के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
हर महिला ने एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) के बारे में सुना ही होगा। अगर कोई महिला मां बनना चाहती हो तो प्रेग्नेंसी टेस्ट के दौरान वो दो गुलाबी लाइनें देखना किसी भी अन्य खुशी से बढ़ कर है। लेकिन, कभी-कभी यह झूठी पिंक लाइनें निराशा का कारण भी बन सकती हैं। इसीलिए, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) को फेक प्रेग्नेंसी (Fake Pregnancy) भी कहा जाता है।
गर्भावस्था तब शुरू होती है जब अंडाणु निषेचित होता है। आमतौर पर निषेचित हुआ अंडाणु गर्भाशय की परत से जुड़ा होता है। लेकिन इस फेक प्रेगनेंसी की स्थिति में भ्रूण गर्भ के बाहर होता है। अधिकांश मामलों में, यह गर्भावस्था फैलोपियन ट्यूब के अंदर होती है। सही समय पर इस समस्या का निदान या उपचार किया जाए तो इससे भविष्य में सामान्य गर्भावस्था की संभावना बढ़ जाती है।
फेक प्रेग्नेंसी में अंडाणु जीवित नहीं रह पाता और अगर इसका सही समय पर उपचार न किया जाए तो टिश्यू के बढ़ने के कारण जानलेवा ब्लीडिंग हो सकती है। ऐसे में, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) को निकालना पड़ता है क्योंकि यह मां के लिए घातक हो सकती है।
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अधिकतर मामलों में, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) गर्भावस्था के शुरुआती कुछ हफ़्तों के अंदर होती है। इसमें आप यह भी नहीं जान पाएंगी कि आप गर्भवती हैं या आपको किसी तरह की कोई समस्या भी नहीं होगी।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं:
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) फैलोपियन ट्यूब को फटने का कारण बन सकती है। अगर आपको अधिक दर्द या ब्लीडिंग हो तो यह इस स्थिति के गंभीर लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको अधिक ब्लीडिंग, चक्कर आते हैं या कंधे में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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प्रेग्नेंसी के अधिकतर मामलों में, निषेचित अंडाणु फैलोपियन ट्यूब से होकर गर्भाशय तक जाता है। यदि अंडाणु की गति रुक जाती है या ट्यूबों के माध्यम से धीमी हो जाती है, तो यह एक एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) का कारण बन सकता है। इस समस्या का कारण बनने वाले कुछ कारण इस प्रकार हैं:
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इन स्थितियों में भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) जोखिम भरी हो सकती है,अगर:
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अगर आपको एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का शारीरिक जांच से शुरुआत में निदान नहीं किया जा सकता है।
आपके लक्षण जानने के बाद डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं, जैसे:
यदि आपको गंभीर लक्षण नजर आते हैं, जैसे कि बहुत अधिक दर्द या रक्तस्राव हो, तो समझ ले कि इन सभी चरणों को पूरा करने के लिए आपके पास पर्याप्त समय नहीं है। चरम मामलों में, फैलोपियन ट्यूब फट सकती है, जिससे गंभीर ब्लीडिंग हो सकती है। अगर ऐसा है तो आपके डॉक्टर तत्काल उपचार प्रदान करने के लिए आपकी आपातकालीन सर्जरी करेंगे।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) मां के लिए सुरखित नहीं है। इसके अलावा, इसके भ्रूण विकसित होने में सक्षम नहीं होगा। मां के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तुरंत इस प्रेगनेंसी को निकालना आवश्यक है। उपचार के विकल्प एक्टोपिक गर्भावस्था के स्थान और उसके विकास पर निर्भर करते हैं।
आपका डॉक्टर यह तय कर सकता है कि तत्काल जटिलताओं की संभावना है या नहीं। इस मामले में, डॉक्टर आपको कुछ दवाईयां दे सकते हैं, जैसे :
इस समस्या में जो दवाई सबसे सामान्य दी जाती है वो है मिथोट्रेक्सेट (methotrexate)। मिथोट्रेक्सेट वो दवा है जो तेजी से विभाजित कोशिकाओं के विकास को रोकती है, जैसे कि एक्टोपिक सेल्स। अगर आप इस दवा को लेते हैं तो डॉक्टर आपको इंजेक्शन भी दे सकते हैं। इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कि दवाईयां प्रभाव डाल रही हैं कि नहीं, आपको नियमित रूप से ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। अगर यह दवाईयां प्रभावी हैं, तो इसके लक्षण गर्भपात के समान होने चाहिए जो इस प्रकार हैं:
अगर ऐसा हो जाता है, तो सर्जरी की आवश्यकता भी कम ही पड़ती है। मिथोट्रेक्सेट लेने के कई महीने के तक आप गर्भवती नहीं हों सकती
कई डॉक्टर आपको भ्रूण को निकालने और अंदरूनी नुकसान को पूरा करने की सलाह देंगे। इस प्रक्रिया को लैपरोटोमी कहा जाता है। आपके डॉक्टर एक छोटे से चीरे के माध्यम से एक छोटा कैमरा डालेंगे ताकि वो इस प्रक्रिया को देख सके। इसके बाद डॉक्टर भ्रूण को हटा देंगे और फॉलोपियन ट्यूब को हुए नुकसान को ठीक कर देंगे।
अगर सर्जन सफल नहीं होते तो वो बड़े चीरे के माध्यम से लैपरोटोमी को दोहरा सकते हैं। अगर फॉलोपियन ट्यूब को अधिक नुकसान हुआ है, तो सर्जरी के समय डॉक्टर उसे भी निकाल सकते हैं।
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एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) अधिकांश फैलोपियन ट्यूब के बाहर होती है, इसे रोका नहीं जा सकता। लेकिन, आप कुछ ऐसी परिस्थितियों से बचकर जोखिम को कम करने में सक्षम हो सकते हैं जो फैलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुंचा सकती हैं। यह इस प्रकार हैं:
ऐसा नहीं है कि एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) होने पर फिर से गर्भधारण नहीं किया जा सकता है। इस दौरान सही ट्रीटमेंट की सख्त जरूरत होती है। यही नहीं गायनोकोलॉजिस्ट कपल्स को इस बारे में सही सलाह देते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट महिला के हेल्थ के अनुसार फिर से हेल्दी गर्भवती होने की सही सलाह देते हैं।
गर्भावस्था की शुरुआत के साथ ही बिना देरी किए जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट अल्ट्रासाउंड और अन्य टेस्ट की मदद से मां और शिशु दोनों की सेहत की जानकारी लेते हैं। इस दौरान डॉक्टर भी जो सलाह देते हैं, उसे ठीक से फॉलो करना चाहिए।
हेल्थ एक्सपर्ट और रिसर्च के अनुसार एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) का खतरा उन महिलाओं को ज्यादा होता है, जो एक से ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं। एक से ज्यादा लोगों के साथ फिजिकली अटैच होने से इंफेक्शन का भी खतरा बढ़ जाता है।
हां, इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर महिला की फैलोपियन ट्यूब में कोई नुकसान पहुंचता है, तो गर्भधारण में परेशानी हो सकती है। इसलिए अगर कोई महिला एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) से गुजर चुकी हैं, तो दोबारा बेबी प्लानिंग के दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति होने पर घबराएं नहीं सिर्फ अपने गायनेकोलॉजिस्ट के संपर्क में रहें और जो सलाह डॉक्टर आपको दें उसे ठीक से फॉलो करें।
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अगर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy) की जानकारी जल्द मिल जाए तो यह गर्भवती महिला की सेहत के अच्छा माना जाता है। क्योंकि अगर भ्रूण फैलोपियन ट्यूब में ज्यादा वक्त तक रह जाता है, तो इससे फैलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुंचता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान अगर परेशानी ज्यादा हो या वजायनल ब्लीडिंग हो, तो इसे जरा भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था के शुरुआत से ही या अगर आपने प्लानिंग के साथ कंसीव किया है, तो पौष्टिक आहार लेना शुरू कर दें। सिगरेट और एल्कोहॉल जैसे पेय पदार्थों से दूरी भी बनाना भी हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए आवश्यक होता है।
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