बारिश के मौसम में बिजली कड़कना या गिरना बेहद आम बात है। आपने कई बार आसामान से गिरने वाली बिजली को लेकर कई घटनाओं के बारे में सुना होगा। इसका मंजर काफी डरा देने वाला हो सकता है। हर साल न जाने कितने लोग इसमें अपनी जान गवा देते हैं। आसमान से बिजली गिरना या कड़कना तो नहीं रोका जा सकता है, लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आसमान से गिरने वाली बिजली से अपनी जान बचाई जा सकती है। इसके साथ ही कुछ सावधानी बरत कर इससे होने वाले जोखिम को कम किया जा सकता है।
यदि आसमान से आपके ऊपर बिजली गिरे तो आपको क्या करना चाहिए? यह सीधा सा सवाल है। लेकिन, इसका जवाब जानने के लिए आपको पहले यह जानना जरूरी है कि आपके ऊपर बिजली कैसे-कैसे गिर सकती है। बिजली गिरने पर आपकी बॉडी का क्या होगा? यह बिजली के गिरने के तरीके के ऊपर निर्भर करता है।
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बिजली गिरना के तरीके क्या-क्या हो सकते हैं?
सीधी बिजली गिरना
आसमान से सीधे जमीन पर बिजली आपके या किसी ऐसी वस्तु के ऊपर गिर सकती है, जिसे आपने पकड़ा हो।
एक तरफ बिजली गिरना
आसमान से बिजली किसी ऐसी चीज पर गिर सकती है, जो आपके बेहद ही करीब है। उस वस्तु के ऊपर से यह बिजली आपके ऊपर आ सकती है।
पोटेंशियल कॉन्टेक्ट
पेड़ या किसी अन्य चीज को छूते वक्त बिजली उस पर गिर सकती है। उस वस्तु से यह बिजली सीधी आपकी बॉडी में प्रवेश कर सकती है। बिजली बॉडी के उस हिस्से से प्रवेश करेगी, जो उस वस्तु के संपर्क में होगा।
पैरों से कर सकती है बिजली प्रवेश
आपके जमीन पर सीधा खड़े होने की स्थिति में उस एरिया में सीधे आसमान से जमीन पर बिजली गिरने पर यह आपके पंजों से बॉडी में प्रवेश कर सकती है।
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इलेक्ट्रॉनिक सामान से बिजली एंटर करना
यदि आप टेलीफोन जैसे किसी इलेक्ट्रॉनिक सामान का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आसमान से बिजली उसके सोर्स पर गिर सकती है। उसके पावर सोर्स के जरिए वह आपकी बॉडी में प्रवेश कर जाएगी।
अब बात आती है कि इनमें से कौन सी बिजली कितनी घातक हो सकती है। इसमें सबसे ज्यादा आसमान से सीधे आपके ऊपर बिजली गिरना जानलेवा हो सकता है। इसके बाद एक तरफ या किसी वस्तु से आपकी बॉडी में बिजली का प्रवेश करना दूसरी केटेगरी के खतरे में आता है।
वहीं, जमीन से होते हुए पैरों से बिजली का बॉडी में प्रवेश करना खतरे की तीसरी केटेगरी में आता है। आपकी बॉडी में बिजली की कितनी मात्रा जाएगी, यह इसके गिरने के तरीके पर निर्भर करेगा। यदि आपके ऊपर सीधे ही बिजली गिरती है तो उसका पूरा असर आपकी बॉडी पर होगा। दूसरी परिस्थितियों में बिजली की मात्रा कम हो जाती है, क्योंकि वह आपकी बॉडी तक पहुंचते-पहुंचते थोड़ी कम हो जाती है।
बिजली का किन अंगों पर पड़ता है प्रभाव?
आसमान से गिरने वाली बिजली का सर्क्युलेटरी, रेस्पिरेटरी और नर्वस सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है।
सर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory System)
सीधे बिजली गिरने पर ज्यादातर जानमाल का नुकसान कार्डियक अरेस्ट की वजह से होता है। इस स्थिति में आसपास मौजूद ऑटोमेटिक एक्सटर्नल डिफेब्रिलेटर से बिजली का झटका दिया जाने पर पीढ़ित व्यक्ति के जीवित रहने की संभावना रहती है।
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रेस्पिरेटरी सिस्टम (Respiratory System)
बिजली गिरने पररेस्पिरेटरी सिस्टम को लकवा मार सकता है। इस स्थिति में पीढ़ित को बचाने के लिए आर्टिफिशयल रेस्पेरेशन की जरूरत होती है, जिससे ऑक्सीजन की कमी से व्यक्ति की मौत ना हो।
नर्वस सिस्टम (Nervous System)
बिजली गिरने पर नर्वस सिस्टम के प्रभावित होने पर कई तरह के साइड इफेक्ट्स नजर आते हैं, जिसमें डेमेंटिया, एमनेसिया, अस्थाई लकवा, इंपेयर रेफ्लेक्सेस, मेमोरी गेप्स और एंजायटी या डिप्रेशन हो सकता है।
बिजली गिरने पर क्या करें?
- यदि किसी इंसान के ऊपर बिजली गिरी है तो उसकी मदद करें। कई लोगों में इस बात को लेकर डर होता है कि सामने वाले इंसान को छूने से उन्हें भी बिजली पकड़ सकती है लेकिन ऐसा नहीं होता है। ऐसे लोगों को छूने से आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
- बिजली गिरने पर हमेशा उचित शेल्टर ढूंढे। आप किसी बिल्डिंग या कार में छुप सकते हैं। रबड़ के टायर का सुरक्षा के लिए उपयोग ना करें क्योंकि, इनमें बिजली प्रवाहित हो सकती है। कार में छुपने पर आप बिजली से बच सकते हैं क्योंकि, जमीन पर बिजली गिरने पर यह कार से होते हुए आपकी बॉडी में प्रवेश नहीं कर सकती।
- बिजली गिरने पर पेड़ों के नीचे ना जाएं। पेड़ आसमानी बिजली को आकर्षित करते हैं। अपने दोनों पैरों को एक साथ रखने की कोशिश करें। इसके बाद गर्दन को जितना हो सके जमीन को छुए बगैर नीचे रखें। इस स्थिति में कभी जमीन पर ना लेटें। इससे करंट आपकी बॉडी में जा सकता है।
- आपके आस पास अगर सरिया जैसी कोई चीज है तो अपने से दूर रखें। ऐसी चीजों पर बिजली के गिरने की आशंका अधिक होती है।
- यदि बादल बहुत तेज गरज रहे हैं और आपको ऐसा लग रहा है कि बिजली गिर सकती है तो ऐसे में नीचे दुबक कर पैरों के बल बैठें। अपने हाथों को घुटनों पर रख लें। सिर को भी दोनों घुटनों के बीच कर लें। इस मुद्रा में बैठने से आपका जमीन से कम से कम संपर्क होगा। कभी भी ऐसी स्थिति में जमीन पर लेटने की गलती न करें।
- बिजली गिरने की स्थिति में अपने मोबाइल फोन को स्विच ऑफ कर दें। बाथरूम या शावर से दूर रहें। ऐसा ना करने पर आप बिजली की चपेट में आ सकते हैं।
बिजली गिरने को लेकर ये सभी बातें मिथक हैं:
- बिजली एक ही जगह पर दो बार नहीं गिर सकती
- गोबर पर बिजली गिरने से गोबर सोना बन जाता है
- रबर और टायर इससे बचा सकते हैं
- पीपल, बरगद और पाकड़ जैसे पेड़ों पर बिजली ज्यादा गिरती है।
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बिजनी गिरने के आंकड़ें
26 देशों से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, हर साल आसमान से बिजली गिरने पर 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। बिजली गिरने की संभावना वाले इलाकों में जानमाल के नुकसान का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। कुछ लोग इससे बचने की कोशिश करते हैं लेकिन, गलत तरीका अपनाने की वजह से उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है। कूपर ग्लोबल डॉक्टरों के एक छोटे समूह में से एक हैं, जो मौसम विज्ञानी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स और अन्य विशेषज्ञों जैसे एक्सपर्ट्स का ग्रुप है। कूपर बिजली गिरने की घटनाओं को बेहतर तरीके से समझते हैं। बिजली गिरने पर लोग कैसे घायल होते हैं और किन तरीकों से इन घटनाओं से बचा जा सकता है? इस बारे में भी उन्हें बारीक जानकारी है।
बिजली पीढ़ित की समस्याएं
हर 10 लोग जो आसमानी बिजली की चपेट में आ जाते हैं। इनमें से नौ लोग बच पाते हैं, जो अपनी आप बीती सुनाते हैं। बिजली से बचने के बाद भी उन्हें अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों हो सकती हैं। समस्याओं की इस सूची में कार्डिएक अरेस्ट, याददाश, दौरे, चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, बहरापन, सिरदर्द, याददाश्त की कमी, ध्यान भंग होना, व्यक्तित्व में बदलाव आने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।
हर पीड़ित की अपनी कहानी
बिजली गिरने की घटनाओं में जीवित बचे लोगों की अपनी कहानियां हैं, जिन्हें वो साझा करना चाहते हैं। इनमें से कुछ लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों का एक समूह है, जो बिजली गिरने की घटना के बाद बच गए। इस ग्रुप में 13 लोग हैं। इन पीड़ितों ने आपस में पहली मुलाकात 1990 के शुरुआती दिनों में की थी। यह मुलाकात अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम पहाड़ों पर एक मीटिंग के जरिए हुई।
उस दौर में जब इंटरनेट नहीं था तब दूसरे पीड़ितो से मिलना काफी मुश्किल था। सिर दर्द, याददाश की समस्या, अनिद्रा और बिजली से पैदा हुई दूसरी समस्याओं के चलते दूसरों से मिलना चुनौतीपूर्ण था। यह बात इस समूह के संस्थापक स्टीव मेरशबर्न ने कही है। स्टीव के ऊपर 1969 में आसमानी बिजली की चपेट में आए थे। बैंक के पास कैशियर की खिड़की के करीब उनके ऊपर बिजली गिरी थी।
चुकानी पड़ती है बड़ी कीमत
लोगों के ऊपर बिजली गिरने पर उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है। इस पर कूपर का कहना है कि पीड़ित के व्यक्तित्व में बदलाव आता है। कुछ मामलों में तो उन्हें डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है। इससे परिवारों और शादियों को नुकसान पहुंच सकता है। इस घटना पर कूपर कहते हैं कि जिस तरह कंप्यूटर में बिजली का झटका लगने से वह सब तहस नहस कर देती है, ठीक उसी तरह दिमाग को भी नुकसान पहुंचता है। बाहर से ऐसा लगता है कि उसे कुछ हानि नहीं हुई है। बिजली के झटके से कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में खराबी आ जाती है, बिलकुल ऐसी ही दिमाग के कार्य करने के तरीके को भारी नुकसान पहुंचता है।
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क्या बिजनी गिरने से घायल हुए व्यक्ति का फर्स्ट एड किया जा सकता है?
अगर आकाशीय बिजली गिरना किसी व्यक्ति को घायल कर दे, तो आप उसे फर्स्ट एड दे सकते हैं। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखें, जैसेः
बिजली गिरने पर बेहोश हुए व्यक्ति के लिए उपचार में क्या करें?
- बिजली गिरने से घायल हुए व्यक्ति के पास जाएं। अगर वो होश में है, तो तुरंत आपातकालीन नंबर पर फोन करें और चिकित्सीय उपचार की मदद मांगें।
- अगर घायल व्यक्ति होश में नहीं है, तो उसके पास जाते ही सबसे पहले उसके नब्ज यानी पल्स चेक करें। जिससे आपको पता चल जाएगा कि, घायल व्यक्ति जिंदा है या नहीं।
- इसके बाद आपको आपातकालीन नंबर पर फोन करना चाहिए और उपचार के लिए मदद मांगना चाहिए।
- इसके बाद आपको अपने आस-पास के स्थान को देखना चाहिए। अगर उस स्थान के आस-पास कोई पेड़, पानी का स्त्रोत या बिजली का खंभा है, तो वहां से घायल व्यक्ति को जल्द ही पास किसी सुरक्षित स्थान पर लें जाएं।
- इसके बाद आप सीपीआर की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। सीपीआर के लिए सबसे पहले आपको चेस्ट कंप्रेस करना चाहिए। अगर इसके बाद भी व्यक्ति होश में नहीं आता है, तो आप माउथ-टू-माउथ एयर पास करके सीपीआर दे सकते हैं।
- सीपीआर देने का तरीका सामान्य ही होता है, जैसे आप अन्य स्थितियों में देते हैं।
- उपचार की सहायता न मिलने तक आपको घायल व्यक्ति के शरीर के लिटाए जाने की पुजिशन का ध्यान रखना चाहिए। आपको घायल व्यक्ति के गर्दन और सिर को शरीर के कंधे से नीचे रखना चाहिए, ताकि सांस लाने में उसे आसानी हो। इसके लिए आप घायल व्यक्ति को पीठ के बाल सीधा लिटाएं और कंधें के नीचे कोई तकिया या किसी कपड़े के सहारे उसके गर्दन के मुकाबले इसके कंधे के हिस्से को थोड़ा ऊंचा कर दें।
- ध्यान रखें कि, घायल व्यक्ति के आस-पास कोई नुकिली वस्तु, जानवर या कीड़े न हों।
- इसके बाद अगर वह व्यक्ति कहीं पर जला हुआ है, तो आप उसका भी फर्स्ट एड कर सकते हैं। लेकिन, ध्यान दें कि बेहोशी की हालत में व्यक्ति को कुछ भी खिलाने-पिलाने का प्रयास न करें।
बिजली गिरना अगर जला दे तो क्या करें?
- अगर आप या कोई अन्य व्यक्ति बिजली गिरने से शरीर के किसी एक हिस्से में जल गया है और होश में हैं, तो उपचार के लिए मदद मांगे। चिकित्सीय उपचार न मिलने तक आप सामान्य तौर पर जले हुए में इस्तेमाल किए जाने वाली मलहम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पर ध्यान रखें कि जले हुए घाव पर बिना डॉक्टर के सलाह के पट्टी न बाधें।
- अगर शरीर के किसी अंग से खून बह रहा हो, तो ऐसी स्थिति में आप खून के बहाव को रोकने के लिए उस स्थान पर हाथों से प्रेशर बना सकते हैं और पट्टी या कपड़ों की मदद से घाव के स्थान को बांध सकते हैं।
बिजली गिरना कितना खतरनाक हो सकता है ये तो आप समझ ही गए होंगे। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
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