
जैसे ही एक महिला गर्भवती होती है, तो उसकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। खासतौर पर, महिला को अपनी प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए इसका खास ध्यान रखना चाहिए, ताकि वह खुद भी स्वस्थ रहे और गर्भ में पल रहा बच्चा भी स्वस्थ रहे। सुबह के नाश्ते से लेकर रात के खाने तक में आपको ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए, जो आप दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो। तो अगर आपके दिमाग में भी यह सवाल है कि प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए तो आप इस आर्टिकल से जानकारी ले सकते हैं।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑबस्टेट्रीशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) के मुताबिक, प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए इस सवाल के जवाब में किसी भी प्रेग्नेंट महिला को कैल्शियम, फोलिक एसिड और आयरन के साथ-साथ प्रोटीन की भी भरपूर मात्रा की जरूरत होती है। इसका सबसे ज्यादा ध्यान उन्हें शुरुआती 3 महीनों के दौरान रखना होता है। इससे जुड़ी अधिक जानकारी आप हैलो स्वास्थ्य के इस आर्टिकल में पढ़ सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए का जवाब है फोलिक एसिड
अगर आप प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए के सवाल से परेशान हो तो आप इन जरूरी फूड आयटम को अपने खाने में शामिल करें। प्रेग्नेंसी के दौरान खाने के तौर पर फोलिक एसिड को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। फोलिक एसिड एक प्रकार का विटिमिन-बी है। यह आमतौर पर हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है। इसके अलावा, संतरे, ब्रोकली आदि में भी फोलिक एसिड पाया जाता है। कई महिलाएं इस बात को लेकर चिंतित रहती हैं कि उन्हें प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। सही जानकारी और सही खान-पान से आप अपने साथ-साथ अपने बच्चे को भी स्वस्थ रख सकते हैं।
फोलिस एसिड के फायदे
प्रेग्नेंसी के दौरान मां के शरीर में फोलिक एसिड की मात्रा बराबर होने से बच्चे में जन्मजात बीमारियों जैसे स्पाइना बिफिडा, दिमागी बीमारी का खतरा कम हो जाता है। फोलिक एसिड मां और बच्चे को एनीमिया के खतरे से भी बचाए रखता है। साथ ही ये गर्भपात के खतरे को भी दूर रखने में मदद करता है। इसलिए अगर आप भी इस बात से परेशान हैं कि प्रेग्नेंसी में क्या खाएं तो आज से ही अपने आहार में फोलिक एसिड शामिल करें।
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कैल्शियम भी है प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए का बेहतरीन ऑप्शन
कैल्शियम एक प्रकार का मिनरल है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों और दांतों का विकास करती है। विषेशज्ञों के मुताबिक, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान महिला उचित कैल्शियम के सेवन नहीं करतीं है, तो बच्चे के विकास में इसकी कमी को मां की हड्डियों से पूरा किया जाता है। तो अगर आप भी प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए सवाल से परेशान हैं तो कैल्शियम की मात्रा बढ़ाएं। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान मां कैल्शियन कम लेते हैं तो इससे मां और बच्चे दोनों की ही सेहत पर बुरा असर देखा जा सकता है। कैल्शियम की मात्रा को बनाए रखने के लिए डेयरी उत्पादों को आहार में शामिल करना चाहिए। 14 से 18 साल की उम्र की गर्भवती महिलाओं को एक दिन में एक हजार मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है। वहीं, 19 साल या उससे अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं को 1300 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है।
कैल्शियम के फायदे
प्रेग्नेंसी के दौरान क्या खाएं सवाल से अधिक परेशान ना हों और इस दौरान अगर आहार में कैल्शियम शामिल करते हैं तो यह हड्डियों के विकास के लिए अच्छा होता है। प्रेग्नेंसी में कैल्शियम मां की हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और बच्चे की हड्डियों का विकास करता है। इस दौरान, कैल्शियम महिलाओं में होने वाली शारीरिक कमजोरी को भी दूर करता है। कैल्शियम दिल, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को भी विकसित करने में मददगार होता है।
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अगर प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए है सवाल तो आयरन है विकल्प
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑबस्टेट्रीशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) के मुताबिक, एक प्रेग्नेंट महिला को रोजाना 27 मिलीग्राम तक आयरन की आवश्यकता होती है। आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करता है। हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में पाया जाने वाला प्रोटीन होता है, जो शरीर के विभिन्न अंगों और टिश्यू में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। आयरन की कमी के कारण शिशु का जन्म समय से पहले यानी प्रीमैच्योर डिलीवरी से हो सकता है। आयरन की कमी होने पर जन्म के समय बच्चा कम वजन का भी सकता है। प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए अगर आप इसके बारे में परेशान हैं तो अपने खाने में आयरन शामिल करें। आयरन न केवल आपको प्रेग्नेंसी के दौरान मदद करता है बल्कि प्रेग्नेंसी के बाद भी यह आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है।
गर्भावस्था में खानपान: आयरन को खाने में करें शामिल
आयरन शरीर में एनीमिया यानी खून की कमी को दूर करता है। अगर आप शाकाहारी हैं, तो हरी पत्तेदार सब्जियों, फलियों और सूखे मेवे से भी आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है। वहीं, अगर आप मांसाहारी हैं तो आप अच्छी तरह से पके हुए मीट का सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल के तहत गर्भवती महिलाओं को आयरन सप्लीमेंट मुहैया कराई जाती है। इस सप्लीमेंट को डॉक्टर गर्भावस्था की पहली तिमाही के बाद शुरू कर सकते हैं।
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गर्भावस्था में खानपान : प्रोटीन को जरूर करें डायट में शामिल
प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे का विकास और एम्नियोटिक टिशू की देखरेख पूरी तरह से प्रोटीन पर निर्भर करता है। इस दौरान, अगर मां के शरीर में प्रोटीन की कमी पाई जाती है, तो गर्भ में बच्चे का ठीक से विकास नहीं हो पाता, जिसका असर जन्म के बाद भी काफी समय तक देखा जा सकता है। प्रेंग्नेंसी में क्या खाना चाहिए ये सवाल तो सब पूछते हैं लेकिन इसका जवाब आपके आसपास ही है। खाने में प्रोटीन को शामिल कर आप अपने आप को हेल्दी रख सकते हैं और अपने बच्चे को भी हेल्दी रख सकते हैं।
प्रोटीन के फायदे
सेंट पीटर्सबर्ग, फ्लोरिडा में अकादमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स के आहार विशेषज्ञ और प्रवक्ता सारा क्राइगर का कहना है कि प्रोटीन गर्भ में पल रहे भ्रूण के महत्पूर्ण अंगों जैसे मस्तिष्क, ह्रद्य और फेफड़ों के विकास में मदद करता है। बच्चा जन्म के समय कितना स्वस्थ होगा, इसके लिए भी प्रोटीन ही जिम्मेदार होता है। प्रोटीन की मात्रा बनाए रखने के लिए प्रेग्नेंट महिलाओं को अपने दैनिक आहार में नियमित रूप से सोयाबीन, अंडा, मछली और मेवे जैसे पदार्थों को शामिल करना चाहिए।
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साथ ही यहां पर उन पदार्थों के बारे में भी बता रहें है जिनका सेवन प्रेग्नेंसी के दौरान नहीं करना चाहिएः
- एल्कोहॉल (नशीले पदार्थ)।
- उच्च पारे वाली मछलियां जैसे- स्वोर्डफिश, शार्क, किंग मैकेरल, टाइलफिश, टूना और पंगेसियस।
- कच्चा मांस।
अगर आप चाहते हैं कि जन्म से पहले और जन्म के बाद जच्चा-बच्चा दोनों पूरी तरह से सेहतमंद रहें तो गर्भवती को अपने आहार में उचित पौष्टिक तत्वों को शामिल करना चाहिए। अच्छा और पौष्टिक खानपान न सिर्फ गर्भवती के लिए बल्कि होने वाले बच्चे के विकास के लिए भी फायदेमंद होता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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