क्या ज्यादा पानी पीना हानिकारक है?
क्या ज्यादा पानी पीना हमारे लिए सही है? आपको बता दें कि आपके शरीर के सभी सिस्टम ठीक से काम करें इसके लिए सही मात्रा में पानी पीना जरूरी होता। सही मात्रा में पानी पीने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। जैसे: यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, कब्ज को रोकता है, विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। सभी प्रमुख शारीरिक कार्य करता है। यह हमारे शरीर को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है, लेकिन ज्यादा पानी पीना, आपके और हमारे शरीर के लिए जहर के समान हो जाता है यानी नुकसान पहुंचाता है। ज्यादा पानी पीने से व्यक्ति ऑवरहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है।
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ज्यादा पानी पीना जब नुकसानदायक बन जाता है तो दिखाई देते हैंं लक्षण
ज्यादा पानी पीना हमारे शरीर में कुछ बदलाव पैदा कर सकते हैं। जिसमें सेल्स की सूजन के परिणामस्वरूप पानी का नशा होता है। मस्तिष्क की सेल्स सूज जाती हैं। जिससे सिर के अंदर दबाव बढ़ जाता है। यह दबाव जल इंटॉक्सकेशन के पहले लक्षणों का कारण बनता है। ज्यादा पानी पीना आपके अंदर निम्न लक्षण पैदा कर सकते है।
- मतली और उल्टी
- सिरदर्द
- जी मिचलाना
- मानसिक स्थिति में परिवर्तन जैसे भ्रम या भटकाव
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अधिक पानी पीना बन सकता है इन जोखिमों का कारण
कुछ मामलों में अधिक मात्रा में तरल पदार्थ के इस्तेमाल से कुछ गंभीर लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे:
- रक्तचाप (blood pressure) में वृद्धि।
- उलझन
- दोहरी दृष्टि
- झपकी
- सांस लेने मे तकलीफ
- मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन
- ज्यादा पानी पीने से किडनी की अतिरिक्त पानी पचाने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
- अतिरिक्त पानी पीने से हाइपोनैट्रिमया का विकास होता है।
मस्तिष्क में अधिक द्रव संचय को मस्तिष्क शोफ (Cerebral Edema) कहा जाता है, जो मस्तिष्क स्टेम को प्रभावित कर सकता है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) की शिथिलता का कारण बन सकता है। गंभीर मामलों में, जल इंटॉक्सकेशन दौरे का कारण बन सकता है, मस्तिष्क की क्षति, कोमा और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
क्या अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन घातक हो सकता है?
ज्यादा पानी पीना और उसके बाद पानी का उपभोग करना बहुत मुश्किल होता है। अभी तक इस स्थिति के कारण मौतों के मामले सामने आए हैं। यह ज्यादातर सैनिकों और एथलीट लोगों में पाया जाता है, जो निर्जलीकरण से बचने के लिए अत्यधिक पानी पीते हैं। एक रिपोर्ट में 17 सैनिकों का जिक्र किया गया है, जिन्होंने पानी के अधिक सेवन के परिणामस्वरूप हाइपोनेट्रेमिया विकसित किया। उनके रक्त में सोडियम का स्तर 115 से 130 mmol / L तक था, लेकिन सामान्य श्रेणी 135-145 mmol / L है।
एक अन्य रिपोर्ट से पता चलता है कि कैसे हाइपोनेट्रेमिया और सेरेब्रल एडिमा के कारण तीन सैनिक मारे गए और ये मौतें कुछ ही घंटों में 2.5-5.6 गैलन (10-20 लीटर) पानी पीने से हुई थी।
आपको कितना पानी पीने की आवश्यकता है?
वास्तव में आपको एक दिन में कितना पानी पीना जरूरी होता है, इसके लिए कोई विशेष मात्रा नहीं है। यह हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग है।
- यह निर्धारित करने के लिए कि आपको पानी पीने की कितनी जरूरत है, यह आपको अपने शरीर के वजन, शारीरिक गतिविधि स्तर और जलवायु को समझने की जरूरत है।
- इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन (IOM) का मानना है कि पुरुषों के लिए प्रति दिन पानी की पर्याप्त मात्रा 125 औंस (3.7 लीटर) है, जबकि महिलाओं के लिए यह 91 औंस (2.7 लीटर) है।
- हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि फूड और बेवरेज में पानी जरूर शामिल करें।
- कुछ लोग अभी भी 8 x 8 नियम का पालन करते हैं, जो प्रति दिन आठ 8-औंस पानी पीने की सलाह देते हैं। हालांकि, यह नियम ज्यादातर मनमाना है और अनुसंधान पर आधारित नहीं है।
- एक अच्छा नियम यह है कि शरीर की सुनें और प्यास लगने पर ही पीना पिएं। यह पानी का अच्छा स्तर बनाए रखने के लिए पर्याप्त होना चाहिए।
- हालांकि, केवल प्यास पर निर्भर रहना सभी के लिए सही नहीं होता है। एथलीट, वयस्कों और गर्भवती महिलाओं को प्रत्येक दिन कुछ अतिरिक्त पानी पीने की आवश्यकता हो सकती है।
इन बीमारियों में अधिक पानी का सेवन करने से बचे:
जो लोग हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट फेल्यिर और गुर्दे की समस्या से परेशान है तो उन्हें दिन में एक लीटर से ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए। इससे उनके खून में सोडियम का संतुलन गिर जाता है जिस कारण आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है।
जिन बुजुर्ग व्यक्तियों को डिमेंशिया हैं उनमें हाइपोनेट्रीमिया का खतरा अधिक बना रहता है। साथ ही ध्यान रखें कि एक साथ और एक ही बार में ज्यादा पानी नहीं पिएं क्योंकि ज्यादातर लोगों का मानना है कि अधिक पानी पीने से शरीर की सारी गंदगी बाहर निकल जाती है। जबकि बार-बार और अधिक पानी पीने से लिवर पर असर पड़ता है।
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डायबिटीज के मरीज के लिए सही मात्रा में पानी पीना है जरूरी
डायबिटीज मरीज की बात की जाए तो उन्हें तब भी प्यास लग सकती है, जब उनके शरीर को पानी की जरूरत न हो। पानी की जरूरत जानने का आम तरीका यह है कि जब उन्हें प्यास लगे तब पानी पिएं। वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक उन्हें प्यास लगती है, तब तक वह डीहाइड्रेट हो चुके होते हैं। इसलिए जरूरी है कि डीहाइड्रेट होने से पहले ही पानी पी लिया जाए, ताकि डायबिटीज के मरीजों को डीहाइड्रेशन का सामना न करना पड़े। यूरिन के रंग को देखकर आप यह पता कर सकते हैं कि पानी की मात्रा बॉडी में सही है या नहीं। अगर यूरिन साफ-रंगरहित है तो समझिए आप हाइड्रेट हैं और अभी पानी की जरूरत नहीं है।
अगर मूत्र का रंग पीला है, तो समझें कि शरीर को पानी की जरूरत है और आप पानी का सेवन करें। मगर किसी-किसी डायबिटीज के मरीज को, जिनकी किडनी स्वस्थ है, वे अत्यधिक पानी पी सकते हैं। उनके लिए अत्यधिक पानी पीना फायदेमंद होता है, क्योंकि जल्दी- जल्दी यूरिनेशन के जरिए वह नैचुरल तरीके से शुगर लेवल को कम कर सकते हैं। वहीं डायबिटीज के मरीज को ज्यादा नमक लेने की मनाही है, उन्हें अपने डॉक्टर से चेकअप कराकर इस बारे में सही राय लेनी चाहिए।
आपका डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास के बारे में पूछेगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपके लक्षण ज्यादा पानी पीने के नुकसान या किसी अन्य स्थिति के कारण है या नहीं। डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण भी करेंगे, और वे रक्त और मूत्र परीक्षण के लिए कह सकते हैं।
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ओवरहाइड्रेशन के लिए आपका इलाज कैसे किया जाता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके लक्षण कितने गंभीर हैं और ये किस वजह से हुआ है। इसके उपचार में शामिल हैं:
- सही मात्रा में पानी का सेवन करना।
- डाइयुरेटिक लेने से आपके द्वारा उत्पादित मूत्र की मात्रा में वृद्धि होती है।
- ओवरहाइड्रेशन का कारण बनने वाली स्थिति का इलाज करना।
- किसी भी दवा को रोकना जो समस्या का कारण बनता है।
- गंभीर मामलों में सोडियम की जगह कुछ और इस्तेमाल करें।
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