गर्भावस्था के दौरान होने वाली मतली को आमतौर पर मॉर्निंग सिकनेस के रूप में जाना जाता है। अधितर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस (Evening sickness during pregnancy) का अनुभव करती हैं। कुछ महिलाओं को केवल सुबह के समय में मतली की समस्या होती है, तो कुछ को शाम के समय। लेकिन यह गर्भावस्था में दिन या रात के किसी भी समय हो सकती है। सभी में इसके अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं। कुछ प्रेग्नेंट महिलाओं में इसका गंभीर रूप भी देखने को मिल सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस (Evening sickness during pregnancy) के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें इस आर्टिकल को , साथ ही जानें कि प्रेग्नेंट महिलाएं सिकनेस से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें। इससे पहले यह भी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में सिकनेस है क्या?
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प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस (Evening sickness during pregnancy)क्या है?
प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस (Evening sickness during pregnancy) की बात करें, तो पहले तिमाही के दौरान, कई प्रेग्नेंट महिलाओं को मतली और उल्टी की समस्या होती है, जिसे सिकनेस के रूप में जाना जाता है। वैसे तो मॉर्निंग सिकनेस की समस्या ज्यादा देखी जाती है, पर यह दिन या रात किसी भी समय पर हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस की समस्या आमतौर पर गर्भावस्था के 6 वें सप्ताह के आसपास शुरू होती है और 9वें सप्ताह के आसपास स्थिति गंभीरी हे सकती है, जोकि 16 वें से 18 वें सप्ताह तक ठीक होने लगती है।
कुछ गर्भवती महिलाओं में मतली की गंभीर स्थिति भी देखने को मिलती है। गंभीर सिकनेस की समस्या तब होती है, जब मतली और उल्टी दिन में कई बार होने लगती है और उल्टी के कारण डिहायड्रेशन की समसस्या हो जाती है। यदि गर्भावस्था से संबंधित इस दुर्लभ स्थिति का इलाज न किया जाए , तो शरीर में कमजोरी भी हो सकती है। इससे और भी कई समस्याएं बढ़ सकती है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस का कारण (Cause of evening sickness during pregnancy)
प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस के कई कारण हो सकते हैं जिसमें से एक मुख्य कारण है शरीर में बदलाव जो आपकी पूरी गर्भावस्था में होंगे। ऐसा गर्भावस्था के दौरान होने वाले हॉर्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। कुछ मामलों में थायरॉयड की समस्या भी मतली या उल्टी का कारण बन सकती हैं। प्रेग्नेंसी में मतली आमतौर पर 9 वें सप्ताह से पहले शुरू होती है। कुछ महिलाओं में, यह गर्भधारण के दो सप्ताह बाद भी शुरू हो सकती है। कुछ महिलाओं को सिकनेस का बिल्कुल भी अनुभव नहीं होता है। मॉर्निंग सिकनेस कुछ हफ्तों या महीनों तक रह सकती है, लेकिन आम तौर पर पहली तिमाही के अंत तक यह समस्या ठीक होने लगती है। इतना ही नहीं, कुछ महिलाओं को पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान मतली और उल्टी का अनुभव हो सकता है। इस अधिक गंभीर रूप को हाइपरमेसिस ग्रेविडरम कहा जाता है। इसके अलावा, अन्य कई कारण भी प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस होने की संभावना को बढ़ा सकती हैं, उनमें शामिल हैं:
- जुड़वां बच्चों का कंसीव होना
- मोशन सिकनेस की हिस्ट्री होना
- सिरदर्द के कारण मतली या उल्टी की समस्या होना आदि।
यदि गंभीर मॉर्निंग सिकनेस का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकती है। इससे बच्चे की ग्रोथ और डिलिवरी के दौरान मां की हेल्थ दोनों में दिक्कत हो सकती है।
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उपचार और रोकथाम (Treatment and prevention)
डाॅक्टर्स की मानें, तो प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस को पूरी तरह से रोकने का कोई सिद्ध तरीका नहीं है, लेकिन कुछ जीवनशैली में बदलावों द्वारा इस समस्या में आराम पाया जा सकता है, जैसे कि:
- खाली पेट रहने से बचें। इसके लिए रोज सुबह बिस्तर से उठने से पहले हल्का कुछ खाएं। सूखे टोस्ट या नमकीन बिस्कुट या फल आदि खां सकते हैं।
- जब हो सके तो फ्रेश एयर वाली जगह पर बैठें। खुली हवा में वॉक करें, टहलने जितना छोटा हो सकता है मतली की समस्या कंट्रोल में रहेगी।
- अदरक वाली चाय भी मतली को समस्या का उपचार हो सकती है,उदाहरण के लिए, आप 2 इंच के छिलके वाले अदरक के टुकड़े को 1 से 2 कप गर्म पानी में 10 से 20 मिनट तक
- भिगोकर ताजा अदरक के साथ अदरक की चाय बना सकते हैं। लेकिन इसे लेने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूरी ले लें।
- वैकल्पिक चिकित्सा के बारे में अपने डॉक्टर से पूछें, जैसे कि एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, अरोमाथेरेपी की मदद ले सकती हैं।
- हर दिन एक प्रीनेटल मल्टीविटामिन लें, वो भी डॉक्टर की सलाह पर। कई महिलाओं में दवाओं के सेवन के कारण भी ऐसा होता है, कोशिक करें कि इसे दिन के अलग-अलग समय पर लेने का प्रयास करें।
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मुझे डॉक्टर को कब बुलाना चाहिए (when should i call the doctor)?
यदि आप गर्भवती हैं और इनमें से कोई भी लक्षण हैं, तो तुरंत डॉक्टर को मिलने की जरूरत है:
- मतली या उल्टी की समस्या लगातार दिनभर रहना, जिससे खाना या पीना असंभव हो जाता है
- खाना न पचना
- खून वाली उल्टी होना
- तेजी से वजन घटना
- बेहोशी या चक्कर आना
- यूरिन प्रॉब्ल्म होना
- हार्ट बीट का तेज होना
- तेज सिरदर्द होना
- अत्यधिक थकान महसूस होना
- उलझन की समस्या होना
गंभीर सिकनेस का इलाज कैसे किया जाता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस (Evening sickness during pregnancy) होती है, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आप डॉक्टर से गर्भावस्था के दौरान मतली को ठीक करनेवाली दवाइयों की सलाह दे सकते हैं। प्रेग्नेंसी में आप डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवाई लें, नहीं तो इससे आपकी गर्भावस्था में उल्टे प्रभाव भी पड़ सकते हैं। मतली को कम करने में मदद के लिए डॉक्टर अदरक वाले खाद्य पदार्थ खाने या विटामिन बी 6 की खुराक लेने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा कुछ बातों का ध्यान रखें, जिनमें शामिल हैं:
- रात का खाना जल्दी खाएं
- थोड़ा-थोड़ा और कई बार खाएं
- ज्यादा तेज गंध से बचें
- सादा आहार लें
- विटामिन बी6 और बी12 से भरपूर आहार लें
- अधिक थकान वाले काम से बचें और आराम भी करें
- कुछ खट्टा खाएं
- फैटी फूड और शुगर का सेवन न करें
- मसालेदार भोजन न करें
- हाय-प्रोटीन डायट लें
- सी-सिकनेस बैंड या एक्यूप्रेशर का उपयोग करें
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प्रेग्नेंसी के दौरान इवनिंग सिकनेस के कई कारण हो सकते हैं। सभी महिलाओं में इसके कारण और लक्षण अलग-अलग देखे जाते हैं, इसलिए सभी में इसका उपचार भी अलग है। यदि आपकी स्थिति गंभीर रूप से है और उससे आपको असुविधाएं हो रही हैं। तो ऐसे में आपको इलाज की जरूरत है। इसलिए आप इसका इलाज शुरूआत में ही कर लें। यदि गर्भावस्था के दौरान आपको रात में बहुत ज्यादा मतली होती है तो आप जल्दी से जल्दी ठीक होने के लिए तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें। समय समय पर इलाज होने से आप कमजोरी और उससे होने वाली कई शारीरिक समस्याओं से बच सकती हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क करें और उनके द्वारा दी गई सलाह का पालन करें।
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