दौरे, फिट्स या सीजर्स क्या है?
जब दिमाग में किसी तरह का इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस उत्पन्न होने लगता है तो उसके वजह से पैदा हुई स्थिति को दौरे, फिट्स या सीजर्स कहते हैं। इसकी वजह से आपके आपके व्यवहार, सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित होती है। अगर आप सीजर्स या दौरे के दो से ज्यादा झटके महसूस कर चुके हैं, तो उसे एपिलेप्सी या मिर्गी भी कहा जाता है।
दौरे या फिट्स अलग–अलग तरह के होते हैं। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि यह परेशानी शुरू किस वजह से हुई है। दौरे 30 सेकंड से लेकर 2 मिनट तक हो सकते है और कभी–कभी यह 5 मिनट तक का भी हो सकता है, जो काफी खतरनाक माना जाता है।
सीजर्स स्ट्रोक, सिर में चोट, इंफेक्शन जैसे मेनिन्जाइटिस या किसी अन्य बीमारी के बाद हो सकती है। कई बार इसके कारणों का पता भी नहीं चला पाता है। सीजर्स को दवा से भी कंट्रोल किया जाता है लेकिन, इसका असर आपकी डेली लाइफ पर भी पड़ता है। इनसब के बीच अच्छी बात यह है कि आप प्रोफेशनल एक्सपर्ट्स की मदद भी ले सकते हैं। इससे सिजर्स के साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है।
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दौरे, फिट्स या सीजर्स की बीमारी कितनी सामान्य है?
सिजर्स की परेशानी सामान्य है और यह किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है। सिजर्स के कारणों को समझकर इससे बचा जा सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से सम्पर्क करना जरूरी है।
निम्न लक्षण दौरे, फिट्स और सीजर्स कारण बन सकते हैं-
- अचानक डर लगना या चिंतित हो जाना।
- बीमार महसूस करना।
- चक्कर आना।
- देखने की क्षमता पर असर पड़ना।
- हाथ और पैर का ठीक से काम नहीं करना।
- शरीर में अकड़न होना।
- मुंह से झाग (फेन) आना।
- अचानक गिर जाना।
- स्वाद में अचानक बदलाव महसूस होना।
- दांत पीसना।
- जीभ काट लेना।
- आंखों का अचानक तेजी से घूमना।
- अजीब तरह की आवाज निकलना।
- मूड में अचानक बदलाव।
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दौरे, फिट्स या सीजर्स किन कारणों से होता है?
मस्तिष्क में जब जरूरत से ज्यादा इलेक्ट्रिकल डिस्टर्बेंस होने लगे, तो इससे उसका सूचना तंत्र प्रभावित होने लगता है। इसकी वजह से दिमाग शरीर के बाकी हिस्सों तक सूचना ठीक से नहीं पहुंचा पाता और दौरे की समस्या होने लगती है।
दौरे की बीमारी की वजह से ही मिर्गी की परेशानी शुरू होती है। लेकिन, ऐसा सभी के साथ नहीं होता है।
निम्नलिखित कारणों की वजह से दौरे, फिट्स या सीजर्स की परेशानी शुरू हो सकती है, जैसे:
- मेनिंजाइटिस की वजह से बुखार आना।
- नींद कम आना।
- शरीर में सोडियम की मात्रा कम होना।
- दर्द की दवाओं का सेवन अत्यधिक करना।
- दिमागी आघात की वजह ब्रेन में ब्लीडिंग होना।
- स्ट्रोक आना।
- ब्रेन ट्यूमर होना।
- एम्फेटामिनेस या कोकीन का सेवन करना।
- अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन करना।
यह सभी सामान्य कारण हो सकते हैं लेकिन, आपको अगर परेशानी महसूस होती है और आपके लक्षण अलग भी हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
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किन कारणों से बढ़ सकती है सीजर्स की समस्या?
इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं, जैसे:
- जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना।
- मस्तिष्क से जुड़ी परेशानी।
- ब्रेन में ब्लीडिंग होना।
- ब्रेन में ब्लड वेसेल्स का असामान्य होना।
- ब्रेन में किसी कारण चोट लगी हो।
- ब्रेन में ऑक्सिजन ठीक तक नहीं पहुंच पाता है।
- ब्रेन ट्यूमर होना।
- एब्सेसिस, मेनिंजाइटिस या इंसेफ्लाइटिस की वजह से ब्रेन में इंफेक्शन होना।
- आर्ट्रिस में ब्लॉकेज होने की वजह से स्ट्रोक आना।
- सेरिब्रल पाल्सी होना।
- हेड इन्जरी
- ब्लड रिलेशन में एपिलेप्सी होना या सिजर्स के वजह बुखार आना।
- अल्जाइमर की समस्या।
- ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर।
- बार–बार सिजर्स आना जिसे एपिलेप्टिकस भी कहा जाता है।
- कोकीन जैसे ड्रग्स का इस्तेमाल करना।
- सिर में हल्का–हल्का दर्द होना।
कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
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हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
निम्नलिखित कारण होने पर डॉक्टर से मिलना जरूरी है:
- अगर 5 मिनट से ज्यादा सीजर्स या दौरे आते हों।
- सीजर्स के बाद भी समझने में दिक्कत होना।
- सीजर्स के बाद सांस लेने में परेशानी होना।
- एक सीजर्स के बाद दूसरा भी तुरंत आना।
- तेज बुखार आना।
- प्रेग्नेंसी के दौरान।
- डायबिटीज होने पर।
सीजर्स होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर के सलाह अनुसार इलाज बीमारी से जल्दी छुटकारा दिलाने में मददगार हो सकता है।
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निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी भी मेडिकल एडवाइज का विकल्प नहीं है,ज्यादा जानकारी के अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
सीजर्स का निदान कैसे किया जाता है?
आपको लक्षणों और मेडिकल हिंस्ट्री देखके साथ आपकी हालात का निदान करने के लिए आपका डॉक्टर कई टेस्ट कर सकते हैं जैसे:
- न्यूरोलॉजिकल एक्जामिनेशन
- ब्लड टेस्ट
- इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (EEG)
- कंप्यूटराइज़्ड टोमोग्राफी (CT) स्कैन
- फ़ंक्शनल एमआरआई (MRI)
- पोजीट्रान एमिशन टोमोग्राफी (PET)
- सिंगल-फोटॉन-इमिजन-कंप्यूटराइज़्ड टोमोग्राफी (SPECT)
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सीजर्स का इलाज कैसे किया जाता है:
सीजर्स के इलाज का उपयोग दौरे को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।हालांकि इस हालत वाले हर व्यक्ति को इलाज करने की जरूरत नहीं होगी।
ड्रग थेरिपी
सीजर्स के इलाज के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं। दवा का चॉइस अक्सर रोगी के साइड इफेक्ट को सहन,और बीमारियों के साथ या उसके और दवा की डिलीवरी मेथड जैसे फैक्टर पर मुताबिक होता है।
सीजर्स हर तरह के होते हैं और काफी अलग होते हैं और खासतौर से दवाएं लगभग 70% मरीजों में दौरे को कंट्रोल कर सकती हैं।
हालांकि, सीजर्स की दवाओं के कुछ साइड इफेक्ट हैं,जो हम आपको नीचे बता रहे हैं:
- ड्राउज़ीनस(झपकी)
- एनर्जी की कमी
- उत्तेजना
- सिरदर्द
- बेकाबू हिलना डुलना(tremor)
- बालों का झड़ना या अनचाहे बालों का उगना
- सूजे हुए गम
- रैश
ब्रेन सर्जरी
सर्जरी आमतौर पर तब की जाती है जब टेस्ट से पता चलता है कि आपके दौरे आपके दिमाग के एक छोटे, अच्छी तरह से डेफिन्स जगह में जनरेटर होते हैं जो स्पीच,लेंग्वेज, मोटर फ़ंक्शन,विजन या आवाज जैसे महत्वपूर्ण काम साथ नहीं करता है। सर्जरी में, आपका डॉक्टर आपके दिमाग के हिस्से को हटा देता है जो कि दौरे का कारण बन रहा है
लेकिन अगर आपके दौरे आपके दिमाग़ के एक हिस्से में जनरेट होते हैं जिसे हटाया नहीं जा सकता है, तो आपका डॉक्टर एक अलग प्रकार की सर्जरी की रिकमेंड कर सकता है जिसमें सर्जन आपके दिमाग में कई कट्स करते हैं। ये कट्स आपके दिमाग के दूसरे हिस्सों में फैलने से रोकने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
हालांकि कई लोगों को सफल सर्जरी के बाद दौरे को रोकने में मदद करने के लिए कुछ दवा की जरूरत होती है,आप कम दवाएं लेने और अपनी खाना कम करने में कैपेबल हो सकते हैं।
कुछ मामलों में, सीजर्स के लिए सर्जरी आपकी सोच (Cognitive) एबिलिटी को परमानेंट रूप से बदलने जैसी कॉम्प्लिकेशन का कारण बन सकती है।
जीवनशैली और घरेलू उपाय
दौरे, फिट्स या सीजर्स से बचने के लिए जीवनशैली में करें ये बदलाव
निम्नलिखित टिप्स को अपनाकर सीजर्स की समस्या को कम किया जा सकता है:
- डॉक्टर द्वारा दी गई जानकारी अपनाएं। दवाओं का सेवन समय पर करें और अगर कोई परेशानी महसूस होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- आराम करें और 8 से 9 घंटे सोने की कोशिश करें। नींद नहीं आने की वजह से भी सीजर्स की समस्या हो सकती है।
- मेडिकल अलर्ट ब्रेस्लेट का इस्तेमाल करें।
- एक्टिव रहें और एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज के दौरान अगर बहुत ज्यादा थकावट महसूस हो तो ऐसी स्थिति में एक्सरसाइज न करें।
- तनाव से बचें।
- ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
- ऐसी चीजें करने की कोशिश न करें जिनसे आपको डर महसूस हो या आप ऐसे वक्त में किसी के साथ रहें।
- ड्राइविंग के दौरना सीट बेल्ट जरूर लगाएं या बाइक चलाने के दौरान हेलमेट जरूर पहनें।
- अगर आपके मन में इस बीमारी से जुड़ी किसी तरह के कोई सवाल हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
इस आर्टिकल में हमने आपको सीजर्स से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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