प्रेग्नेंसी की शुरूआती लक्षणों के बारे में लगभग सभी जानते हैं। बनने वाली मां में गर्भावस्था के दौरान या शुरू होने पर क्या-क्या बदलाव आते हैं इसके बारे में सुनने के साथ-साथ पढ़ते भी हैं लेकिन, आज जानेंगे गर्भावस्था में पिता के व्यवहार में क्या बदलाव होते हैं? सच्चाई तो ये है कि गर्भावस्था में पिता के लक्षण के बारे में कोई नहीं करता है। हैलो स्वास्थ्य की टीम ने इस बारे में कुछ पुरुषों और महिलाओं से बात कर समझने की कोशिश की। आखिर पार्टनर (पत्नी) के गर्भधारण करने पर बनने वाले पिता में क्या-क्या बदलाव आते हैं? क्या उन्हें भी मूड स्विंग जैसी अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है? इस आर्टिकल में जानते हैं –
गर्भावस्था में पिता में क्या बदलाव होते हैं?
जिस तरह गर्भवती महिला में शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं उसी तरह गर्भावस्था में पति के भी व्यवहार में कुछ बदलाव आते हैं जैसे-
गर्भावस्था के दौरान पिता को होती है एंजायटी
गर्भावस्था की शुरुआत में पिता को एंजायटी होना स्वाभाविक है। जब इस बारे में मुंबई में रहने वाले 32 वर्ष के अनुज त्रिपाठी का कहना है कि, ‘गर्भावस्था के 9 महीने उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण थे। लगातार अपनी लाइफ पार्टनर को परेशान रहता देख उन्हें भी तकलीफ होती थी। वाइफ को लगातार उल्टी करता देख और खाना नहीं खाने पर उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती थी। यही नहीं डिलिवरी की डेट नजदीक आते-आते उन्हें इस की भी चिंता होती थी कि डिलिवरी नॉर्मल होनी चाहिए।’ अनुज को इन सब बातों को लेकर एंजायटी होने लगी थी।
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पुरुषों में दिखता है ये लक्षण
गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस गर्भवती महिलाओं के लिए आम समस्या है और अपनी लाइफपार्टनर को सुबह-सुबह ऐसी हालत में देख बनने वाले पिता भी परेशान हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में पुरुष भी बार-बार टॉयलेट जाने लगते हैं।
गर्भावस्था के दौरान पिता भी हो जाते हैं एक्सट्रा इमोशनल
ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद महिलाएं बहुत इमोशनल हो जाती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि ऐसा सिर्फ गर्भवती महिला के साथ ही हो बल्कि पुरुषों को भी ऐसा हो सकता है। इस बारे में मुंबई में रहने वाले 31 वर्ष के मुकेश सिंह कहते हैं कि, ‘जब उनकी वाइफ प्रेग्नेंट थीं तो इस दौरान उन्हें डॉक्टर ने ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह दी थी। कॉम्प्लिकेशन के कारण उनकी वाइफ हेमा काफी परेशान रहती थीं और उनकी परेशानी देख कभी-कभी तो मुकेश रोने भी लगते थे। खैर अब सबकुछ अच्छा है और उनकी बिटिया रानी भी ढ़ाई साल की हो चुकी है।’
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सेक्सशुअल लाइफ
इस दौरान कुछ कपल्स अपनी सेक्स लाइफ को लेकर चिंतित हो जाते हैं, तो कुछ इस 9 महीने को एंजॉय करते हैं। कुछ रिसर्च के अनुसार गर्भवती महिला के साथ सेक्स तब सुरक्षित माना जा सकता है जब वह स्वस्थ हो और डॉक्टर ने प्रेग्नेंसी के दौरन उन्हें स्वस्थ बताया हो।
गर्भावस्था में पिता का बढ़ता है वजन
गर्भावस्था में गर्भवती महिला का वजन बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन इन दिनों में उनके लाइफ पार्टनर का भी वजन बढ़ने लगता है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान पुरुषों में तनाव की वजह से कोर्टिसोल हॉर्मोन का लेवल बढ़ने लगता है और वजन बढ़ाने में कोर्टिसोल हॉर्मोन सहायक होता है, जिस वजह से वजन बढ़ने लगता है।
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गर्भावस्था में पिता को होता है दर्द
पत्नी की गर्भावस्था में पुरुषों में बॉडी पेन क्यों होता है इससे जुड़े रिसर्च में कोई खास बात सामने नहीं आई है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि वाइफ में हो रही परेशानी को देख उन्हें भी बॉडी पेन जैसी अन्य परेशानी होने लगती है।
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गर्भावस्था में पिता में हो रहे बदलावों से कैसे निपटें?
- गर्भवती महिला भी एक्सरसाइज कर सकती हैं, इसलिए दोनों एक-साथ वर्कआउट करें।
- अगर वर्कआउट नहीं कर पा रहें हैं, तो वॉक पर जाएं।
- कपल्स एक दूसरे को सरप्राइज डिनर पर ले जाएं।
- दोनों एक दूसरे के साथ शॉपिंग पर जाएं।
- दोनों पौष्टिक आहार का सेवन करें।
भावी पिता बनने वाली मां के लिए क्या कर सकते हैं?
- मां के साथ बच्चे के आगमन की तैयारी, जैसे- चिकित्सा, सेहत की देखभाल के लिए पैसों का बंदोबस्त, गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद मां-शिशु को सहयोग करें।
- डॉक्टर से मिलने पत्नी के साथ जाएं जिससे आपको भी पता चले कि उसको प्रेग्नेंसी पीरियड में क्या परेशानियां हैं या सब कुछ ठीक चल रहा है।
- उसकी चिंताओं और जरूरतों के बारे में जानकारी रखें।
- ज्यादातर कपल्स न्यूक्लिअर फैमिली में रहते हैं अत: आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप अपनी पत्नी को निर्धारित समय पर पौष्टिक भोजन या दवाएं लेने को प्रोत्साहित करें।
- गर्भावस्था के दौरान मूड में बदलाव होते हैं जो सामान्य है। धीरज रखें और उनका सहयोग करें।
- उन्हें स्नेह और ध्यान के साथ गर्भावस्था की अवधि का आनंद लेने में मदद करें।
- परिवार के अन्य सदस्यों के साथ संघर्ष के समय में उनका समर्थन करें।
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गर्भावस्था में पति समझें आखिर क्या चाहती है पत्नी?
गर्भावस्था में पति को समझना चाहिए कि बच्चे के वजन और शरीर में आने वाले परिवर्तन के कारण इस दौरान गर्भवती महिला काफी चिड़चिड़ी हो जाती है। ऐसी स्थिति में पति प्रसव से पहले पत्नी को हर तरह से सपोर्ट करे ताकि उसे गुस्सा न आए। गर्भावस्था में पति अगर महिला की देखभाल ठीक से करता है और प्यार से करता है तो महिला बच्चे को आसानी से जन्म दे पाएगी।
गर्भावस्था के दौरान हाॅर्मोन में परिवर्तन होते हैं और मानसिक अवस्था में भी बदलाव आते हैं ऐसे में पति की थोड़ी सी भी मदद पत्नी के लिए बड़ा सहारा बन सकती है। पति का प्यार, पत्नी और इस दुनिया में आने वाले बच्चे के लिए दवा का काम करेगा।
प्रेग्नेंसी के दौरान पत्नी का पल- पल मूड बदल सकता है। गर्भावस्था में पति अपनी पत्नी पर कतई गुस्सा न करें। उसे समझने की कोशिश करें। कुल मिलाकर बेस्ट हसबैंड और बेस्ट पिता बनना है तो पत्नी की गर्भावस्था के दौरान धैर्य रखें और हर स्थिति में पति-पत्नी एक-दूसरे का साथ निभाएं। अगर किसी बात को लेकन परेशानी ज्यादा है, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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