्टिनेंस और अर्जेंसी इनकॉन्टिनेंस का कॉम्बिनेशन है।
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ट्रांनसिएंट इनकॉन्टिनेंस (Transient incontinence)
यूरिनरी टेक्ट इंफेक्शन (UTI) या कॉन्टिपेशन की वजह से टेम्परेरी यूरिन का पास होना।
लीकी ब्लैडर की समस्या मुझे कैसे पता चलेगी?
प्रेग्नेंसी के समय वीक पेल्विक फ्लोर मसल्स के कारण महिलाओं को ब्लैडर और बाॅवेल संबंधी समस्या हो सकती है। लीकी ब्लैडर की समस्या होने पर अचानक से यूरिन पास हो जाती है। अगर महिला की पेल्विक मसल्स कमजोर हैं तो निम्न लक्षण दिख सकते हैं।
- खांसते, छींकते, हंसते या एक्सरसाइज करते समय यूरिन का निकल जाना।
- हवा पास करते समय दिक्कत होना।
- अचानक से तेज यूरिन पास करने का मन होना। ऐसे में बाउल मूमेंट भी तेजी से महसूस हो सकता है।
- बॉवेल मोशन के बाद सफाई करते समय परेशानी होना।
- बाॅवेल मोशन के समय दिक्कत होना। पुजिशन को चेंज करना।
- वजायना में सेंसेशन महसूस होना। इसे पेल्विक ऑर्गन प्रोलेप्स (Pelvic organ prolapse) कहते हैं।
बेबी के पैदा होने के बाद मां को सेक्स के समय भी समस्या हो सकती है। डिलिवरी के बाद वजायना के आसपास टीयरिंग के कारण दर्द महसूस हो सकता है। ब्रेस्ट फीडिंग के समय ईस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है जिस कारण से वजायना के आसपास ड्राई महसूस होता है। बेहतर ये होगा कि इस बारे में आप और आपका पार्टनर एक बार डॉक्टर से परामर्श लें।
कैसे काम करता है ब्लैडर? (How does bladder work?)
लीकी ब्लैडर की समस्या से महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और बाद में समस्या हो सकती है। हमारे शरीर में ब्लैडर कैसे काम करता है, इस बात की जानकारी भी होनी चाहिए। मूत्राशय यानी ब्लैडर गोल, मांसपेशियों वाला अंग है जो श्रोणि की हड्डियों ( pelvic bones) के ऊपर स्थित होता है। पेल्विक मसल्स इसे सपोर्ट करती हैं। ब्लैडर से बाहर यूरिन के लिए एक ट्यूब होती है जिसे यूरेथ्रा (urethra) कहते हैं। जब ब्लैडर से यूरिन पास हो जाती है तो ब्लैडर मसल्स रिलैक्स हो जाती हैं। जबकि स्फिन्क्टर मसल्स (sphincter muscles) यूरिन को पास होने के पहले तक ब्लैडर को क्लोज रखने में हेल्प करती हैं। जब ब्लैडर में यूरिन रहता है तो नर्व ये सूचना ब्रेन तक पहुंचाने का काम करती है। यूरिन पास करना है या नहीं, ये सूचना नर्व और मसल्स से ही हमें मिलती है। जब नर्व और मसल्स प्रॉपर काम करते हैं, तभी ब्लैडर भी नॉर्मल वर्क करता है।
चाइल्ड बर्थ (Childbirth) के बाद क्या होता है?
चाइल्ड बर्थ के बाद लीकी ब्लैडर की समस्या कम हो जाए, ऐसा जरूरी नहीं है। वजायनल डिलिवरी (Vaginal delivery) के बाद मसल्स और नर्व इंजर्ड हो सकती हैं। लेबर के दौरान पुश करने में कई बार नर्व डैमेज हो जाती हैं। अमेरिकन कांग्रेस ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स ने माना कि सिजेरियन डिलिवरी के पहले साल के दौरान लीकी ब्लैडर की समस्या से निजात मिल सकता है। हो सकता है कि दो से पांच साल बाद तक महिलाओं को किसी भी दिक्कत का सामना न करना पड़ें।
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लीकी ब्लैडर की समस्या से कैसे पाएं निजात? (How to get rid of the problem of the leaky bladder?)
लीकी ब्लैडर की समस्या से निजात पाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। घर में ही एक्सरसाइज के माध्यम से इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। अगर महिलाएं डिलिवरी के बाद कीगल एक्सरसाइज (Kegel exercise) पर ध्यान देती हैं तो लीकी ब्लैडर से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। कीगल एक्सरसाइज से पेल्विक फ्लोर मसल्स टाइट होती हैं। साथ ही मसल्स को स्ट्रेंथ मिलती है। अगर आपको कीगल मसल्स का पता लगाना है तो इसका आसान तरीका है। यूरिनेशन के दौरान कुछ समय के लिए रुक जाएं। जो मसल्स यूरिनेशन के फ्लो को रोकने का काम करती है, उसे की कीगल मसल्स कहते हैं। जब ये मसल्स ढीली पड़ जाती हैं तो बार-बार यूरिन पास करने का मन करता है।
कीगल एक्सरसाइज (Kegel exercise) के दौरान
- एब्डॉमिनल, थाई और बटॉक्स मसल्स को रिलेक्स करें।
- पेल्विक फ्लोर मसल्स को टाइट करें।
- पेल्विक मसल्स को 10 तक गिनने तक होल्ड रखें।
- 10 तक गिनने के बाद पेल्विक मसल्स को रिलेक्स होने दें।
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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर डिलिवरी के छह सप्ताह बाद तक भी लीकी ब्लैडर की समस्या ठीक नहीं होती है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। एक्सीडेंटल यूरिन लीक होने पर कोई अन्य हेल्थ कंडीशन होने की संभावना भी हो सकती है। ब्लैडर पर कंट्रोल न रहने पर कोई और बड़ी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
डिलिवरी के बाद न्यू मॉम (New Mother) को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनमें से एक लीकी ब्लैडर भी एक है। लेकिन, प्रसव के 6 सप्ताह के बाद भी यह समस्या बनी हुई है या प्रेग्नेंसी के दौरान आपको लीकी ब्लैडर की समस्या रही है तो इस बारे में एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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