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प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म के दौरान रोना क्यों आता है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/09/2020

    प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म के दौरान रोना क्यों आता है?

    प्रेग्नेंसी के समय बॉडी में बायोलॉजिकल चेंजेस होते हैं। इस दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण कुछ लक्षण नजर आते हैं। महिलाएं खुद को पहले से ज्यादा इमोशनल फील करती है। यही कारण है कि प्रेग्नेंसी सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म में महिलाओं को रोना आ जाता है।

    इस बारे में जब हैलो स्वास्थ्य ने कलकत्ता के फोर्टिस हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्‍ट डॉ. सगारिका बसु से बात की गई तो उनका कहना था कि, ‘महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दूसरी तिमाही के दौरान एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है। इस कारण पेल्विक एरिया में खून का बहाव भी बढ़ जाता है। इस कारण महिलाओं को सेक्स की तीव्र इच्छा उत्पन्न होती है। ऑर्गेज्म के दौरान महिलाएं इमोशनल फील कर सकती है। उन्हें रोना भी आ सकता है। इसे हार्मोनल स्विंग भी कह सकते हैं।

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     प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म के दौरान रोना क्या किसी समस्या का संकेत है?

    ऐसा नहीं है। प्रेग्नेंसी सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म के समय रोना किसी समस्या का संकेत नहीं है। अगर आप रिलेशनशिप और आने वाले बच्चे को लेकर खुश हैं तो इस दौरान रोना आम बात मानी जाती है। प्रेग्नेंसी सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म में कई बार महिलाएं अपने पार्टनर के प्यार और आने वाले बच्चे की खुशी को व्यक्त करने के लिए रोने लगती हैं।

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    प्रेग्नेंसी सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म के समय रोने का कारण हो सकता है ये भी

    प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म के दौरान रोना खुशी की अभिव्यक्ति के साथ ही किसी समस्या के कारण भी हो सकता है। कई बार महिलाएं किसी बात को मन में लेकर बैठ जाती है। किसी वजह से दुखी होने के कारण भी उन्हें ऑर्गेज्म के दौरान रोना आ जाता है। बेहद करीब होने के दौरान महिलाओं के अंदर जो भी भावना होती है वो आंसू के रूप में सामने आ जाती है।

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    प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म से शरीर में क्या परिवर्तन होते हैं?

    जो महिलाएं प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म महसूस करती हैं, उनका कार्डियोसर्कुलर ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। इस दौरान संकुचन की प्रक्रिया भी होती है। कई बार ड्यू डेट के बाद लेबर पेन न होने की स्थिति में डॉक्टर सेक्स करने की सलाह दे सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ हार्मोन ऐसे होते हैं, जो महिलाओं को ऑर्गेज्म तक जल्दी पहुंचा देते हैं। ऑक्सीटोसिन हार्मोन के अधिक निकलने के कारण महिलाएं ऑर्गेज्म जल्दी महसूस करती हैं।

    प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म के दौरान महसूस हो सकता ऐसा भी

    अब जबकि आप जान चुके हैं कि प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म का एहसास सुरक्षित होता है तो आप इसे लेकर चिंता करना छोड़ दें। इस दौरान कपल कुछ परिवर्तन जैसे हार्मोन की वजह से वजायना का कम टाइट होना या डिस्चार्ज का अधिक निकलना आदि महसूस कर सकते हैं। साथ ही कई बार मसल्स ज्यादा टाइट हो जाती है जिससे पेनिट्रेशन की क्रिया में दिक्कत भी हो सकती है। अगर आप प्रेग्नेंसी सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म प्राप्त करना चाहते हैं तो फोरप्ले को न भूलें।

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    संवेदनशीतला जाती है बढ़

    प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म तक पहुंचना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान भी आपको रखना चाहिए। हाॅर्मोन के परिवर्तन के कारण भले ही प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म जल्दी महसूस हो सकता है, लेकिन इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि इस दौरान महिला के जेनिटल पार्ट अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। कई बार महिलाएं प्लेजर के साथ ही चिड़चिड़ापन या बेचैनी भी महसूस कर सकती हैं। पुरुषों को इस समय अधिक परिपूर्णता महसूस हो सकती है। सेक्स के दौरान पुरुष पार्टनर को महिलाओं की इच्छा का ध्यान रखना चाहिए। हो सकता है कि महिला किसी पल अच्छा नहीं महसूस कर रही हो। पार्टनर को समझदारी दिखाते हुए महिला को कंफर्ट फील कराना चाहिए।

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    गर्भावस्था में सेक्स के दौरान हो सकता है ये महसूस

    भले ही कुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म को एंजॉय करती हैं, लेकिन कुछ महिलाओं को इस बात को लेकर समस्या रहती है कि उनकी सेक्स ड्राइव में कमी आ गई है। ये बात सच है ये कि प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव में कमी आ जाती है। प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव में कमी थकान की वजह से भी हो सकती है। गर्भावस्था के लिए तैयार होना ही बड़ी ऊर्जा इकट्ठा करने के समान है। इस दौरान सेक्स के बारे में सोचना महिलाओं को थकावट का अहसास दे सकता है। कई बार महिलाएं समस्या होने पर आठ घंटे की नींद भी नहीं ले पाती हैं। इस दौरान मसाज और किंसिंग राहत महसूस करा सकते हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म मिले न मिले महिलाओं को सपोर्ट राहत प्रदान करता है।

    प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव कम होने का मुख्य कारण महिलाओं के शरीर में होने वाले परिवर्तन हैं। महिलाएं शरीर में होने वाले चेंजेस को इग्नोर नहीं कर पाती है और इस कारण सेक्स ड्राइव में कमी आ जाती है।

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    डर भी हो सकता है रोने की वजह

    प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म के दौरान महिलाएं रोती है, जिसका कारण डर भी हो सकता है। शरीर में हो रहे बदलाव के कारण अक्सर महिलाओं के मन में कई तरह की बातें चलती है। वे पेट बढ़ने के बाद खुद को आकर्षक महसूस नहीं करती। साथ ही वजन बढ़ने से कई महिलाओं का आत्मविश्वास भी कम होने लगता है। उनके मन में ये भी डर बैठ जाता है कि सेक्स के दौरान कहीं उनके बच्चे को किसी प्रकार की हानि ना हो जाए। भले ही होने वाली मां सेक्स के दौरान खुशी पाती है लेकिन बच्चे को लेकर डर उसको रोने के लिए मजबूर कर सकता है।

    प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों और तीसरी तिमाही में महिलाएं शरीर में हो रहे बदलाव के कारण सेक्स का ज्यादा मजा नहीं ले पाती। महिलाओं को दूसरी तिमाही का फायदा उठाना चाहिए। इस दौरान न तो पेट बहुत बढ़ा हुआ होता है और शरीर में हो रहे बदलाव जैसे उल्टी या चक्कर भी कम हो जाते हैं। अगर आपको प्रेग्नेंसी सेक्स में ऑर्गेज्म के बाद रोना आता है तो ये कोई खतरे की बात नहीं है। अगर फिर भी आपको कोई समस्या महसूस हो रही है तो महिला विशेषज्ञ से इस बारे में जानकारी जरूर लें।

    प्रेग्नेंसी सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म महसूस करना सेहत के लिए अच्छा होता है। इसे लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है। अगर आपको कुछ समस्या महसूस हो रही है तो बेहतर होगा कि एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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