पुरुषों का दिमाग, महिलाओं के दिमाग की तुलना में 10% बड़ा होता है। क्योंकि आमतौर पर पुरुषों में महिलाओं की तुलना में हाइट और मसल मास (muscle mass) ज्यादा होता है। शरीर को नियंत्रित करने के लिए अधिक न्यूरॉन्स की आवश्यकता होती है। ऐसे में पुरुषों के दिमाग को शरीर को नियंत्रित करने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है। इसलिए पुरुष और महिला में ब्रेन डिफरेंस होता है।
महिला ब्रेन vs पुरुष ब्रेन: महिलाओं का ब्रेन होता है मल्टी टास्कर
वैज्ञानिकों ने पुरुषों और महिलाओं के दिमाग की तुलना की। जिसमें पाया कि दोनों के दिमाग अलग-अलग तरह से काम करते हैं। किसी काम पर ध्यान लगाते समय पुरष अपने मस्तिष्क के केवल एक हिस्से का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, महिलाएं एक ही समय में मस्तिष्क के दोनों हिस्सों का इस्तेमाल करती हैं। इसी वजह से महिलाएं “मल्टी-टास्किंग” मानी जाती हैं। उदाहरण के तौर पर अगर महिला रसोई में काम करती है तो वो एक ही समय में आटा गूथने, सब्जी पकाने और मसाले तैयार करने जैसे कामों को करती है। वहीं, पुरुष रसोई में एक वक्त में सिर्फ एक ही काम करते हैं, जैसे- सिर्फ आटा गूथेंगे, उसके बाद सब्जी पकाएंगे आदि।
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महिला ब्रेन vs पुरुष ब्रेन: महिलाओं का ब्रेन ज्यादा दर्द महसूस करता है
मर्द को दर्द नहीं होता है, ये बात यूं ही नहीं कहीं गई है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों का ब्रेन दर्द कम महसूस करता है। इसमें ऐसे कई तरह के दर्द शामिल हैं, जिसमें महिलाओं का ब्रेन सबसे ज्यादा पीरियड के दर्द को महसूस करता है। वहीं, महिलाओं को सिरदर्द, माइग्रेन और ऑस्टियोअर्थराइटिस जैसी समस्याएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती हैं।
एक रिसर्च में पाया गया कि पुरुष और महिला में ब्रेन डिफरेंस होने के कारण उनके ब्रेन में माइक्रोग्लिया अलग होते हैं। जिसके कारण दर्द में दिए जाने वाला मॉर्फिन का डोज पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा या दोगुना देना पड़ता है। माइक्रोग्लिया इम्यून सेल है, जो ब्रेन को प्रोटेक्ट करता है और सेंट्रल नर्वस सिस्टम में पैथोजन्स के खिलाफ लड़ता है।
महिला ब्रेन vs पुरुष ब्रेन: पुरुषों का दिमाग गणित में अच्छा होता है