गंजापन जिसे इंग्लिश में बाल्डनेस कहते हैं। ऐसी स्थिति में बाल झड़ने लगते हैं। इस समस्या को एलोपेशिया भी कहते हैं। बालों का झड़ना या कम होना आसानी से समझा जा सकता है।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj
गंजापन जिसे इंग्लिश में बाल्डनेस कहते हैं। ऐसी स्थिति में बाल झड़ने लगते हैं। इस समस्या को एलोपेशिया भी कहते हैं। बालों का झड़ना या कम होना आसानी से समझा जा सकता है।
पुरुषों में गंजेपन की शिकायत बहुत आम है। आमतौर पर गंजापन महिलाओं और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नाम के हॉर्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण होता है। यहां कुछ मेडिकल स्तिथियां बताई जा रही हैं जिनके कारण मर्दों में गंजापन बढ़ जाता है।
दरअसल टेस्टोस्टेरोन एक तरह का हॉर्मोन है जो ह्यूमन बॉडी खासकर पुरुषों के टेस्टिकल में मौजूद होता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी पुरुषों की सेक्सशुअल हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। टेस्टोस्टेरोन ही मसल डेवलपमेंट के साथ-साथ हड्डियों के विकास में भी सहायक होता है। रिसर्च के अनुसार बढ़ते उम्र के कारण टेस्टोस्टेरोन में कमी आ सकती है। टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन शरीर से जुड़ी अन्य परेशानी जैसे गंजापन की स्थिति भी पैदा कर सकता है।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार 30 से 50 प्रतिशत तक पुरुषों में बाल झड़ने या गंजापन का कारण टेस्टोस्टेरोन हॉर्मन में आई कमी के कारण ही होता है।
निचे दिए गए कारणों के अलावा, और भी कई मेडिकल कंडीशंस हैं, जिनसे बालों को बहुत नुकसान पहुंचता है, जैसे गर्म दवाओं के साइड इफेक्ट्स और कीमोथेरेपी इत्यादि।
आमतौर पर थायरॉइड लक्षणों में चक्कर आना, कब्ज, वजन बढ़ना, ध्यान लगाने में दिक्कत महसूस होना और डिप्रेशन के साथ-साथ बालों का झड़ना भी शामिल हैं। थायरॉइड जब नियंत्रण में नहीं होता तो त्वचा, बाल और नाखुन बहुत कमजोर हो जाते हैं और टूटने लगते हैं। आपको अपने बाल पतले होते नजर आ सकते हैं। गंजेपन की शिकायत थाइरोइड बढ़ने या घटने दोनों ही स्तिथियों में हो सकती है।
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एक बाल पूरी तरह से प्रोटीन और विटामिन, मिनरल्स से बना होता है, जिसके कारण बालों की बढ़ोतरी में प्रोटीन की अच्छी मात्रा चाहिए होती है। अगर आप जरुरत के मुताबिक प्रोटीन नहीं लेंगे तो आपका शरीर आपके बालों तक प्रोटीन की सही मात्रा नहीं पहुंचा पाएगा। प्रोटीन की कमी के कारण आपके बाल रूखें-सुखें नजर आएंगे और उलझ कर टूटने लगेंगे।
स्कैल्प पर होने वाला रिंगवॉर्म (टिनिअ कपिटिस) फंगल इंफेक्शन की ऐसी स्तिथि है, जिसमें खोपड़ी और बालों की सेहत को नुकसान पहुंचता है। इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर टिनिया संक्रमण के कारण गोल पैच होते हैं, जो सर के उतने हिस्से पर गंजेपन का कारण बनाते हैं। इसका इलाज एंटी-फंगल दवाओं और शैंपू से किया जाता है। कभी-कभी स्कैल्प का रिंगवॉर्म गंभीर शकल अपना लेता है, जो मरीज को पूरी तरह गंजेपन का शिकार बना देता है।
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बालों के झड़ने का सबसे आम कारण पुरुष-पैटर्न गंजापन नामक एक आनुवंशिकता की स्थिति है। यह आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ धीरे-धीरे पुरुषों के बालों में पीछे जाने वाला हेयरलाइन और गंजा स्पॉट निर्माण होता है।
यह एक बीमारी है जिसमे, बाल एक तरह की असामान्यता होती है, जिसके कारण बांबू के डंठल में गांठ के समान बाल दिखते हैं। बांबू हेयर में पिंड (गांठ) या समान रूप से उभरी हुई लकीरें दिखाई देती हैं। इन बालों को ट्राइकोरहेक्सिस इनवागिनैटा के रूप में भी जाना जाता है। यह विरासत में मिलाने के वजह से उनमे रूपांतरित जीन्स होते हैं, जिसे स्पिंक5 बांबू हेयर कहा जाता है। बांबू बाल, सिर के ऊपर, भौंहों और पलकों पर बालों को प्रभावित कर सकते हैं।
किसी कारण कभी-कभी बाल झड़ने की वजह सिर्फ कुछ समय के लिए हो सकती है या स्ट्रेस के कारण हो सकता है। हालांकि इस दौरान बाल झड़ सकते हैं लेकिन, कुछ समय बाद बाल फिर से अच्छे हो सकते हैं।
गंजापन अनुवांशिक कारणों के साथ कुछ खास ड्रग्स के के कारण भी हो सकता है। अगर कैंसर, अर्थराइटिस, डिप्रेशन, हार्ट से जुड़ी बीमारी, गट या फिर ब्लड प्रेशर की दवाओं के कारण भी हो सकता है।
इन पांच परिस्थितियों में गंजापन बढ़ सकता है। इसलिए ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है।
निम्नलिखित टिप्स को अपनाकर इस परेशानी से बचा जा सकता है। जैसे-
इन टिप्स को अपनाकर बालों को हेल्दी बनाये रखा जा सकता है और गंजापन से बचा जा सकता है।
गंजापन के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे-
पुरुष हों या महिला बाल झड़ने की समस्या होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसलिए जरूरत से ज्यादा बाल झड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें। अगर सिर पर अचानक से पैच दिखने लगे तो ऐसी स्थिति में भी एक्सपर्ट की सलाह लें।
अगर आप बाल झड़ने या गंजापन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr. Pooja Bhardwaj