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प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे इस लेख में

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे इस लेख में

    प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं पर कई तरह के रिस्ट्रक्शन होते हैं। जैसे वे अपनी पसंद की कई चीजें नहीं खा सकतीं। मनपसंद जगह घूमने नहीं जा सकतीं और पसंदीदा कपड़े नहीं पहन सकतीं। स्मेल से उन्हें उल्टी आने लगती है और थोड़ा इमोशनल होने पर वे रोने लगती हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की लाइफ में काफी बदलाव होते हैं। कुछ बदलाव हॉर्मोनल चेंजेस (Hormonal changes) के कारण होते हैं तो कुछ होने वाले बच्चे और मां के बेहतर स्वास्थ्य के लिए किए जाते हैं। इसी बदलाव में से एक है प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स ना करना। कई कपल बच्चों को नुकसान पहुंचने के डर से प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करने से बचते हैं और अगर सेक्स करते भी हैं तो उनके मन में प्रेग्नेंसी में ऑर्गैज्म को लेकर कई तरह की आंशकाएं रहती हैं। कई बार ऐसा भी कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म से लेबर पेन शुरू हो जाता है। 

    प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी इस आर्टिकल में दी जा रही है। आइए जानते हैं। 

    क्या प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म सुरक्षित नहीं है? (Orgasm During Pregnancy)

    प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म

    जब प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स की बात आती है तो महिला को हेजिटेशन हो सकता है। कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स का मूड नहीं रहता है, (ऐसा मॉर्निंग सिकनेस और हॉर्मोनल चेंजेस के कारण होता है)। आपके पार्टनर को लग सकता है कि सेक्स से बेबी को नुकसान हो सकता हैं या आपको इससे चोट लग सकती है, लेकिन बता दें कि अगर प्रेग्नेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन नहीं है और अगर डॉक्टर ने आपको प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करने से मना नहीं किया है तो प्रेग्नेंसी में सेक्स सेफ है। जनरल ऑफ सेक्शुअल मेडिसिन (The Journal of Sexual Medicine) में छपी एक स्टडी के अनुसार लो रिस्क प्रेग्नेंसी में सेक्स संबंध प्रीटर्म बर्थ (preterm birth), प्रीमैच्योर रप्चर मेम्ब्रेन (premature rupture of membranes) और लो बर्थ वेट (low birth weight) का कारण नहीं बनता।  

    निम्न परिस्थितियों में डॉक्टर आपसे सेक्शुअल एक्टिविटीज से दूरी बनाने के लिए कह सकता है। 

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    प्रेग्नेंसी में ऑर्गैज्म (Orgasm During Pregnancy)

    फर्स्ट ट्राइमेस्टर (First trimester)

    प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म (ograsm) का अनुभव करना चाहती हैं तो आपके लिए फर्स्ट ट्राइमेस्टर सही होगा। इस दौरान महिलाओं की बॉडी ज्यादा सेंसटिव हो जाती है। ब्रेस्ट इस दौरान ज्यादा सेंसटिव हो जाते हैं और पार्टनर के द्वारा इन्हें टच करने पर आप जल्दी एक्साइटेड हो सकती हैं। इसके साथ ही महिलाओं की लिबिडो भी इस दौरान बढ़ जाती है। वजायना में नैचुरल लुब्रिकेशन भी बढ़ जाता है जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म तक पहुंचना आसान होता है। इन सबके साथ इस दौरान आप मूड स्विंग, जी मिचलाना और उल्टी का शिकार हो जाती हैं। वहीं कई महिलाओं की सेक्स ड्राइव (sex drive) भी कम हो जाती है। इसलिए आप चाहें तो फर्स्ट ट्राइमेस्टर के दौरान ऑर्गैज्म को एंजॉय करें या इन लक्षणों के चले जाने का इंतजार करें। 

    और पढ़ें: महिला ऑर्गैज्म के बारे कुछ ऐसी बातें, जो आपको पता होनी चाहिए

    सेकेंड ट्राइमेस्टर (Second trimester)

    अब बात करते हैं सेकेंड ट्राइमेस्टर के बारे में। दूसरा ट्राइमेस्टर आते-आते सामान्यत: मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness) की समस्या से राहत मिल चुकी होती है और तीसरे ट्राइमेस्टर का डिसकंफर्ट शुरू होने में अभी काफी वक्त होता है। प्रेग्नेंसी में ऑर्गैज्म का अनुभव करने का यह बेस्ट टाइम हो सकता है, लेकिन निम्न बातों को आप महूसस कर सकती हैं। 

    1.ऑर्गैज्म (orgasm) के दौरान ज्यादा प्लेजर का होगा एहसास

    ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। जिससे यूटेरस (uterus) और वजायनल एरिया (vaginal area) बड़ा हो जाता है। जिससे सेंसेटिविटी ज्यादा होती है। यह अनुभव हर महिला के लिए अलग हो सकता है, लेकिन ज्यादातर महिलाओं के लिए यह अधिक आनंददायक होता है और ऐसे में ऑर्गैज्म तक पहुंचना भी आसान होता है। 

    2.ऑर्गैज्म के बाद क्रैम्प्स (cramps) अनुभव होना

    ऐसा होना सामान्य है। ऐसा तब भी हो सकता है जब आप प्रेग्नेंट ना भी हो। इनको लेकर परेशान ना हो। यह लेबर पेन नहीं है और नाही इससे लेबर पेन शुरू होगा। क्रैम्प्स आराम करने के बाद अपने आप ठीक हो जाते हैं। 

    और पढ़ें: Trichomoniasis: प्रेग्नेंसी में सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन होने पर दिखते हैं ये लक्षण

    3.पेट बहुत टाइट होने का एहसास

    इससे भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसा सामान्य महिला को ऑर्गैज्म के दौरान भी एहसास हो सकता है। स्ट्रेच स्किन और बड़ी बेली के साथ चांसेज ज्यादा होते हैं कि आपको अधिक सेंसेशन महसूस हो। 

    4. हॉर्मोन्स (Hormones) का बढ़ना

    प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी ऑक्सिटॉसिन (oxytocin) को रिलीज करती है। जिसे ‘हैप्पी हॉर्मोन’ कहा जाता है और ऑर्गैज्म के दौरान बॉडी ज्यादा मात्रा में ऑक्सिटॉसिन रिलीज करती है। जिससे आपको खुशी का एहसास होता है। 

    और पढ़ें: तीसरी तिमाही की डायट में महिलाएं इन चीजों को करें शामिल

    थर्ड ट्राइमेस्टर (Third Trimester) 

    थर्ड ट्राइमेस्टर के दौरान ऑर्गैज्म तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है। इस दौरान बेबी यूटेरस के ज्यादातर हिस्से को कवर कर लेता है और मसल्स क्लाइमैक्स तक पहुंचने के लिए पूरी तरह से संकुचित नहीं हो पाती। 

    क्या प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म पाने के लिए मास्टरबेशन का सहारा लिया जा सकता है? (masturbation during pregnancy)

    प्रेग्नेंसी के दौरान मास्टरबेशन पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। जब तक डॉक्टर किसी विशेष कारण के चलते इसके लिए मना ना करे। मास्टरबेशन के लिए सेक्स टॉय का यूज करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर कसंल्ट करें। प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म का अनुभव पाने के लिए मास्टरबेशन का सहारा लेने से पहले हाइजीन का विशेष ध्यान रखें ताकि किसी प्रकार का सेक्शुअल इंफेक्शन बच्चे तक ना पहुंचे। 

    क्या प्रेग्नेंसी में ऑर्गैज्म से लेबर शुरू हो सकता है? (orgasm causing labor)

    हम अक्सर इसके बारे में सुनते हैं। अगर आप इस मिथ पर भरोसा करते हैं तो प्रीटर्म (Preterm) के डर के चलते आप प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म के बारे में सोचेंगे भी नहीं, लेकिन 2014 की एक स्टडी में इस बात का पता चल चुका है कि यह सिर्फ एक मिथ है। इस स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने प्रेग्नेंट महिलाओं को दो ग्रुप में डिवाइड किया। जिसमें से एक ग्रुप की महिलाओं ने हफ्ते में दो बार सेक्शुअल इंटरकोर्स किया और दूसरे ग्रुप की महिलाओं ने एक बार भी नहीं किया, लेकिन रिसर्चर्स ने लेबर को लेकर किसी प्रकार का अंतर दोनों में नहीं पाया। इसी तरह हम ऊपर भी बता चुके हैं कि सेक्स स्पॉन्टेनियस लेबर (Spontaneous labor) के रिस्क को नहीं बढ़ाता है। 

    और पढ़ें: प्रेंग्नेंसी की दूसरी तिमाही में होने वाले हॉर्मोनल और शारीरिक बदलाव क्या हैं?

    क्या प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म मिसकैरिज का कारण बन सकता है? (Orgasm causing miscarriage)

    प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म मिसकैरिज (miscarriage) को प्रोवोक नहीं करता। ज्यादातर मिसकैरिज तब होते हैं जब फीटस सामान्य रूप से विकसित नहीं होता है। 

    प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म के लिए कौन सी सेक्शुअल पुजिशन (sexual position) अपनानी चाहिए? 

    जब तक आप कंफर्टेबल है तब तक आप किसी भी पुजिशन को अपना सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान ओरल सेक्स भी सेफ है। जैसे- जैसे प्रेग्नेंसी प्रोग्रेस करती है आप उन पुजिशन को अपना सकते हैं जिसमें आप दोनों सहज रहें। 

    क्या प्रेग्नेंसी के दौरान भी कंडोम (Condom) का उपयोग करना जरूरी है? 

    प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म

    प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually transmitted infection) होने वाले बच्चे और मां दोनों के लिए सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है। अगर पार्टनर को किसी प्रकार का सेक्शुअल इंफेक्शन है तो सेक्स को पूरी तरह अवॉइड करें। इसके साथ ही निम्न स्थितियों में भी कंडोम का उपयोग करें: 

    • अगर आप कई लोगों के साथ सेक्शुअल रिलेशन में हैं
    • अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपने नए पार्टनर के साथ संबंध बनाए हो

    और पढ़ें: तीसरी तिमाही में एक्सरसाइज करना चाहती हैं तो इन्हें करें ट्राई

    अगर गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन आपकी लिबिडो को टॉप पर ले गए हैं और अगर आपके साथ किसी प्रकार के कॉम्प्लिकेशन नहीं है तो आप में प्रेग्नेंसी के दौरान ऑर्गैज्म को एंजॉय कर सकते हैं। अगर प्रेग्नेंसी हाई रिस्क है तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा।  

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और प्रेग्नेंसी में ऑर्गैज्म से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

    डिस्क्लेमर

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