महिला के प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज होना शुरू हो जाता है। इसका कलर अलग-अलग हो सकता है। प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज की मात्रा में इजाफा होना प्रेग्नेंट होने का शुरुआती संकेत है। कुछ कलर में होने वाला डिस्चार्ज सामान्य होते हैं जबकि, कुछ कलर इंफेक्शन का संकेत देते हैं। इस दौरान डिस्चार्ज के कलर में बदलाव काफी अहम होता है। इस आर्टिकल में हम प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज के बारे में बताने के साथ ही कौन सा कलर खतरे का संकेत हो सकता है और यह भी बताएंगे।
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इन रंगों में हो सकता है प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज
2. हरा या पीला
3. ग्रे या भूरा
4. गुलाबी और लाल रंग
इसको लेकर हमने दिल्ली में पिछले 35 वर्षों से बतौर काम कर रहीं सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर अनीता सभरवाल से खास बातचीत की। डॉक्टर अनीता इस क्षेत्र में योगदान को लेकर कई अवॉर्ड अपने नाम करा चुकीं हैं। डॉ. अनीता के मुताबिक, ‘गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में होने वाला डिस्चार्ज पतला, व्हाइट , भूरा, हरा, गुलाबी और कई बार सॉलिड भी हो सकता है।’
नियमित चिकित्सा जांच है जरूरी
सामान्य मामलों में महिलाओं को हल्के प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज की समस्या होती है जो कि सामान्य है। ऐसे मामलों में महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कम से कम 6-9 बार चेकअप के लिए जाना चाहिए।
पीरियड और गर्भावस्था के अलग-अलग समय में डिस्चार्ज होना एक सामान्य बात है। वहीं हेल्दी वजायनल प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज को ल्यूकोरिया के नाम से भी जाना जाता है। यह पतला और सफेद होता है और इसमें हल्की स्मेल आती है।
वजायनल और यूट्रिन इंफेक्शन को कम करने के लिए प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज की मात्रा बढ़ जाती है। प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इस ड्यूरेशन में यह गुलाबी रंग का और म्यूकस जैसा दिखता है। आमतौर यह पर जैली की तरह होता है जो यह बताता है कि महिला का शरीर डिलिवरी के लिए तैयार है।
डॉ. अनीता ने कहा, ‘जिन महिलाओं को शुगर या ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें नियमित रूप से चेकअप के लिए जाना ही चाहिए है। ऐसा न करने पर रिस्क हो सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिए एंटीनेटल टेस्ट कराना आवाश्यक है। जिससे बच्चे की सेहत के बारे में जानकारी मिल सके और समय रहते एहतिहात के तौर पर कदम उठाए जा सकें। यदि किसी प्रेग्नेंट महिला को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी नहीं है तब भी उसे नियमित रूप से डॉक्टर के पास जांच के लिए जाना चाहिए।’
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इस रंग का प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज हो सकता है खतरनाक
यदि प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज बदबूदार हरे या पीले रंग का होता है तो यह खतरे की घंटी हो सकती है। इस दौरान वजायना में लालिमा या खुजली का अहसास भी हो सकता है। इसका कारण वजायना में फंग्गस इंफेक्शन हो सकता है।
दूसरी तरफ असामान्य प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज के पीछे सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज भी एक कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको क्लायमेडिया या ट्रिकोमनाइसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं। कई मामलों में इसके लक्षण सामने नहीं आते हैं।
डॉक्टर अनीता सभरवाल के मुताबिक, ‘कई बार डिस्चार्ज से तेज बदबू आती है। कई मामलों में स्पॉटिंग होती है, जोकि सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। ज्यादा ब्लीडिंग होने पर महिलाओं में मिसकैरिज का खतरा ज्यादा रहता है।’
सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज गर्भावस्था के दौरान महिला और शिशु दोनों के लिए ही समस्या पैदा कर सकती हैं। कई बार यह परेशानियां शिशु के जन्म लेने के बाद एक वर्ष तक नहीं नजर आती हैं लेकिन, यह नर्वस सिस्टम और बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकती हैं। इसके साथ ही इनफर्टिलिटी की समस्या भी हो सकती है।
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ग्रे रंग का डिस्चार्ज
यह रंग वजायना में इंफेक्शन का संकेत हो सकता है, जिसे बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बीवी) कहा जाता है। शारीरिक संबंध बनाने के बाद इस प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज से तेज स्मेल आने लगती है।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस वजायना में बैक्टीरिया के असुंतलन की वजह से होता है। एक से अधिक पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाना भी इसके खतरे को बढ़ाता है।
डॉ. अनीता ने कहा, ‘वजायना में बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसी स्थिति में महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। उनके लिए प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज के बारे में जानकारी रखना बेहद जरूरी है। इस तरह की समस्या का इलाज घर पर नहीं किया जा सकता। समय-समय पर चिकित्सा जांच इन खतरों से बचाती है।’
भूरे रंग का डिस्चार्ज
आमतौर पर शरीर से पुराना ब्लड बाहर आने से डिस्चार्ज का रंग भूरा हो जाता है, जोकि प्रेग्नेंट होने का शुरुआती संकेत हो सकता है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान भूरे रंग का प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज होना सामान्य नहीं हो सकता बल्कि यह चिंता का विषय है। ऐसे में महिलाओं को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डॉक्टर अनीता सभरवाल ने कहा, ‘भूरे रंग का डिस्चार्ज सबसे ज्यादा खतरनाक होता है, इसमें एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का खतरा होता है। इसके अतिरिक्त, चक्कर आना भी इसका एक लक्षण हो सकता है। इसमें महिला को तुरंत डॉक्टर के पास जाना आवश्यक है, जिसमें डॉक्टर तय करेगा कि महिला का बीटा एचसीजी टेस्ट या अल्ट्रासाउंड किया जाए।’
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गुलाबी रंग का डिस्चार्ज
गर्भावस्था के दौरान गुलाबी रंग का डिस्चार्ज होना सामान्य भी हो सकता है और नहीं भी। अक्सर प्रेग्नेंसी के आखिरी हफ्ते में गुलाबी रंग का डिस्चार्ज संकेत देता है कि डिलिवरी के लिए महिला का शरीर तैयार है।
हालांकि, यह मिसकैरिज या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का संकेत भी हो सकता है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान लाल रंग का डिस्चार्ज होना खतरे का संकेत हो सकता है, जिसमें तत्काल डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए। विशेषकर उन मामलों में जब ब्लीडिंग ज्यादा हो, ब्लड क्लॉटिंग के साथ ऐंठन या पेट में दर्द हो। इस तरह के संकेत मिसकैरिज होने या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के संकेत हो सकते हैं। करीब 10-15 प्रतिशत मामलों में इससे मिसकैरिज हो जाता है।
लाल रंग वाले डिस्चार्ज के अन्य कारण भी हो सकते हैं। विशेषकर पहले ट्राइमेस्टर के दौरान इंप्लांटेशन या इंफेक्शन हो सकता है। अध्ययनों में पाया गया है कि 7 लेकर 24 प्रतिशत महिलाओं को गर्भावस्था की शुरुआती में ब्लीडिंग होती है।
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों के अलावा बाद में ब्लीडिंग होना गंभीर खतरों या प्रीटर्म डिलिवरी का संकेत हो सकता है, जिसमें तत्काल डॉक्टर की सहायता की जरूरत होती है। साथ ही अगर आपको डिस्चार्ज को लेकर कोई शंका है तो डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें।
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