परिचय
स्लीप डेप्रिवेशन (Sleep Deprivation) क्या है?
स्लीप डेप्रिवेशन (Sleep Deprivation) यानी नींद की कमी तब होती है जब व्यक्ति जागने और सतर्क महसूस करने के लिए जरूरत से कम सोता है।
कितना सामान्य है स्लीप डेप्रिवेशन?
बड़े उम्रदराज वयस्कों में नींद की कमी का प्रभाव ज्यादा देखा जाता है। जबकि अन्य, विशेष रूप से बच्चे और युवा वयस्कों में स्लीप डेप्रिवेशन का खतरा कम होता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
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लक्षण
स्लीप डेप्रिवेशन के लक्षण क्या हैं?
स्लीप डेप्रिवेशन के सामान्य लक्षण हैंः
- बहुत ज्यादा उबासी आना
- थकान
- चिड़चिड़ापन महसूस करना
- उदास मन
- नई अवधारणाओं को सीखने में परेशानी होना
- चीजें भूलना
- ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ होना
- उत्तेजना की कमी
- भूख और कार्बोहाइड्रेट में वृद्धि
- सेक्स ड्राइव घटना
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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कारण
स्लीप डेप्रिवेशन के क्या कारण हैं?
- जानबूझकर न सोना या देरी से सोना
अधिकतर लोग अपनी आदतों के कारण या किसी काम की वजह से हर दिन देरी से सोते हैं और सुबह जल्दी उठ जाते हैं। जोकि स्लीप डेप्रिवेशन का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसकी समस्या टीनएजर और युवाओं में अधिक देखी जाती है।
कई कारणों, जैसे- शिफ्ट वर्क या पारिवारिक वजहों से भी नींद नहीं आती है।
- सोने और जागने के समय में लगातार बदलाव
बार-बार सोने और जागने के समय में बदलाव करने के कारण भी स्लीप डेप्रिवेशन की समस्या हो सकती है।
- स्वास्थ्य समस्याएं
नींद की कमी के अतिरिक्त कारणों में अवसाद, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, हार्मोन असंतुलन और पुरानी बीमारियों जैसी चिकित्सा समस्याएं भी शामिल हो सकती हैं।
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जोखिम
कैसी स्थितियां स्लीप डेप्रिवेशन के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
निम्न स्थितियां और आदतें स्लीप डेप्रिवेशन के जोखिम को बढ़ा सकती हैंः
- देर रात तक जागना
- नाइट शिफ्ट में काम करना
- सोशल जेट लेग का शिकार होना (हफ्ते के दिनों के मुकाबले छुट्टी के दिन बहुत देर तक सोना)
- सुबह जल्दी उठना और देर से सोना
अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
स्लीप डेप्रिवेशन का निदान कैसे किया जाता है?
नींद की समस्या की पहचान करने के लिए अपनी नींद का इतिहास रखें। प्रत्येक दिन इस बात का रिकॉर्ड रखें कि आप कितने बजे और कितने घंटे के लिए सोते हैं। आप अधिकतम कितने घंटे के लिए सो सकते हैं। रात में सोते समय आप कितनी बार जागते हैं और कितनी देर के लिए।
नींद के विशेषज्ञ आपकी नींद का एक ग्राफ तैयार करेंगे। जिसके आधार पर वो इसके कारण की पहचान करेंगे।
इसके अलावा डॉक्टर आपके शरीर के विभिन्न बिंदुओं पर इलेक्ट्रोड लगााते हैं। इस दौरान आपके मस्तिष्क और चेहरे पर इसे लगाते हैं। जिसे लगातार आपको रात भर सोना होगा। इस दौरान ये मॉनिटर आपकी नींद के दौरान सांस लेने की प्रक्रिया, खून के फ्लो, हृदय गति, मांसपेशियों की गतिविधियों और मस्तिष्क और आंखों की क्रियाओं को रिकॉर्ड करेगा।
कृपया अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से चर्चा करें।
स्लीप डेप्रिवेशन का इलाज कैसे होता है?
नींद की कमी या स्लीप डेप्रिवेशन का उपचार के जरिए आपको प्राकृतिक तौर पर पूर्ण रूप से नींज प्रदान की जाती है। जितनी देर और जितनी गहरी नींद में आप सोएंगे इसका उपचार उतना ही सफल होता है।
इसके उपचार के दौरान धीरे-धीरे आपके सोने के समय को बढ़ाया जाएगा। जिसे तब तक बढ़ाया जा सकता है जब तक आपको उचित नींद नहीं मिलती है। एक बार जब आप इस समस्या पर नियंत्रण कर लेते हैं, तो जरूरत के अनुसार आप इसके घंटों में कमी भी ला सकते हैं। इसके लिए दवाओं का भी सहारा लिया जा सकता है।
अगर इलाज के दौरान भी नींद की कमी की समस्या बनी रहती है, तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को बताएं।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव, जो मुझे स्लीप डेप्रिवेशन को रोकने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको स्लीप डेप्रिवेशन से बचने में मदद कर सकते हैं:
- थकने पर आराम करें
- हर दिन सोने और जागने का एक निश्चित समय तय करें और उसे फॉलो करें
- सोने से 2-3 घंटे पहले रात का खाना खा लें
- अगर लेटने के 20 मिनट बाद भी नींद नहीं आती है, तो कोई किताब पढ़ें जब तक आपको नींद नहीं आती है
- नियमति तौर पर एक्सरसाइज करें
- सोने के कमरे को शांत, साफ-सुथरा और आरामदायक टेंपरेचर पर बनाए रखें
- सोने के दौरान लाइट्स बंद कर दें।
- सोने से पहले ज्यादा खाना न खाएं।
- दिन में पानी ज्यादा पिएं और रात में फल और सब्जी ज्यादा खाएं।
- बेडरूम को साफ रखें।
- तकिए का चयन ध्यान से करें। ऐसे तकिए का इस्तेमाल न करें, जिससे गर्मी अधिक लगे और सिर को आराम न मिले।
- सोने से पहले चेहरे को अच्छी तरह साफ करें और फिर मॉश्चराइजर लगाएं।
- नशीले पदार्थों के सेवन से बचें।
- सोने से पहले बालों ढीला बांधें।
इस आर्टिकल में हमने आपको स्लीप डेप्रिवेशन से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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