प्रेग्नेंसी के दौरान और बेबी डिलिवरी के दौरान कई तरह की परेशानियों का खतरा बना रहता है। इन्हीं कई परेशानियों में से एक परेशानी है शोल्डर डिस्टोशिया (Shoulder Dystocia)। शोल्डर डिस्टोशिया की समस्या शिशु के जन्म के दौरान होती है, जो शिशु और जन्म देने वाली मां दोनों के लिए कठिन स्थिति होती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया (Shoulder Dystocia During Pregnancy) से जुड़े सवालों का जवाब जानेंगे।
- शोल्डर डिस्टोशिया क्या है?
- शोल्डर डिस्टोशिया की समस्या क्या सामान्य है?
- शोल्डर डिस्टोशिया के लक्षण क्या हो सकते हैं?
- शोल्डर डिस्टोशिया के कारण क्या हो सकते हैं?
- प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया का निदान कैसे किया जाता है?
- शोल्डर डिस्टोशिया का इलाज कैसे किया जाता है?
- प्रेग्नेंसी के दौरान शोल्डर डिस्टोशिया के कारण होने वाले कॉम्प्लिकेशन क्या हो सकते हैं?
- शोल्डर डिस्टोशिया से बचाव कैसे संभव है?
चलिए अब प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया (Shoulder Dystocia During Pregnancy) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
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शोल्डर डिस्टोशिया (Shoulder Dystocia) क्या है?
शोल्डर डिस्टोशिया की समस्या शिशु के जन्म के दौरान होती है। इस दौरान शिशु का सिर बर्थ कैनाल से बाहर तो आ जाता है, लेकिन शोल्ड (कंधा) लेबर के दौरान बाहर नहीं आ पाता है। इसका अर्थ यह है की शिशु का कंधा समेत पूरा शरीर बर्थ कैनाल के अंदर ही रहता है और सिर्फ सिर बाहर आता है। ऐसी स्थिति में बेबी डिलिवरी की नॉर्मल टाइमिंग की तुलना में ज्यादा वक्त लगता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर एक्स्ट्रा इन्टर्वेन्शन कर शिशु के कंधे को मूव करते हैं, जिससे शिशु पूरी तरह से बाहर आ सके। प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया (Shoulder Dystocia During Pregnancy) की स्थिति इमरजेंसी स्थिति पैदा कर सकती है। इसलिए गायनोकोलॉजिस्ट प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया की स्थिति में किसी अन्य कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए जल्द से जल्द डिलिवरी प्रक्रिया को पूरी करने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या शोल्डर डिस्टोशिया की समस्या सामान्य है इसे समझने की कोशिश करते हैं ।
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शोल्डर डिस्टोशिया की समस्या क्या सामान्य है? (Shoulder Dystocia is common?)
ऋषिकेश के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS Rishikesh) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार 0.2 से 2 प्रतिशत शिशु के जन्म के दौरान शोल्डर डिस्टोशिया की समस्या देखी जाती है। यह स्थिति सामान्य नहीं होती है, इसलिए डिलिवरी के दौरान ऐसी स्थिति में डॉक्टर सतर्क रहते हैं। अब ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है कि प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया के लक्षण को क्या पहले से समझा जा सकता है, जिससे इस स्थिति का सामना ना करना पड़े, तो चलिए अब इसे भी समझने की कोशिश करते हैं बेबी डिलिवरी प्रोसेस को नॉर्मल रखने की कोशिश करते हैं।
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शोल्डर डिस्टोशिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Shoulder Dystocia)
प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया के लक्षण को पहले से समझा नहीं जा सकता है। शोल्डर डिस्टोशिया के लक्षण को शिशु के जन्म के दौरान और जब शिशु का सिर बर्थ कैनाल से बाहर आ जाता है, लेकिन कंधा और शरीर नहीं आने पर ऐसी स्थिति को शोल्डर डिस्टोशिया (Shoulder Dystocia) और मेडिकल टर्म में टर्टल साइन (Turtle sign) कहते हैं। इसे टर्टल साइन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि जिस तरह कछुआ अपने बॉडी से सिर को निकालता है और फिर अंदर कर लेता है ठीक वैसे ही बेबी भी अंदर की ओर ले लेता है। इस दौरान शिशु वजायना और रेक्टम के बीच में रहता है। प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया के लक्षण को तो नहीं समझा जा सकता है, लेकिन प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया के कारण को समझना जरूरी है।
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शोल्डर डिस्टोशिया के कारण क्या हो सकते हैं? (Cause of Shoulder Dystocia)
क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
- फीटल मैक्रोसोमिया (Fetal macrosomia) यानी शिशु का वजन सामान्य से ज्यादा होना।
- शिशु का पोजीशन ठीक नहीं होना।
- पेल्विक का कम खुलना।
- गर्भवती महिला का बॉडी पोजीशन ठीक नहीं होना, जिससे पेल्विक (Pelvic) का ठीक तरह नहीं खुल पाना।
प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया के कारण में ये चार प्रमुख कारण शामिल हैं। अब ऐसी स्थिति में डॉक्टर जल्द से जल्द डायग्नॉस करते हैं, जिससे कॉम्प्लिकेशन से बचने में मदद मिल सके।
प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Shoulder Dystocia During Pregnancy)
प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया का निदान निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:
- शिशु का सिर बाहर आ चूका हो, लेकिन कंधा समेत पूरी बॉडी नहीं आई हो महिला बेबी को पुश करने में भी सक्षम ना हो।
- बेबी का हेड बाहर आ चुका हो, लेकिन एक मिनट से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद बेबी की डिलिवरी नहीं हुई हो।
- बेबी के डिलिवरी के लिए मेडिकल इंटरवेंशन (Medical intervention) की जरूरत हो।
प्रेग्नेंसी के दौरान शोल्डर डिस्टोशिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment of Shoulder Dystocia During Pregnancy)
प्रेग्नेंसी में शोल्डर डिस्टोशिया के इलाज के लिए डॉक्टर नर्स या अन्य डॉक्टर को बुला सकते हैं। वहीं इस दौरान गर्भवती के पोजीशन को भी चेंज किया जाता है, जिससे पेल्विस बड़ा हो सके और बेबी बाहर आ सके। इसके अलावा डॉक्टर वजायना या एनस को सर्जरी कर बड़ा कर सकते हैं। इन विकल्पों के अलावा सी-सेक्शन (C-section) की जरूरत पड़ सकती है। डॉक्टर लेबर के दौरान निर्णय लेते हैं कि बेबी डिलिवरी (Baby delivery) के लिए कौन से तरीके को अपनाया जा सके।
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प्रेग्नेंसी के दौरान शोल्डर डिस्टोशिया के कारण होने वाले कॉम्प्लिकेशन क्या हो सकते हैं? (Complication due to Shoulder Dystocia in mother and infant)
प्रेग्नेंसी के दौरान शोल्डर डिस्टोशिया के कारण मां और शिशु को निम्नलिखित परेशानी हो सकती है। जैसे:
- मां को अत्यधिक ब्लीडिंग (Excessive bleeding) होना।
- शिशु के कंधे, बाजु और हाथों में इंजरी होना।
- शिशु के ब्रेन में ऑक्सिजन सप्लाई कम होना, जिससे ब्रेन डैमेज (Brain damage) का खतरा बढ़ सकता है।
- मां के सर्विक्स, रेक्टम, यूट्रस या वजायना के टिशू को नुकसान पहुंचना।
यहां ऊपर बताई गई परेशानी मां और शिशु को हो सकती है। हालांकि डॉक्टर मां और शिशु दोनों के हेल्थ को मॉनिटर करते हैं, जिससे दोनों की सेहत ठीक रहें और कोई परेशानी ना हो।
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शोल्डर डिस्टोशिया से बचाव कैसे संभव है? (Tips to prevent shoulder dystocia)
शोल्डर डिस्टोशिया से बचाव निम्नलिखित तरह से सक्षम हो सकता है। जैसे:
- डायबिटीज (Diabetes) की समस्या है, तो ब्लड शुगर लेवल बैलेंस रखें।
- प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी वेट मेंटेन करें।
- अपने लेबर से जुड़ी जानकारी डॉक्टर से लें।
- डिलिवरी डेट से आगे बढ़ जाना।
- सी-सेक्शन (C-Section) से जुड़ी आवश्यक जानकारी डॉक्टर से लेना।
इन्हीं तरहों से शोल्डर डिस्टोशिया से बचा जा सकता है।
इस आर्टिकल में हमनें आपके साथ प्रेग्नेंसी के दौरान शोल्डर डिस्टोशिया (Shoulder Dystocia During Pregnancy) की जानकारी शेयर की है। इसलिए इसके कारणों को ध्यान रखें वहीं अगर आप प्रेग्नेंसी या प्रेग्नेंसी के दौरान शोल्डर डिस्टोशिया से जुड़े किसी तरह के सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला अपना ख्याल तो रखती हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के बाद भी गर्भवती महिला को अपने विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और एक्पर्ट से जानें न्यू मदर के लिए खास टिप्स यहां।
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