सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) की मानें तो सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर बचपन में होने वाली सबसे आम मोटर डिसेबिलिटी है। सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर एक ऐसी विकलांगता है जो आजीवन रहती है और यह दुनियाभर में लगभग 17 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है। द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार “विश्वभर में 10% लोग कई कारणों से किसी न किसी तरह की मानसिक या शारीरिक विकलांगता से प्रभावित हैं। जिनमें से भारत में तीन से चार प्रतिशत बच्चे सेरेब्रल पाल्सी से ग्रस्त हैं। इनमें से 15-20% जो शारीरिक रूप से विकलांग हैं, सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर से प्रभावित हैं।
हर साल 6 अक्टूबर को वर्ल्ड सेरेब्रल पाल्सी डे (World cerebral palsy day) मनाया जाता है ताकि लोगों के बीच में इस डिसऑर्डर के प्रति जागरूकता लाई जा सके। लेकिन, यह सेरेब्रल पाल्सी क्या है? दरअसल, सेरेब्रल पाल्सी न्यूरोलॉजिकल विकारों (Neurological disorders) का एक समूह है, जो बचपन से ही शिशु में दिखाई देने लगती है। यह शिशु में स्थायी रूप से मोटर स्किल्स (चलना, हिलना-डुलना) और मांसपेशी को प्रभावित करता है। ऐसी स्थिति के प्रति सजग रह कर पेरेंट्स बच्चों की मदद कर सकते हैं। आइए इस समस्या के बारे में अधिक जानकारी पाने से पहले इसके लक्षणों को समझने का प्रयत्न करते हैं।
सेरेब्रल पाल्सी : दें इन लक्षणों पर ध्यान (Symptoms of Cerebral Palsy)
सही समय पर सेरेब्रल पाल्सी के लक्षण को यदि पहचान लिया जाए, तो बच्चे की मदद की जा सकती है। इन लक्षणों से जुड़ी तकलीफे बच्चे को बेहद परेशान कर सकती हैं, इसलिए इन्हें पहचान कर डॉक्टर की सलाह ली जा सकती है।
- हाथों और पैरों के मोशन में असामन्यता सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर (Cerebral Palsy Disorder) का सामान्य लक्षण है। चलने और बातचीत करने का धीमा विकास, मांसपेशियों में खिंचाव, जैसे बहुत कम या ज्यादा खिंचाव होना आदि भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
- शिशुओं को खाने में परेशानी, मांसपेशियों में ऐंठन, शरीर में अकड़न, और भैंगापन आदि इसके लक्षणों में से एक माने जाते हैं। इसमें बीमारी का प्रभाव कम, मध्यम या गंभीर हो सकता है।
- सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) पूरे शरीर को प्रभावित करता है। इससे बच्चों को बैलेंस (Balance) बनाने और कॉर्डिनेशन (Coordination) में समस्या होती है। जिसकी वजह से वे शारीरिक गतिविधियों को कम रफ्तार से कर पाते हैं। मांसपेशियां कम टोंड होती है, जिससे सीधे बैठना और चलना मुश्किल होता है।
- कभी-कभी सेरेब्रल पाल्सी वाले बच्चों को सीखने, सुनने या देखने में समस्या होती है या मानसिक विकलांगता भी हो सकती है।
इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर आपको तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए, जिससे समय रहते बच्चे की मदद की जा सके। इन लक्षणों को ध्यान में रखते हुए कुछ और भी काम हैं, जो पेरेंट्स कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
बच्चे की हेल्थ के लिए रहें हमेशा सचेत
हो सकता है बच्चों की मानसिक/शारीरिक विकलांगता के लिए आपको बाल रोग विशेषज्ञ से लेकर थेरिपिस्ट या कुछ स्पेशल डॉक्टर्स के पास ले जाना पड़े। यह भी हो सकता है कि डॉक्टर इलाज के लिए उसे दूसरे डॉक्टर के लिए रेफेर करें। लेकिन, डॉक्टर्स के साथ-साथ आपको भी अपने बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में पूरी तरह से सतर्क रहना चाहिए। हालांकि, कई डॉक्टर ग्रसित बच्चों के सेरेब्रल पाल्सी के उपचार (Treatment of Cerebral Palsy) के समय माता-पिता को ज्यादा से ज्यादा इन्वॉल्व करते हैं। इससे डॉक्टर्स को बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेस्ट ट्रीटमेंट लेने में मदद मिलती हैं क्योंकि कौन-सा ट्रीटमेंट बच्चे के लिए सबसे अच्छा काम कर रहा है, यह पेरेंट्स से बेहतर कोई नहीं जान सकता है।
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बच्चे को सक्रिय रहने में करें मदद
सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर (Cerebral Palsy disorder) से पीड़ित तीन बच्चों में से एक चलने में असक्षम होता है। हो सकता है कि आपका बच्चा अपने साथियों के साथ खेल न सके लेकिन, उसे अपनी क्षमता के साथ मूव करना जरूरी है। इसलिए, उसे चलने में मदद करें (अगर वह चल सकता है), उसके साथ जितना संभव हो सके खेलें। उसे नए कौशल सिखाएं, इससे हो सकता है वह अपनी मांसपेशियों को नए तरीकों से इस्तेमाल करना सीखें। बच्चे के सक्रिय होने से उसकी मांसपेशियां (Muscles) मजबूत होंगी। सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर (Cerebral Palsy disorder) से ग्रसित लोग जितना सक्रिय रहते हैं, उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं कम होती हैं। वहीं बच्चे की मानसिक मंदता (Mental retardation) के इलाज के लिए आप घर पर ही एक प्रैक्टिस (Practice) कर सकती हैं। बच्चे को म्यूजियम (Musium) ले जाएं, एक-साथ आर्ट प्रोजेक्ट्स बनाएं या संगीत (Music) सुनें।
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डायट (Diet) पर ध्यान दें
सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर (Cerebral Palsy disorder) वाले कुछ बच्चों की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। यह उन बच्चों में अधिक होता है जो चलने-फिरने में सक्षम नहीं होते हैं। ऐसे में बच्चे को स्वस्थ भोजन (Healthy Diet) देना उनकी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है। डॉक्टर से आप कैल्शियम सप्प्लिमेंट्स (Calcium supplements) के बारे में भी सलाह ले सकते हैं।
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सपोर्ट ग्रुप या अन्य लोगों की मदद लें
बच्चों की मानसिक या शारीरिक विकलांगता (Physical disability) को किस तरह और बेहतरी से समझा जा सके। इसके लिए माता-पिता जब भी बच्चे को थेरिपिस्ट या डॉक्टर के पास ले जायें, तो वहां मौजूद अन्य पेरेंट्स से उन्हें बात करें। उनसे आप सलाह-मशवरा कर सकते हैं कि वे अपने बच्चे के साथ कैसे डील कर रहे हैं। हो सकता है उनसे आपको कुछ पॉजिटिव सुझाव मिल जाएं। इसके साथ ही कई ऐसे सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर (Cerebral Palsy disorder) से जुड़े हुए सपोर्ट ग्रुप्स भी हैं, जिनसे आपको काफी मदद मिल सकती है। आप चाहे तो इन सपोर्ट ग्रुप को जॉइन कर सकते हैं।
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अपना नजरिया सकारात्मक रखें
कई बार पेरेंट्स बच्चों की मानसिक या शारीरिक विकलांगता को लेकर काफी निराश हो जाते हैं, उन्हें लगने लगता है मेरा बच्चा वह सब कुछ नहीं कर सकेगा जो दूसरे बच्चे कर सकते हैं। लेकिन, पेरेंट्स को इससे परेशान नहीं होना चाहिए। बच्चे की लिमिटेशन पर फोकस होने की बजाय, उन सभी चीजों को प्रोत्साहित करें जो वह खुद कर सकता है।
सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर बच्चे में किन कारणों से होता है? (Causes of Cerebral Palsy disorder)
बच्चों में सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर निम्नलिखित कारणों से होता है। जैसे-
- प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान इंफेक्शन होना
- गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान या डिलिवरी के बाद स्ट्रोक होना
- जॉन्डिस का इलाज (Treatment of jaundice) ठीक तरह से न किया गया हो
- जेनेटिक डिसऑर्डर (Genetic disorder)
इन स्थितियों के साथ-साथ गर्भावस्था के दौरान अन्य परेशानी होने के कारण बच्चे सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर होने की संभावना बढ़ सकती है।
दुर्भाग्य से सेरेब्रल पाल्सी का कोई इलाज नहीं है लेकिन, सेरेब्रल पाल्सी का उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। हर बच्चा अलग होता है इसलिए, उसके लिए सेरेब्रल पाल्सी का उपचार भी अलग-अलग होगा। ज्यादातर मामलों में, सेरेब्रल पाल्सी को रोका नहीं जा सकता है। हालांकि, स्वस्थ रहने और गर्भावस्था की जटिलताओं को कम करने के लिए कदम उठाना बच्चों की मानसिक या शारीरिक विकलांगता के रिस्क को कम करने में मदद कर सकता है।
सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर से बचने के क्या हैं उपाय? (Prevention of Cerebral Palsy disorder)
सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर (Cerebral Palsy disorder) से निम्नलिखित तरह से बचा जा सकता है। जैसे-
- गर्भावस्था के दौरान जर्मन खसरा जैसे रोगों की रोकथाम के लिए उचित इलाज करवाना चाहिए।
- अपने हेल्थ एक्सपर्ट को उन लक्षणों के बारे में बताएं जो इलाज में मददगार हो।
- बच्चे को विशेष शिक्षा जैसी अन्य सेवाएं प्रदान करें।
- सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy disorder) वाले व्यक्ति के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण रखें।
अगर आप सेरेब्रल पाल्सी डिसऑर्डर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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