बच्चों के दांत में दर्द की वजह उनकी खराब आदत और पेरेंट्स की लापरवाही होती है। शुरुआत में बच्चों को ओरल हाइजीन की समझ नहीं होती है। वहीं माता-पिता भी बच्चे के दूध के दांतों को ब्रश करने पर तवज्जो नहीं देते। ऐसे में कई बच्चों के दांत खराब होने पर रूट कैनाल करने की जरूरत पड़ती है। बच्चों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट के लिए कई बातों का ध्यान देना पड़ता है।
बच्चों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरूरत दर्शाते हैं यह लक्षण
ये लक्षण जो आपको नजर आ सकते हैं:
- बच्चे के दांत में दर्द होना (Tooth pain): जब भी आपका बच्चा दांतों में दर्द की शिकायत करे तो उसे गंभीरता से लें। क्योंकि यह इंफेक्शन होने का सबसे पहला लक्षण होता है।
- दांतों में सेंसिटिविटी होना (Sensitivity): रूट कैनाल पेन हल्का भी हो सकता है और गंभीर भी। आपके बच्चे को दांतों में सेंसिटिविटी के कारण ठंडा और गर्म महसूस हो सकता है।
- मसूड़ों में सूजन (Inflammation of Gums): आपको अपने बच्चों के मसूड़ों में सूजन नजर आ सकती है। यह भी इस बात का इशारा है।
- बच्चों के मसूड़ों में पस भी बन सकता है (Pus formation in kid mouth): आपको अपने बच्चे के मुंह में पस बनती नजर आ सकती है।
- बुखार (Fever): बच्चे को दांत दर्द के कारण बुखार आ सकता है
- बच्चे के लिम्फ नोड्स सूज सकते हैं (His lymph nodes may swell)
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ये लक्षण जो डॉक्टर को नजर आते हैं:
- सॉफ्ट टिशू वेरिएशन्स (Soft tissue variations)
- दांतों का पीला पड़ना (Darkened tooth colour)
- दांतों में असमानता (Unevenness in teeth)
- संक्रमित दांत से खून बहना (An indication of drainage from an infected tooth)
बच्चों के दांत बचाना क्यों जरूरी है?
बच्चों के दांत बचाना कई मायनों में जरूरी है। दांत निकलवाने के कारण खाना चबाने में दिक्कत होती है। बोलने में भी कई बच्चों को समस्या होती है। जब नए दांत आते हैं और उन्हें अपने बगल में ज्यादा जगह मिलती है, तब वह सारी जगह घेरने की कोशिश करते हैं। इस कारण दांतों की पुजिशन पर असर पड़ता है।
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रूट कैनाल क्या है? (What is Root Canal)
रूट कैनाल दांत के संक्रमण के लिए सबसे बेहतर उपचार है। बात करें दांत की बनावट की तो दांत के 3 भाग होते हैं। दांत के बाहरी हिस्से को एनामेल कहते हैं। डेंटीन की यदि बात की जाए तो, यह दांत का मुख्य भाग होता है और तीसरा भाग है दांतों का गूदा जोकि नर्म होता है। नसे व ब्लड वैसल दांतों की जड़ (एपेक्स) के माध्यम से अंदर जाती हैं। यह जड़ के कैनाल से होकर पल्प चैंबर तक पहुंचती हैं। दांतों के क्राउन के अंदर पल्प चैंबर होता है। दांत के पल्प के सूज जाने या संक्रमित हो जाने पर ही रूट कैनाल किया जाता है। रूट कैनाल में इस संक्रमित हिस्से को निकाल दिया जाता है। रोग ग्रस्त पल्प को हटाने के बाद उस जगह को साफ किया जाता है और सही आकार देकर भर दिया जाता है। बच्चों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट का भी यही तरीका है और बड़ों के लिए भी यही तरीका अपनाया जाता है।
बच्चों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है?
- सड़े हुए दांत के ऊपरी हिस्से यानी क्राउन से ड्रिल कर कैनाल को खोल दिया जाता है।
- इसके बाद सारे पल्प को निकाल दिया जाता है।
- पूरे कैनाल की हाइड्रोजन पैराक्साइड व सोडियम हायपोक्लोराइड से सफाई की जाती है।
- फिर एक कैल्शियम युक्त फिलर से इसे पूरी तरह भर दिया जाता है।
- इसके बाद दांत को सिल्वर फिलिंग या टूथ कलर फिलिंग करके सील कर दिया जाता है।
- दांत को मजबूत करने के लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट के बाद कैप लगाना जरूरी हो जाता है।
- यदि कैप ना लगाई जाए तो दांत के टूटने का खतरा रहता है। यदि शुरुआती अवस्था है तो एक या दो सिटिंग से ही इलाज पूरा किया जा सकता है।
- पहली सिटिंग में करीब 30 से 40 मिनट का वक्त लगता है। वहीं लापरवाही के कारण यह 4 से 5 सिटिंग तक भी पहुंच सकता है।
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स्थाई और अस्थाई दांतों के लिए रूट कैनाल
बच्चों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट की दो स्थितियां हो सकती हैं। एक स्थाई दांतों के लिए रूट कैनाल और दूसरा अस्थाई या दूध के दांतों के लिए रूट कैनाल।
स्थाई दांतों के लिए रूट कैनाल: यदि स्थाई दांतों का इलाज सही समय पर नहीं किया गया तो यह आपके बच्चे के लिए वर्तमान और भविष्य दोनों में ही समस्या का कारण बन सकता है। यदि बच्चा बताए कि दांत में या मसूड़ों में दर्द हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
दूध के दांत के लिए रूट कैनाल: दूध के दांत बच्चे के लिए खाने से लेकर बोलने तक के लिए जरूरी हैं। इसके साथ ही यह दूध के दांत ही अस्थायी दांतों के आकार का कारण भी होते हैं।
रूट कैनाल का पता लगाने के लिए किन टेस्ट को किया जाता है?
- पर्क्यूशन टेस्ट (percussion test): इसमें डेंटिस्ट दर्द का पता लगाने के लिए डेंटल टूल से दांत पर हल्के से टच करते हैं।
- तर्निहित संक्रमण की जांच के लिए दांत का एक्स-रे।
- डेंटिस्ट एक्स-रे पर रेडिओल्यूकेंसी देखने की कोशिश कर सकता है।
- डेंटिस्ट आपको थर्मल टेस्टिंग के लिए कह सकते हैं जिसमें दांतों ठंडा और गर्म लगने पर दांतों की प्रतिक्रिया देखी जाती है। दांतों की प्रतिक्रिया से दांतों के तंत्रिका ऊतकों के स्वास्थ्य का पता चलता है।
बच्चों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट के लिए कैसे तैयार करें?
- बच्चों को यह समझाना बहुत जरूरी है कि वह रूट कैनाल ट्रीटमेंट से डरें ना
- रूट कैनाल के प्रोसिजर के बारे में पहले आप खुद समझें और फिर आराम से सारी जानकारी अपने बच्चे को दें ताकि प्रोसेस के दौरान वह डरे ना और मेंटली तैयार हो जाए।
- बच्चे को बताएं कि यह सब प्रोसिजर जल्दी खत्म हो जाएगा और दर्द नहीं होगा।
बच्चों के दांतों में सड़न, दर्द आम बात हो जाती है क्योंकि वह ब्रश नहीं करते और ना ही उनका खान-पान ठीक होता है। इसलिए बच्चों में रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरूरत बढ़ने लगी है। कभी भी आपका बच्चा अगर दांतों में दर्द की शिकायत करता है या फिर आपको उसके मुंह में इंफेक्शन लगता है तो तुरंत डेंटिस्ट से कंसल्ट करें।
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