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ज्यादा तनाव बन सकता है इमोशनल गैस्ट्रिटिस का कारण

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


shalu द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/06/2020

    ज्यादा तनाव बन सकता है इमोशनल गैस्ट्रिटिस का कारण

    इमोशनल  गैस्ट्रिटिस क्या है? (What isemotional gastritis )

    वैसे तो पेट के छोटे-मोटे दर्द पेट कि आम समस्या मानी जाती है, लेकिन अगर बात हो इमोशनल  गैस्ट्रिटिस की तो ये पेट की सबसे खराब समस्याओं में से एक है। वैसे तो पेट दर्द के तमाम कारण हैं लेकिन बावजूद इसके कुछ ऐसे कारण है जिनके बारें में बहुत कम लोग जानते हैं। कभी-कभी पेट दर्द का कारण इमोशनल या स्ट्रेस हो सकता  हैं। इमोशनल गैस्ट्रेटिस इसी का एक उदाहरण है। इस विकार में आपके शरीर में सूजन आ जाती है, यह आपके लिए कई प्रकार के लक्षणों और असुविधाओं का कारण बनता है। पेट की अन्य समस्याओं और इस विकार में यह अंतर है कि यह बैक्टीरिया के कारण नहीं होता है, बल्कि इमोशनल गैस्ट्रिटिस का मुख्य कारण तनाव और चिंता में रहना होता है। इस आर्टिकल में हम आपको इमोशनल गैस्ट्रिटिस का कारण, लक्षण, जांच और इलाज के बारें में बताएंगे।

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    इमोशनल  गैस्ट्रिटिस के लक्षण

    किसी प्रकार के तनाव के कारण होने वाला इमोशनल गैस्ट्रेटिस के मुख्य लक्षण में आपके पेट में दर्द और कई प्रकार कि असुविधा बना रहता है, इसके कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं।

    पेट दर्द

    इमोशनल गैस्ट्रेटिस के सबसे प्रमुख लक्षण पेट दर्द है,जब आप सबसे अधिक तनाव में होते हैं तो यह अधिक गंभीर हो सकता है। जो लोग इमोशनल गैस्ट्रेटिस से गुजर चुके हैं वे इसे पेट के अल्सर द्वारा उत्पन्न दर्द के समान बताते हैं। इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है क्योंकि दोनों ही मामलों में, समस्या का स्रोत गैस्ट्रिक म्यूकोसा में सूजन होता है।

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    सिरदर्द और अस्वस्थता

    इमोशनल गैस्ट्रेटिस के कारण आपको लंबे समय के लिए सिरदर्द बना रह सकता है।

    भूख कम लगना

    जो लोग इमोशनल गैस्ट्रेटिस की स्थिति से पीड़ित होते हैं, ऐसे में आपको भूख बहुत कम लगती है। इससे जो लोग प्रभावित होते हैं उनके प्रतिदिन के भोजन में कमी आती है जो उनके रिकवरी में बाधा बन सकता है। 

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    भारीपन महसूस होना

    यदि आपका भोजन समय पर डाइजेस्ट नहीं हो पाता है जिस कारण आपको भारीपन महसूस हो सकता है इससे आपकी पाचन क्रिया खराब हो सकती है।

    पेट की गैस

    इमोशनल गैस्ट्रेटिस वाले लोगों को गैस की समस्या अत्यधिक परेशान करती है, यह हमारे पाचन तंत्र में जलन पैदा करता है।

    मतली 

    जब भोजन पर्याप्त रूप से प्रक्रिया नहीं कर पाता है, तो वो मतली का कारण बनने लगता है।  

    नोट: आपको बता दें कि ये लक्षण किसी भी समय प्रकट हो सकते हैं लेकिन तनाव या चिंता में ये तेज हो जाते हैं। इनमें से कुछ लक्षण अन्य प्रकार के गैस्ट्रेटिस में भी मौजूद हो सकते हैं और रोग के निदान को भ्रमित कर सकते हैं।

    इमोशनल गैस्ट्रेटिस के कारण

    जैसा कि हमने आपको बताया कि इमोशनल गैस्ट्रेटिस किसी बैक्टीरिया के कारण नहीं होता है। इमोशनल गैस्ट्रेटिस होने का मुख्य कारण तनाव,हताश और चिंता है। यदि आप इस प्रकार की चिंता से गुजर रहे हैं, तो आपको इमोशनल गैस्ट्रेटिस होने का जोखिम बढ़ जाता है। यदि इसका निदान शुरुआत में ही कराया जाए तो यह आसानी से ठीक किया जा सकता है। लेकिन यदि आप सही समय पर इसका निदान नहीं कराते हैं और लगातार आप किसी बड़े तनाव से जूझ रहें हैं तो ऐसे में आपको मनोवैज्ञानिक चिकित्सा द्वारा इलाज कराया जाना होगा। कुछ लोगों को व्यवहार ही तनाव पूर्ण होता है। ऐसे में उन लोगों में इमोशनल गैस्ट्रेटिस का खतरा बढ़ जाता है।

    इमोशनल गैस्ट्रेटिस का निदान

    यदि आपको आपके अंदर इमोशनल गैस्ट्रेटिस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आप इसके निदान के लिए आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। डॉक्टर आपका निदान करने के लिए एंडोस््कोपी का उपयोग करता है। निदान करने के बाद डॉक्टर आपको इमोशनल गैस्ट्रेटिस के उपचार का उचित सलाह देगा। 

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    इमोशनल गैस्ट्रेटिस का इलाज 

    एसिडिटी (गैस) की कुछ दवाएं इमोशनल गैस्ट्रेटिस से आराम दिलाने में आपकी मदद कर सकती है, जैसे कि ओमेप्राज़ोल या पैंटोप्राज़ोल,इमोशनल गैस्ट्रेटिस के उपचार के लिए उचित मानी जाती है।इस तरह के  गैस्ट्रेटिस का मुख्य कारण तनाव है। तो, इसे पूरी तरह से ठीक करने का एकमात्र तरीका नकारात्मक भावनाओं से निपटना ही है। इसके लिए, अलग-अलग उपचार उपयोगी हो सकते हैं, विश्राम तकनीकों के उपयोग से लेकर मनोचिकित्सा तक का उपयोग किया जा सकता है। तो यदि आप इमोशनल गैस्ट्रेटिस से परेशान हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लेकर नीचे दी हुई दवाओं और अन्य उपायों का उपयोग कर सकते हैं। 

    -आपको बता दें इन दवाओं के निरंतर उपयोग की सिफारिश नहीं की जाती है, इसलिए इमोशनल गैस्ट्रेटिस का उपचार करने के लिए ध्यान, संतुलित आहार और नियमित शारीरिक गतिविधि कार्रवाई का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है।

    -इमोशनल गैस्ट्रेटिस के लिए एक घरेलू उपाय कैमोमाइल चाय है, जिसे इसके शांत प्रभाव को सक्रिय करने के लिए दिन में 2 से 3 बार लिया जाता है। कई और प्राकृतिक शांत हर्बल उपचारों में वेलेरियन, लैवेंडर और जुनून-फूल जैसे चाय शामिल किए गए हैं।

    इमोशनल गैस्ट्रेटिस के लिए आहार

    इमोशनल गैस्ट्रेटिस से ग्रसित लोगों को ऐसे आहार का पालन करना चाहिए, जो पचाने में आसान होते हैं। जिससे आपके शरीर और दिमाग को हल्का और शांत महसूस हो सके। जैसे उबला हुआ खाना या ग्रिल्ड मांस, मछली, उबली हुई सब्जियां और छिलके वाले फल। इस दौरान आपको बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने कि सलाह दी जाती है। 

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    इमोशनल गैस्ट्रेटिस में आपको कुछ भोज्य पदार्थं से बचना चाहिए,जो वसा में उच्च होते हैं और पेट में जलन पैदा करते हैं, जैसे कि लाल मांस, सॉसेज, बेकन, तले हुए खाद्य पदार्थ, चॉकलेट, कॉफी और काली मिर्च। 

    क्या इमोशनल गैस्ट्रेटिस कैंसर में बदल सकता है?

    कुछ लोगों का ये सवाल होता है कि क्या इमोशनल गैस्ट्रेटिस कभी आगे चलकर कैंसर का रुप ले सकता है.. तो आपको बता दें कि ऐसा नहीं है, इमोशनल गैस्ट्रेटिस बदलकर कैंसर का रुप नहीं लेता है। लेकिन यह सच है कि ये आपके जीवन पर बहुत प्रभाव डालता है।

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