वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) एक प्रकार का मेडिटेशन (योग) होता है। बस फर्क इतना है कि वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) के लिए हमें किसी खास जगह,समय,वजह या यूं कहें कि किसी भी सेट-अप की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बारें में सबसे बड़ी बात यह है की उत्पत्ति बौद्ध धर्म से हुई है। वैसे इसको माइंडफुलनेस प्रैक्टिस के रुप में प्रयोग किया जाता है। एक मठ (Monastery) के मौंक मिंग्योर रिंपोचे (Yongey mingyur rinpoche) ने अपने दिए गए एक साक्षात्कार में बताया कि वॉकिंग मेडिटेशन उनके दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आपको बता दें वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) में भी माइंडफुलनेस मेडिटेशन के एक हिस्सा होता है। माइंडफुलनेस मेडिटेशन का अर्थ होता है आपका बाहरी शरीर जो भी प्रक्रिया कर रही हो लेकिन आपका मन,आपका ध्यान किसी योग में लगा हुआ है।
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वॉकिंग मेडिटेशन प्रैक्टिस (Walking meditation practice) क्या है?
जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके हैं की इसमें ध्यान करने के लिए किसी खास सेट-अप की जरुरत नहीं है। माइंडफुल वकिंग मेडिटेशन योग करने वालों के लिए एक प्रकार को वरदान है। क्योंकि इसको करने के लिए किसी खास तैयारी की जरुरत नहीं होती है।यह आप अपने काम के साथ चलते हुए या किसी भी अवस्था में रहकर कर सकते हैं। मेडिटेशन की शुरुआत करने वाले लोगों के लिए यह बेहतर तरीका माना जाता है। इसके उनको मेडिटेशन की आदत डालने में आसानी होती है।
-आमतौर पर,वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) कुछ लोग सर्कल में करते हैं। कुछ लोग एक स्ट्रेट लाइन में जाते और आते है। कुछ लोग केवल स्ट्रेट चलते चले जाते हैं। आपको बता दें माइंडफुलनेस मेडिटेशन ज्यादातर बैठकर मेडिटेड करने के साथ किया जाता है। इस दौरान कुछ देर बैठकर मेडिटेशन किया जाता है, फिर वॉक फिर कुछ बैठकर किया जाता है। वॉकिंग मेडिटेशन से होने वाले अनेक फायदे हैं जो इस प्रकार से हो सकते हैं।
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वॉकिंग मेडिटेशन से होने वाले फायदे (Benefits of walking meditation)
अवसाद (Depression)
यदि आप अकेलेपन या किसी अपने करियर किसी भी समस्या को लेकर अवसाद ग्रस्त हो रहे हैं। तो वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) करना आपके लिए बहुत अच्छा ऑप्शन हो सकता है। आप एक्सरर्ट से जानकारी लेकर वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) की शुरुआत कर सकते हैं।
अच्छी नींद (Good sleep)
कभी-कभी ऐसा होता है की हमारी बॉडी में थकान न होने के कारण हमें नींद नहीं आती है। आपने कई रातें इस चक्कर में जागकर बिताई होंगी। तो ऐसे में अगर आप वॉकिंग मेडिटेशन करते हैं। इसको करने से आपकी बॉडी में थकान होगी जिससे आपको समय पर अपने आप नींद आ जाएगी। इससे आपके सोने का एक अच्छा नियम भी बन जाएगा।
एक अच्छी आदत
वॉकिंग मेडिटेशन से आपकी सभी आदतों में से एक और अच्छी आदत शामिल हो जाती है। जी हां वॉक करना एक अच्छी आदत होती है। आप चाहे किसी भी कारण से वॉक रहे हों लेकिन आपको इसका केवल फायदा ही होता है।
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रक्त के प्रवाह में मददगार (Helpful in blood flow)
वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) करने से वाले लोगों का ब्लड फ्लो बहुत अच्छे से काम करता है। वॉकिंग मेडिटेशन खास करने वाले लोगों में पैर की समस्या नहीं होती है। वाकिंग मेडिटेशन करने से आपके पैरों से सुस्ती दूर होती है और पैरों की सुकुड़न भी दूर होती है। यह उन लोगों के लिए ज्यादा बेहतर माना जाता है जो लोग लंबे समय तक बैठकर काम करते रहते हैं। शरीर की ऊर्जा बढ़ाने का यह एक बेहतर तरीका है।
खुद को जानने में मदद
जब हम वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) करते समय माइंडफुलनेस पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इस दौरान हम अपनी बॉडी महसूस कर पाते हैं। अपने पैरों को हाथों को जिन्हें हमने फ्री छोड़ दिया है। हम इसमें पूरी तरह से अपने शरीर को जानने और समझने लगते हैं। ऐसा भी महसूस होता है की हम अपने शरीर के लिए अब कुछ कर रहे हैं।
मधुमेह के रोगियों के लिए बेहतर
मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत फायदेमंद हो सकता है। ये आपको बल्ड शुगर लेवल बनाए रखने में मदद करता है। डॉक्टर भी आपको इसकी सलाह देते हैं।
अपने लिए समय निकाले
वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) करने के बहाने ही सही लेकिन इसमें आपको अपने लिए थोड़ा समय मिल जाता है।
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पाचन शक्ति
वॉकिंग मेडिटेशन करने वाले लोगों के पाचन शक्ति की कार्य क्षमता बहुत मजबूत होती है। यदि आप खाना खाने के बाद वॉकिंग मेडिटेशन करते हैं, तो ये आपकी योग शक्ति के साथ-साथ आपके हेल्थ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है इससे आपको पेट में एसिडिटी की समस्या पैदा नहीं होती है।
प्रकृति से जुड़ना
जब हम पूरी तरह से अपना पूरा ध्यान माइंडफुलनेस पर केंद्रित करते हैं, तो कहीं न कहीं हम प्रकृति से जुड जाते हैं। जो लोग अपना 100 प्रतिशत देकर यह क्रिया करते हैं। वो पूरी तरह से अपने आपको प्रृकति से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
गुस्से पर कंट्रोल (Anger control)
वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) करने से आप अपने गुस्से पर कंट्रोल करना सीख जाएंगे। ये आपका दिमाग शांत रखने में आपकी मदद करता है।
स्ट्रेस कम करने में मददगार
आपके पर्सनल लाइफ में कई तरह की समस्याएं चलती रहती है। ऐसे में अगर आप वॉकिंग (Walking meditation) मेडिटेशन करते हैं तो इससे स्ट्रेस रिलीज होने में मदद मिलती है।
एकाग्रता की शक्ति
माइंडफुलनेस पर ध्यान केंद्रित करने से आपक एकाग्रता शक्ति बढ़ती है। जब आप किसी कार्य को एकाग्रचित से करने के बारे में सोचेगें। उस समय आपको इसका अनुभव होगा की आपकी एकाग्रता में परिवर्तन हुआ है।
प्रैक्टिकल रुप से जागरुक
यदि आप वॉकिंग मेडिटेशन या किसी प्रकार के मेडिटेशन को करते हैं। इस दौरान आप अपने उम्र के बाकी लोगों की तुलना में अपने आपको मेच्योर महसूस करेंगे।
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वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) करने की प्रैक्टिस कैसे करें?
सही जगह का चुनाव
यदि आप वॉकिंग मेडिटेशन प्रैक्टिस करना चाहते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले ऐसा पार्क,किनारा,रोड़,गार्डेन,आंगन,छत या कोई इस प्रकार की जगह जो आपके आस-पास हो जहां आप आसानी से जाकर शांत होकर वॉकिंग मेडिटेशन प्रैक्टिस कर सके ऐसी जगह आपको ढ़ुढने की जरुरत है। वैसे तो घर के अंदर अभ्यास करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है क्योंकि ऐसे में आप अपने कार्य से विचलित नहीं होगें और सीधे तौर पर माइंडफुलनेस पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
माइंडफुलनेस बनाए रखें
भले ही आप वॉक कर रहें हो, लेकिन आपका ध्यान एक जगह पर स्थित होना चाहिए। इस दौरान न केवल अपने शारीरिक बदलाव बल्कि अपने भावनाओं, विचारों और मनोदशाओं पर भी जरुर ध्यान दें। इस दौरान हो रहे कुछ मानसिक बदलाव आपको अपने आप उजागर होकर दिखाई नहीं देगें। आपको ध्यान देकर उनको समझना होगा कि आपके अंदर क्या बदलाव हो रहें हैं।
समय निर्धारण करना
जगह तय करने के बाद बारी आती है। समय निर्धारण करने की, इसमें आप यह तय करेंगे की आपको किस समय वॉकिंग मेडिटेशन (Walking meditation) करना है। जब आप खाली हो ऐसा एक समय तय कर लें और अपने द्वारा तय किए गए जगह पर जाएं। एक लंबी गहरी सांस लें।कुछ समय के लिए लिए आंखे बंद करें अपने पैरों के नींचे स्थित जमीन को महसूस करें। अब अपनी आंखे खोले और धीरे-धीरे चलना शुरु करें। अब यह आपके ऊपर है की आप सर्कल में चलते हैं या आगे-पीछे होकर चल सकते हैं। कितनी देर आप ये करें इसके लिए कोई समय निर्धारित नहीं है आप कम से कम और ज्यादा से ज्याजा जितना करना चाहें ये आपके ऊपर निर्भर करता है।
चलने कि गति
वॉकिंग मेडिटेशन करते समय आपको बहुत धीरे-धीरे चलने की आवश्यकता होती है। इसमें आप अपने हाथों को पूरी तरह से खुला छोड़ दें, या उन्हें अपनी पीठ के पीछे पकड़ सकते हैं। यदि आप चाहे तो उन्हें अपने पेट के आसपास अपने शरीर के सामने पकड़ सकते हैं। आपके पैर की मांसपेशियों को आराम से चलना चाहिए। क्योंकि ये आपके शरीर को कष्ट देने के लिए नहीं किया जाता है।इसमें आपको बहुत आराम से चलने की जरुरत होती है।
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