अगर आपको कोई कहे की नींद की वजह से जान भी जा सकती है, तो शायद आपको भरोसा ना हो। लेकिन अमेरिकी अभिनेत्री कैरी फिशर की मौत की मुख्य वजह स्लीप एप्निया (Sleep apnea) ही थी। कैरी फिशर के हेल्थ रिपोर्ट में यह कहा गया है कि उनकी मौत नींद में खर्राटा लेने और ऐसी स्थिति में ब्रीदिंग प्रॉब्लम होने की वजह है। वहीं एक रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि स्लीप एप्निया से पीड़ित लोगों में कैंसर का खतरा भी बना रहता है। नींद (Sleep) स्वस्थ्य रहने की कुंजी है। मनुष्य अपने जीवन का लगभग 25 प्रतिशत से 35 प्रतिशत सोते हुए बिताते हैं। नींद शरीर और मस्तिष्क दोनों को दैनिक जीवन के तनाव से आराम और किसी भी शारीरिक या मानसिक परेशानी से बचाएं रखें या उससे उबरने में सहायक है। इस आर्टिकल में सबसे पहले समझेंगे स्लीप एप्निया क्या है और कैसे स्लीप एप्निया से बचाव (Sleep apnea prevention) कैसे किया जा सकता है।
क्या है स्लीप एप्निया (Sleep apnea)?
स्लीप एप्निया स्लीप डिसऑर्डर है। इस डिसऑर्डर की वजह से सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है। दरअसल इस डिसऑर्डर से पीड़ित पेशेंट सोने के दौरान ब्रीदिंग प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति होने पर बॉडी और ब्रेन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन नहीं पहुंच पाता है। गहरी नींद में होने की वजह से इससे पीड़ित व्यक्ति को भी इसका एहसास नहीं हो पाता है। स्लीप एप्निया (Sleep apnea) उन लोगों में ज्यादा होती है, जिनका वजन सामान्य से ज्यादा या ओवरवेट होना, जेनेटिक सिंड्रोम, हार्ट और किडनी फेलियर, समय से पहले जन्म होना या फिर न्यूरोमस्कुलर स्थिति। इन सभी हेल्थ प्रॉब्लम को आगे समझेंगे और इसका इलाज क्या है, यह भी जानने की कोशिश करेंगे।
ओवरवेट होना (Overweight)
शरीर का सामान्य से ज्यादा वजन बढ़ना या ओवरवेट होना स्लीप एप्निया (Sleep apnea) के अन्य कारणों में सबसे पहले आता है। दरअसल जिन लोगों का वजन ज्यादा होता है, उनमें फैट जमा होते हैं। ऐसे में गले पर भी फैट जमने लगता है, जिसकी वजह ब्रीदिंग प्रॉब्लम शुरू हो सकती है या शुरू हो जाती है।
कैसे रखें बैलेंस वेट?
वजन कम करने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
- दिन की शुरुआत नींबू पानी से करें।
- सब्जियां, मौसमी फल और गेहूं से बने खाद्य पदार्थ जैसे रोटी या दलिया अपने डेली डायट में शामिल करें।
- कॉम्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स फूड्स जैसे चोकर वाला गेंहू, ज्वार या बाजरे का सेवन करें।
- खाने में जैतून, केनोला, सूरजमुखी और सरसों के तेल में ही कुकिंग करें।
- मछली या मछली का तेल का सेवन भी लाभकारी माना जाता है।
- कच्चे फल और सब्जियों से बने सलाद का सेवन करें। ये आपके शरीर को जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर प्रदान करने में सक्षम होते हैं। फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से डायजेशन को बेहतर बनाए रखने में सहायता मिलती है, जिससे मोटापे और दिल से संबंधित परेशानियों से बचा जा सकता है।
- एक साथ ज्यादा खाने से बचें और अपने मिल्स को छोटे-छोटे भागों में डिवाइड करें।
- खाना खाने के दौरान बात ना करें और टीवी भी ना देखें।
- रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पीने की आदत डालें, क्योंकि एक रिसर्च अनुसार भोजन से आधे घंटे पहले आधा लीटर पानी पीने से डाइटर्स कम कैलोरी खाते हैं और 44 प्रतिशत अधिक वजन कम करते हैं।
- महीने में सिर्फ एक बार ही चीट डे रखें यानी अगर आप अत्यधिक तेल मसाले वाले खाने के शौकीन हैं, तो महीने में सिर्फ एक बार ही ऐसा करें।
- ग्रीन टी, अदरक और काली मिर्च का सेवन करना लाभकारी माना जाता है।
इन ऊपर बताय टिप्स को ध्यान में रखकर ओवरवेट की समस्या से बचा जा सकता है ।
और पढ़ें : ओवर वेट गर्भवती महिला की कैसी हो डायट? इस लेख में मिलेगा इस सवाल का जवाब
जेनेटिक सिंड्रोम (Genetic syndrome)
जेनेटिक सिंड्रोम (आनुवंशिक सिंड्रोम) चेहरे या ब्रेन के हिस्सों पर नेगेटिव इम्पैक्ट डाल सकते हैं, विशेष रूप से ऐसे सिंड्रोम जो चेहरे की छोटी हड्डियों का कारण बन सकते हैं।
कैसे बचें जेनेटिक सिंड्रोम से?
अगर आपके परिवार में फेमली हिस्ट्री है, तो डॉक्टर से संपर्क में रहें और जो सलाह आपको दी जाए उसका ठीक तरह से पालन करें ।
हार्ट प्रॉब्लम (Heart problem)-
जिन लोगों को हार्ट प्रॉब्लम का खतरा बना रहता है। उन्हें स्लीप एप्निया होने का खतरा ज्यादा रहता है।
पेशेंट्स को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- ताजे फल और साब्जियों का सेवन करें। यह ध्यान रखें कि उन फल और साब्जियों को आहार में जरूर शामिल करें, जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो।
- रेड मीट का सेवन नहीं करना चाहिए।
- पैकड फूड और जूस का सेवन ना करें।
- आहार में साबुत अनाज का सेवन ज्यादा करें।
- फ्लैक्ससीड्स (अलसी) का सेवन करें क्योंकि इनमें फाइबर और ओमेगा -3 फैटी एसिड की मात्रा ज्यादा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी सहायक होते हैं।
- जैतून और कैनोला का तेल लाभकारी होता है।
- हार्ट पेशेंट को एल्कोहॉल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- डीप फ्राई किये हुए चीजों को ना खाएं।
- डॉक्टर से सलाह लेकर एक्सरसाइज या योग करें। अगर आप एक्सरसाइज या योग नहीं करते हैं, तो वॉक करें।
समय से पहले शिशु का जन्म (Premature baby)-
ऐसे शिशु जिनका जन्म प्रेग्नेंसी के 37वें सप्ताह से पहले हुआ हो, उनमें भी इसका खतरा सबसे ज्यादा देखा जाता है। इसके कारण बच्चे के मस्तिष्क के विकास में भी बाधा आ सकती है।
और पढ़ें : क्या कम उम्र में गर्भवती होना सही है?
किन बातों का रखें ध्यान?
जिन शिशुओं का जन्म समय से पहले होता है, उनमें स्लीप एप्निया के साथ-साथ अन्य शारीरिक परेशानियों का खतरा बना रहता है। इसलिए ऐसे बच्चों को न्यूट्रिशन का विशेष ध्यान रखना चाहिए और डॉक्टर से कंसल्ट में रहना बेहतर स्वास्थ्य की निशानी होती है।
न्यूरोमस्कुलर स्थिति (Neuromuscular stage)-
न्यूरोमस्कुलर स्थिति होने पर हमारा ब्रेन पर वायुमार्ग और सीने की मांसपेशियों तक संदेशों को पहुंचाने में असमर्थ हो जाता है, जिसके कारण स्लीप एप्निया का जोखिम बढ़ जाता है। इनमें से कुछ स्थितियां हैं स्ट्रोक, एमियोट्रोफिक लेटरल स्केलेरोसिस, मायोटोनिक डिस्ट्रोफी, पोस्ट-पोलियो सिंड्रोम, डर्माटोमायोसाइटिस, मायस्थेनिया ग्रेविस और लैम्बर्ट-ईटेट मायस्थेनिक सिंड्रोम जैसी स्वास्थ्य स्थितियों का भी कारण बन सकती हैं।
न्यूरोमस्कुलर स्थिति से बचने के लिए क्या करें?
न्यूरोमस्कुलर स्थितियां अलग-अलग होती हैं। इसलिए डॉक्टर आपको आपकी शारीरिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए पेशेंट्स की डायट और अन्य महत्वपूर्ण टिप्स देते हैं।
और पढ़ें : Median nerve injury: मिडियन तंत्रिका इंजरी क्या है?
हेल्दी स्लीप हैबिट कैसे अपनाएं, जिससे दूर रहे स्लीप एप्निया (Sleep apnea)?
1. स्लीप एप्निया से बचाव के लिए फिजिकल एक्टिविटी जरूरी
स्लीप एप्निया (Sleep apnea) से बचाव के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। व्यायाम के अलग-अलग तरीके जैसे एरोबिक्स, चलना, तैरना, कार्डिओ या योगा करना अदि जैसी गतिविधियों को अपनी रोजमर्रा की जीवन शैली में शामिल करने से आपका दिल अच्छी तरह पम्पिंग करेगा। इन एक्सरसाइज से आप थकान महसूस करेंगे और इसी कारण आपको जल्दी नींद आ जाएगी। नींद के लिए उपाय के तौर पर अपनाया जाने वाला यह टिप्स बहुत ही पुराना है।
2. सोने से 2 घंटे पहले खाना खाएं
स्लीप एप्निया से बचाव के लिए (Sleep apnea prevention) आपको लाइफस्टाइल पर ध्यान जरूर देना चाहिए। नींद के लिए उपाय ढूढ़ने के साथ ही खाने के समय का भी बहुत ध्यान रखें। खाने के पाचन के लिए अच्छा-खासा समय होता है। जल्दी सोने के लिए आपको खाना जल्दी खाना चाहिए। अपनी डाइट को हल्का-फुल्का रखें और उसमें अनाज, फल, सब्जियां और सलाद शामिल करें। बेहतर नींद दिलाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे नट्स और सूखे मेवों को अपने आहार में शामिल करें, इनसे मसल्स का तनाव भी कम हो जाता है।
और पढ़ें : पालक से शिमला मिर्च तक 8 हरी सब्जियों के फायदों के साथ जानें किन-किन बीमारियों से बचाती हैं ये
3. चाय या कॉफी (Tea or coffee) का सेवन कम से कम करें-
कैफीन भले ही आपके लिए ऊर्जा का सोर्स हो, लेकिन कॉफी में मौजूद कैफीन आपको जागने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, जिसके कारण आपको नींद की कमी की शिकायत हो सकती है। हेल्दी स्लीप लेने के लिए कोशिश करें कि शाम में 5 बजे के बाद किसी भी तरह की कैफिनेटेड ड्रिंक्स (caffeinated drinks) को नजरअंदाज करें। स्लीप एप्निया से बचाव (Sleep apnea prevention) के लिए हेल्दी ईटिंग पर ध्यान दें।
4.अत्यधिक काम में व्यस्त ना रहें
काम से छुट्टी लेने का मतलब सिर्फ यह नहीं कि ऑफिस से निकलते ही काम के बारे में सोचना बंद कर देना, बल्कि इसका मतलब है कि टेक्नोलॉजी से पूरी तरह दूर हो जाना। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की हानिकारक रौशनी में बैठने से बेहतर है कोई किताब पढ़ ली जाए। इससे आप जल्दी और बेहतर तरह से सो पाएंगे और सिरदर्द, थकान जैसी समस्याओं से भी बचे रहेंगे।
5. स्लीप एप्निया से बचाव (Sleep apnea prevention) के लिए करें योग
वर्कऑउट्स के बजाए योगा करना बेहतर नींद पाने के लिए अच्छा उपाय होता है। सांस से जुड़े कुछ आम आसन आपके दिमाग से तनाव या टेंशन निकालने में मदद करते हैं। रोजाना सोने से पहले 10 से 15 मिनट योग करें।
6. नियमित मसाज करवाएं (Get a massage)
नीम गरम तेल से सर की मालिश बेहतर नींद के लिए वर्षों से आजमाया हुआ नुस्खा है। जब बालों की जड़ों में तेल से मालिश की जाती है, तो वह तेल स्कैल्प के जरिए नसों को आराम पहुंचाता है, जिसके नतीजे में शरीर के मसल्स, टिश्यू को सुकून मिलता है और नींद आने में मदद मिलती है।
7. सोने का समय नियमित रखें (Keep bedtime regular)
सोने का समय चुने और किसी भी स्तिथि में उसे न बदलें। सोने का सही तरीका होना आवश्यक है। ऐसा समय चुनें जब आप हर काम से छुट्टी हों और आपके सोने में कोई रुकावट न आए। सो कर उठने का भी समय तय कर लें और रोजाना उसका पालन करें। शुरू में आपको थोड़ी-बहुत दिक्कत पेश आएगी लेकिन कुछ समय बाद आपको उसी रूटीन की आदत हो जाएगी। जल्दी सो कर जल्दी उठने की सलाह ऐसे ही नहीं दी जाती, इसके सेहत से जुड़े कई फायदे हैं।
8. स्नान करें (Get a shower)
स्लीप एप्निया से बचाव (Sleep apnea prevention) के लिए स्नान बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। स्नान करना बेहतर नींद के लिए एक और लोकप्रिय तरीका है। अध्ययन से पता चला है कि स्नान करने से लोगों को अच्छी नींद आ सकती है।
और पढ़ें : आखिर कैसे स्विमिंग से पहले नहाना आपको स्किन इंफेक्शन से बचाता है?
9. नींद के लिए आयुर्वेदिक उपाय
हल्के गुनगुने दूध के साथ जायफल लेना आपको बेहतर नींद लाने में सहायक हो सकता है। दूध में मौजूद प्रोटीन ट्रिपटोफन (tryptophan) अच्छी नींद के लिए सहायक है। गहरी नींद के लिए गर्म दूध के एक गिलास में एक चौथाई चम्मच जायफल पाउडर मिलाकर पिएं। यदि आपके शरीर का प्रकार पित्त है, तो जायफल की जगह शतावरी, शरीर का प्रकार कफ है तो हल्दी मिला और शरीर की प्रवत्ति वात है तो दूध में लहसुन मिलाएं।
10. ध्यान: नींद के लिए उपाय
ध्यान लगाना या मेडिटेशन करने के स्वास्थ्य लाभ से तो हर कोई वाकिफ ही है। मेडिटेशन अच्छी नींद आने में आपकी सहायता करता है। सोने से पहले 10-15 मिनट के लिए ध्यान जरूर लगाएं। इससे आपका शरीर रिलैक्स होता है, जिससे अच्छी नींद आती है।
11. अच्छी नींद के लिए उपाय है कैमोमाइल
कैमोमाइल नींद के लिए बहुत फायदेमंद है। अनिद्रा को दूर करने के लिए घरेलू उपाय के रूप में कैमोमाइल चाय का इस्तेमाल किया जा सकता है। अध्ययनों के अनुसार कैमोमाइल में एपिजेनिन नामक यौगिक होता है, जो नींद न आने की समस्या को कम करता है। अच्छी नींद और थकान दूर करने के लिए एक कप कैमोमाइल टी का आनंद लें। आप चाहे तो इसमें कुछ शहद की मात्रा भी मिला सकते हैं।
12. स्लीप एप्निया से बचाव के लिए इनसे बनाएं दूरी
दिन भर काम करने के बाद जब आप घर आकर रेस्ट करते हैं और उस समय भी कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी से चिपके रहते हैं, तो इनसे थोड़ी दूरी बना लें। ऐसा करना नींद की समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकती है। सोने से दो घंटे पहले इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का इस्तेमाल करना बंद कर दें।
अगर आप स्लीप एप्निया (sleep apnea) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
[embed-health-tool-bmi]