1. गोंद की बीमारी– दरअसल धुएं में निकोटीन होता है, जो बैक्टीरिया के विकास के विकास में काफी मदद करता है। इससे प्लाक बनता है और यह दांतों में गोंद की बीमारी को जन्म देता है।
2. पेरियोडोंटल बीमारी– अगर कोई ज्यादा स्मोकिंग करता है, तो उसके पेरियोडोंटल (Periodontal) बीमारी की चपेट में आने की आशंका ज्यादा होती है। दरअसल, धुएं में मौजूद निकोटिन हड्डियों में खनिजों की मात्रा को कम करता है, इससे पेरियोडोंटल (Periodontal) बीमारी के मामले बढ़ते हैं।
3. सूजन व पस का बनना– धूम्रपान करने वालों में काले दाग आम बात हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, एक तरफ जहां ये मसूड़ों की उचित सफाई की अनुमति नहीं देते हैं, वहीं दूसरी तरफ दर्द व सेंसिटिविटी को निरंतर बढ़ावा देते हैं। इससे मसूड़ों में सूजन हो जाती है और पस बनने लगता है।
4. मसूड़ों की बीमारी को दबाना– धूम्रपान का एक और सबसे बड़ा नुकसान ये है कि यह मसूड़े की बीमारी का पता नहीं चलने देता। इससे शुरुआत में बीमारी का पता नहीं चल पाता। इस बीच स्मोकिंग से दांत और सहायक ऊतक (Accessory tissue), संक्रमित होने लगते हैं और धीरे-धीरे आपके दांत कमजोर होने लगते हैं।