जब बच्चा मां के पेट में होता है तो मां के साथ उसकी बॉन्डिंग आसानी से बन जाती है। पिता के लिए ये काम मुश्किल होता है। कहते हैं कि जब मां के पेट में बच्चा पल रहा होता है उस समय पिता के मन में बच्चे की छवि बन रही होती है। पिता के लिए बच्चे से बॉन्डिंग (Baby Bonding) बनाना थोड़ा कठिन हो जाता है। फिर भी कुछ प्रयास किए जाए तो बच्चे से बॉन्डिंग (Baby Bonding) बनाना आसान हो जाता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिनके माध्यम से आप आने वाले बच्चे से बेहतर बॉन्डिंग (Baby Bonding) बनाने में सफल हो सकते हैं।
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बेबी के स्कैन से करें बॉन्डिंग की शुरुआत
भले ही आने वाले बच्चे की खुशखबरी सुनकर पिता अपने मन में बच्चे की छवि बना लेता हो, लेकिन बच्चे की छवि को देखने के लिए आपको स्कैन की जरूरत पड़ेगी। प्रेग्नेंसी के 26 से 32वें सप्ताह के दौरान जब आपकी पार्टनर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) के लिए जाए, तो आप भी उसके साथ जाए। इस दौरान आप बच्चे की छवि देख सकते हैं। साथ ही उसके किक करने का अंदाज आपके मन को भा जाएगा। आज के समय में 4D स्कैन पॉपुलर है। आप बच्चे की स्कैन फोटो को ले सकते हैं। आप चाहे तो स्कैन को वॉलपेपर के रूप में या मोबाईल सेवर में भी लगा सकते हैं। ये प्रॉसेस आपकी बच्चे से बॉन्डिंग (Baby Bonding) को बढ़ाने का काम करेगा।
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बच्चे से बॉन्डिंग के लिए करें बातें
23 हफ्ते के बाद आपके बच्चे की सुनने की क्षमता विकसित हो जाती है। जब आपको महसूस हो कि बच्चा पेट में किक कर रहा है तो उस दौरान आप बच्चे से बातें कर सकते हैं। पापा तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं, जैसी प्यारी बातें आप उससे कह सकते हैं या फिर कुछ भी ऐसा जो अपने नन्हे के साथ शेयर करना चाहते हो। भले ही बच्चा आपकी बातें नहीं समझ पाएगा, लेकिन वो आपकी आवाज को पहचानने लगेगा। बच्चे से बॉन्डिंग (Baby Bonding) बनाने का ये सबसे अच्छा तरीका है।
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पेरेंटिंग क्लासेस का बनें हिस्सा
पेरेंटिंग क्लासेस के दौरान बच्चे के होने वाले माता-पिता को प्रेग्नेंसी के दौरान (During pregnancy) की जरूरी बातों के साथ ही लेबर और डिलिवरी से जुड़ी जरूरी जानकारी दी जाती है। आप अपने पार्टनर के साथ क्लास का हिस्सा जरूर बनें। ऐसा करने से आपका बच्चे के साथ जुड़ाव बढ़ेगा। आप चाहे तो क्लास में बच्चे के साथ पिता की बॉन्डिंग के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं। आप चाहे तो पिता के साथ बच्चे की बॉन्डिंग की जुड़ी किताबों को भी पढ़ सकते हैं। ये सभी जानकारी आपकी नॉलेज को बढ़ाएंगी और आप अपने बच्चे के साथ अधिक जुड़ाव महसूस करेंगे।
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गर्भ में बच्चे से बॉन्डिंग: बॉन्डिंग के लिए लें संगीत का सहारा
हो सकता है कि आपको गुनगुना पसंद हो। अगर ऐसा है तो संगीत के माध्यम से आप अपने बच्चे के साथ जुड़ाव महसूस कर सकती हैं। जो भी गाना आपको पसंद हो वो बेबी बंप पर के पास गुनगुनाएं। बच्चा आपके गाने की लय को कुछ समय बाद महसूस करने लगेगा। अगर आपको गाना नहीं आता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप अपना पसंदीदा गाना प्ले भी कर सकते हैं। ये भी बच्चे के साथ बॉन्डिंग (Baby Bonding) बनाने का बेहतरीन तरीका है। शिशु के साथ अलग-अलग तरह से बॉन्डिंग बनाकर आप खुद को स्ट्रेस फ्री रख सकते हैं और शिशु भी खुश रहेगा।
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आखिर उसे क्या पसंद आएगा?
आपको अपने बचपन की हॉबी तो याद होंगी। आपके मन में इस दौरान ये ख्याल जरूर आ सकता है कि आखिर बच्चे को क्या पसंद होगा। आप चाहे तो अपनी पसंदीदा बुक की स्टोरी या फिर कविता को इस दौरान याद कर सकते हैं। कविता या स्टोरी को आप बेबी बंप में हाथ फिराते हुए पढ़ें। जब बच्चा थोड़ा बढ़ा हो जाएगा और फिर आप उसके सामने वहीं कविता और स्टोरी दोहराएंगे तो हो सकता है उसे पसंद आ जाए। अध्ययन के दौरान ये बात सामने आई है कि बच्चा पेट में रहने के दौरान जो ध्वनियां सुनता है, पैदा होने के बाद वहीं ध्वनि सुनाई जाती है तो उसका रिस्पॉन्स पॉजिटिव (Positive response) आता है। ये भी बच्चे से बॉन्डिंग बनाने का अच्छा तरीका है।
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गर्भ में बच्चे से बॉन्डिंग: अपनी पसंद का ला सकते हैं सामान
अगर एक पिता डॉक्टर है तो उसका मन हो सकता है कि आने वाला बच्चा भी डॉक्टर बने। वैसे तो ये जरूरी नहीं होता है, लेकिन पिता की बच्चे को लेकर कुछ ख्वाहिश हो सकती है। ऐसे में बच्चे के लिए मेडिकल किट से लेकर अन्य सामान को सजावट के तौर पर खरीदा जा सकता है। भले बच्चा पैदा होने के बाद कुछ समय तक इन चीजों को नहीं समझेगा, लेकिन कई समय तक एक जैसा सामान देखकर बच्चे को उस चीज के लिए उत्साह बढ़ जाएगा। ये बच्चे के पैदा होने के बाद की तैयारी है, लेकिन आप इसे प्रेग्नेंसी के दौरान (During pregnancy) भी अपना सकते हैं। बच्चे के लिए पहले से उसका रूम सजाना भी एक तरह से बच्चे के साथ अच्छी बॉन्डिंग तैयार करना होता है।
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गर्भ में बच्चे से बॉन्डिंग: बच्चे से बॉन्डिंग के लिए अपनाए ये ट्रिक
जब बच्चा मां के पेट में होता है तो पिता कुछ तरीकों का इस्तेमाल करके बच्चे से बॉन्डिंग (Bonding with Baby) बना सकते हैं। बच्चे के पैदा होने के बाद उसका ज्यादातर समय मां के साथ ही गुजरता है। ऐसे में बच्चे से बॉन्डिंग (Bonding with Baby) बनाने के लिए पिता कुछ खास तरीके अपना सकते हैं।
सोफे पर लेटने के बाद बच्चे को अपने पास लिटाएं। अब उसकी हार्टबीट (Heartbeat) को सुनें। ऐसा करने से आपको सुखद अनुभव होगा। बच्चों को माता-पिता की गोद में बहुत सुकून मिलता है। बच्चा थोड़ी देर खेलने के बाद अपने आप ही आपके ऊपर सो जाएगा। एक पिता के लिए बच्चे से बॉन्डिंग (Bonding with Baby) बनाने का ये सबसे अच्छा तरीका है। आप चाहे तो इस काम को रोजाना कर सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे को आपका साथ भाने लगेगा और अच्छी बॉन्डिंग भी हो जाएगी। आप के इस प्रयास से जहां एक ओर आपकी बॉन्डिंग बच्चे से बनेगी, वहीं दूसरी ओर मां को भी थोड़ी देर से के लिए रिलैक्स मिल जाएगा।
माता-पिता बच्चे के आने की खबर सुनकर उत्साहित हो जाते हैं। वे प्रेग्नेंसी के दौरान ही आने वाले बच्चे को लेकर बहुत कुछ सोच लेते हैं। आपको एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे के आने के बाद जरूरत से ज्यादा बातों को लेकर अपेक्षा न रखें। जरूरी नहीं है कि जो आपको पसंद हो, वो बच्चा भी पसंद करें। बॉन्डिंग रिश्तों को मजबूत करने का काम करती है। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा, उपचार या निदान प्रदान नहीं करता।
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