
अक्सर लोग खाना खाने के बाद बार-बार डकार लेते हैं। जिसे हम हंसी-मजाक में उड़ा देते हैं और ज्यादा ध्यान नहीं देते। ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि लोगों को यह बहुत नेचुरल लगता है। जिसके बाद वे हल्का महसूस करते हैं। दरअसल, जिसे हम हंसकर टाल देते हैं यह एक समस्या है। इसके कारण भी अलग-अलग हैं। जिस पर समय रहते ध्यान देना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं डकार आने के कारण।
डकार और खाना खाने का तरीका
अगर हम बहुत जल्दी-जल्दी में खाते हैं या एक बार में बहुत ज्यादा खाते हैं तो खाने के साथ एक्स्ट्रा हवा भी निगल लेते हैं। जो पेट से लेकर गले तक के रास्ते में कई जगह रह जाती है। जिसे हम जब तक बाहर नहीं निकाल लेते पेट में भारीपन और बेचैनी महसूस होती है। इसलिए जब भी कुछ खाएं धीमे -धीमे चबाकर खाएं और थोड़ा -थोड़ा खाएं।
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डकार और लैक्टोज इन्टॉलरेंस
कुछ लोगों में दूध में मौजूद लैक्टोज को तोड़ने वाले प्रोटीन की कमी होती है और अगर आप भी उनमें से एक हैं तो आपको डेयरी प्रोडक्ट को पचाने में दिक्क्त होगी। जिससे पेट में गैस बनने लगती है। इससे पेट फूला हुआ लगता है और दर्द भी होता है। ऐसे में गैस को बाहर निकाले बिना चैन नहीं मिलता इसलिए लोग बार -बार डकार लेते हैं।
एसिड रिफ्लक्स और डकार
कभी-कभी डाइजेशन की प्रॉब्लम से पेट का एसिड गले में वापस आने लगता है जिसे एसिड रिफ्लक्स कहते हैं। ऐसे में भी पेट में भारीपन महसूस होता है जिसकी वजह से लोग बार-बार डकार लेने की कोशिश करते हैं। अगर ज्यादा परेशानी होती है तो डॉक्टर से दवा लें।
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मसालेदार या एसिडिक फूड
खट्टे फलों में एसिड ज्यादा होता है जो कि पेट को डिस्टर्ब करता है। साथ ही जब हम कुछ ज्यादा मसालेदार खाते हैं तो उससे भी गैस बनने लगती है जो बर्पिंग का मुख्य कारण है।
अस्थमा और डकार में संबंध
सुनने में अजीब लगता है पर अस्थमा भी बर्पिंग का कारण हो सकता है क्योंकि जब ऑक्सीजन पाइप में सूजन होती है तो सांस खींचने में मेहनत लगती है। जिससे डायफ्राम पर भी काफी प्रेशर पड़ता है। इससे गले में हवा फंसने लगती है और डकार आती है।
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फ्रक्टोज की अधिक मात्रा
फलों का नेचुरल शुगर वैसे तो अच्छा है पर कुछ में फ्रक्टोज की मात्रा ज्यादा होती है। जो कि बर्पिंग की वजह बनता है। ऐसा खासकर तब होता है जब आप फ्रूट जूस पीते हैं।
अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि खाना खाने के बाद या कभी -कभी ऐसे ही लोगों को ज्यादा डकार क्यों आती है। इसलिए अगर आपको बर्पिंग की दिक्क्त ज्यादा है तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से मिलें।
डकार के लिए इस तरह का खानपान जिम्मेदार
- कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कोला, सोडा, बियर आदि से डकार पैदा होती है।
- खाने में दाल, गोभी, मूली, मटर भी पेट में गैस बनाती हैं, जिससे डकार आती है।
- खाना पचाने के लिए भी कई बैक्टीरिया पेट में होते हैं, अगर इनका बैलेंस बिगड़ता है, तो भी डकार आती है।
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डकार के अन्य कारण
- धूम्रपान करने वाले लोगों में डकार की समस्या ज्यादा होती है। क्योंकि वे धुएं के साथ ढेर सारी हवा भी अंदर खींचते हैं, जो गैस और फिर डकार का कारण बनती है।
- स्ट्रेस और टेंशन में लोग बेवजह की चीजें और ज्यादा मात्रा में खा लेते हैं, जिसकी वजह से भी डकार उत्पन्न होने लगती है।
- पेट की समस्याएं जैसे लेक्टोज इनटॉलरेंस, इरिटेबल बावल सिंड्रोम, अल्सर जैसी बीमारियों के कारण भी गैस और डकार हो सकती है।
ऐसे करें बचाव
डकार आना कई बार बेहद सामान्य प्रक्रिया है। हमारा खानपान और लाइफ स्टाइल मूल रूप से इसके लिए जिम्मेदार होती है। लेकिन अगर यह ज्यादा होने लगे तो हमें कई बार शर्मसार होना पड़ता है। ऐसे में डकार से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं।
- डकार का सबसे बड़ा कारण है पेट में अतिरिक्त गैस। हमेशा उन चीजों से बचें जो पेट में गैस बनाते हैं।
- ज्यादा खाना, पीना, बात करना भी पेट में गैस बनने का कारण होता है। इसे कंट्रोल करें
- स्मोकिंग करने वालों को यह समस्या ज्यादा होती है। स्मोकिंग छोड़कर आप गैस ही नहीं कई जानलेवा बीमारियाें से बच सकते हैं
- खाना जल्दीबाजी में खाने से भी यह समस्या होती है। इसलिए धीरे-धीरे खाएं
- खाली वक्त में चूइंग गम खाना भी इसका कारण बनता है। चूइंग खाने के दौरान अतिरिक्त हवा पेट में चली जाती है।
- एसिडिटी की वजह से भी डकार आती है। ऐसे में एसिडिटी और उसके कारणों से बचाव करें।
कहीं कोई बीमारी का इशारा तो नहीं?
ज्यादातर मामलों में डकार आना सामान्य बात है लेकिन अगर ये आपकी डेली लाइफ का हिस्सा बन जाए तो संभल जाएं। हो सकता है कि आपके शरीर में कुछ ऐसा हो रहा है, जिसपर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यक्ता है। कई बार डकार पेट की कई बीमारियां की ओर भी इशारा करती है। कैलिफोर्निया में पेट के रोगों के विशेषज्ञ डॉ. भावेश शाह कहते हैं ” लगातार और बेहिसाब डकार निश्चित तौर पर किसी मेडिकल कंडिशन की ओर इशार करती है। आप GERD यानी गैस्ट्रोईसोफैगल रीफ्लक्स और SIBO यानी स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ग्रोथ जैसी समस्याओं का शिकार हो सकती हैं। ऐसे में ज्यादा डकार आने पर हेल्थ चेकअप जरूर कराना चाहिए।
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