सेप्सिस एक जानलेवा स्थिति होती है जो शरीर की सुरक्षा प्रणाली में खराबी आने के कारण उत्पन्न होती है। आमतौर पर शरीर संक्रमण से लड़ने के लिए खून में रसायन छोड़ता है। सेप्सिस तब उत्पन्न होता है जब शरीर में इन रसायनों की प्रतिक्रिया असंतुलित हो जाती है। इन बदलावों के कारण कई अंग क्षतिग्रस्त होने लगते हैं।
यदि सेप्सिस सेप्टिक शॉक में तब्दील हो जाता है तो ब्लड प्रेशर तेजी से गिरने लगता है जिसके कारण मृत्यु भी हो सकती है। कई बार ऐसा सुरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) के संक्रमण से अत्यधिक समय तक लड़ने पर भी हो सकता है। इस स्थिति को सेप्टीसीमिया भी कहा जाता है।
खून में अधिक मात्रा में निकले रसायनों के कारण सूजन काफी जगहों पर फैलने लगती है। सेप्सिस के दौरान खून के थक्के जमने से लिम्ब और अंदरूनी अंगों तक रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इसके कारण उन तक पोषक तत्व और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाते हैं। कुछ गंभीर मामलों में एक या उससे अधिक अंग काम करना बंद कर देते हैं।
बेहद खराब मामलों में सेप्सिस की वजह से ब्लड प्रेशर इतना कम हो जाता है कि मृत्यु हो सकती है। डॉक्टर इसे सेप्टिक शॉक कहते हैं। यह एक दम से कई अंगों जैसे फेफड़े, गुर्दे और लिवर के फेल होने पर होता है। कुछ मामलों में यह बेहद घातक हो सकता है।
और पढ़ें: हेपेटाइटिस बी होने पर कब और क्यों करना पड़ जाता है लिवर ट्रांसप्लांट?
मैटरनल सेप्सिस क्या है? – What is maternal sepsis
मैटरनल सेप्सिस गर्भाशय का गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो आमतौर पर गर्भवती महिलाओं में पाया जाता है। यह ज्यादातर शिशु को जन्म देने से कुछ दिन पहले होता है। जन्म देने के बाद होने वाले संक्रमण को प्रासविक सेप्सिस (puerperal sepsis) कहते हैं।