रंगो का जीवन में अपना ही महत्त्व है और हर रंग का अपना अलग प्रभाव होता है। जैसे कि पीले कमरे में अक्सर लोग चिंतित महसूस करते हैं और नीली रौशनी में तनावमुक्त होते हैं। आर्टिस्ट और इंटीरियर डिजाइनर का मानना है की रंग आपकी भावनाओं पर नाटकीय रूप से प्रभाव डालते हैं। रंग कम्युनिकेशन का एक बहुत ही अच्छा जरिया हैं। रंगों के सिग्नल आपके मूड और शारीरिक प्रतिक्रियों को इफेक्ट करते हैं। कलर थेरेपी को शारीरिक प्रतिक्रियों के लिए काफी फायदेमंद बताया गया है जैसे की कुछ रंगों को ब्लड प्रेशर, कुछ को डाइजेशन तो कुछ को आंखों की रौशनी के लिए फायदेमंद माना जाता है।
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कलर थेरेपी से कैसे किया जाता है उपचार?
लाल रंग रखता है मूड को अच्छा
लाल रंग आपके मूड को अच्छा रखने में मदद करता है और और यह प्रेम का प्रतीक भी है, जो खुशी और उत्साह को जाहिर करता है। साथ ही लाल रंग का हमारे स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है। अगर बात करें कलर थेरेपी कि तो इसका इस्तेमाल आपके ब्लड प्रेशर , ब्लड सर्क्युलेशन सांस से सम्बंधित है। आपकी नब्ज और ब्लड प्रेशर और सांस जिस गति से चलती है उसे मजबूत करने के लिए लाल रंग का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं कुछ संस्कृतियों और धर्मों में भी लाल रंग का खास महत्व माना जाता है। इसके अलावा भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार लाल रंग शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। वहीं चाइनीज फेंगशुई में लाल रंग को जुनून और साहस का कलर कहा गया है।
पीला रंग रहेगा स्किन प्रॉब्लम्स को दूर
पीले रंग का रिफ्लेक्शन स्ट्रॉन्ग होता है और यह दूर से ही चमकता है। पीला रंग मूड को थोड़ा स्ट्रेस में ले आता है लेकिन स्वास्थ्य पर इसका बहुत ही सकारात्मक प्रभाव है। पीला रंग आपकी त्वचा और उसके टिश्यू से जुड़ा हुआ है खास करके आपके डाइजेशन, मेटाबॉलिज्म और नर्वस सिस्टम से। इसका इस्तेमाल अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का इलाज करने के लिए किया जाता है। साथ ही यह शरीर को मजबूत बनता है और यह त्वचा सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार है।
आंखों को सुकून देता है हरा रंग
हरा रंग आंखो को बहुत आकर्षित करता है क्यूंकि इसका प्रभाव बहुत शांत होता है और यह मूड को रिलैक्स करता है। हरे रंग का उपयोग संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीसेप्टिक के रूप में किया जाता है। साथ ही यह आंखों को भी सुकून देता है।
मन की शांति के लिए नीला रंग
नीला रंग मन को रिलैक्स और शांत करता है इसलिए इसका उपयोग सभी प्रकार के दर्द खासकर की पेट और मसल पेन को दूर करने के लिए किया जाता है। नील रंग का इस्तेमाल सिरदर्द, सर्दी, तनाव और तनाव के इलाज के लिए किया जा सकता है।
ध्यान लगाने में मदद करता है बैंगनी रंग
बैंगनी रंग का इस्तेमाल आंख , कान और नाक की समस्यांओ को दूर करने के लिए जाता है। गुलाबी टोन के साथ बैंगनी रंग आपकी मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र काफी फायदेमंद है। यहां तक की ध्यान लगाते समय भी बैंगनी रंग ही उपयोगी होता है।
अब तक तो आप समझ ही गए होंगे की कलर थेरेपी क्या है और कैसे रंग आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। यही वजह है की जब बात इंटीरियर डिजाइनिंग की आती है, तो रंगों का चयन जगह और जरूरत के हिसाब से बहुत सोच समझ कर किया जाता है ताकि आपकी सेहत पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़े।
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