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महिलाओं में सेक्स हॉर्मोन्स कौन से हैं, यह मासिक धर्म, गर्भावस्था और अन्य कार्यों को कैसे प्रभावित करते हैं?

महिलाओं में सेक्स हॉर्मोन्स कौन से हैं, यह मासिक धर्म, गर्भावस्था और अन्य कार्यों को कैसे प्रभावित करते हैं?

हॉर्मोन्स हमारे शरीर के केमिकल मैसेंजर्स हैं। यह हमारे शरीर के कई कार्यों को प्रभावित करते हैं जिनमें हमारे शरीर की ग्रोथ और विकास भी शामिल है। ऐसे ही सेक्स हार्मोन स्टेरॉयड हार्मोन हैं, जो मुख्य रूप से वृषण(टेस्टिकल) या अंडाशय(ओवेरी) द्वारा बनाए जाते हैं। सेक्स हार्मोन प्रजनन कार्यों और यौन विकास को नियंत्रित करते हैं। एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन महिलाओं के मुख्य सेक्स हार्मोन (Sex hormones) हैं और एण्ड्रोजन पुरुष सेक्स हार्मोन हैं।

महिला सेक्स हार्मोन्स (Sex hormones) के प्रकार

एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन वो हार्मोन हैं जो महिलाओं की यौन इच्छाओं और कार्यों को प्रभावित करते हैं। टेस्टोस्टेरोन महिलाओं की यौन इच्छाओं पर सबसे अधिक असर डालते हैं। लेकिन इसे पुरुषों का हार्मोन भी कहा जाता है। ऐसे ही एस्ट्रोजन भी महिला और पुरुषों दोनों में होता है। हालांकि, दोनों में इनकी मात्रा अलग होती है। जानिए महिलाओं के सेक्स हार्मोन (Sex hormones) के बारे में और यह किस तरह से हमारे शरीर के कार्यों को प्रभावित करते हैं।

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एस्ट्रोजन

एस्ट्रोजन महिलाओं में पाया जाने वाला एक मुख्य हार्मोन है। जो यौन और प्रजनन ग्रोथ के लिए जिम्मेदार है। एस्ट्रोजन का निर्माण अंडाशय, एड्रेनल ग्लैंड्स, और फैट टिश्यू द्वारा किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान, गर्भनाल एस्ट्रोजन का उत्पादन करती है। जिसके कारण ब्रेस्ट में दूध उत्पादन होता है और गर्भावस्था भी ठीक रहती है। एस्ट्रोजेन की पुरुषों की यौन क्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसमें कामेच्छा, इरेक्टाइल फंक्शन और शुक्राणुजनन में सुधार शामिल हैं। लेकिन अगर पुरुषों में यह हार्मोन अधिक मात्रा में बनते हैं तो पुरुषों में महिलाओं के कुछ गुण आने की समस्या हो सकती है।

प्रोजेस्टेरोन

प्रोजेस्टेरोन को प्रेग्नेंसी हार्मोन भी कहा जाता है। यह फीमेल सेक्स हार्मोन (Sex hormones) है जो प्राकृतिक रूप से महिलाओं के शरीर में पाए जाते हैं। इस हार्मोन का गर्भावस्था से पहले और इस दौरान बहुत खास महत्व है। इसे हार्मोन सप्लीमेंट के रूप में भी लिया जा सकता है। यह हार्मोन इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) और अन्य असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) प्रक्रियाओं में भी जरूरी है। कई बार अन्य समस्याओं में भी प्रोजेस्टेरोन के सप्लीमेंट का प्रयोग किया जाता है। जैसे अंडाशय से बहुत कम या प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन न होना या फॉलिकल्स का अच्छे से विकसित न होना। इन समस्याओं के कारण महिलाओं के गर्भाशय की लाइनिंग के विकसित होने के लिए पर्याप्त प्रोजेस्टेरोन का स्राव नहीं हो पाता। यानी अगर कोई महिला गर्भवती होना चाहती है तो उसे इस हार्मोन की जरूरत पड़ती है।

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टेस्टोस्टेरोन

टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के हार्मोन्स से संबंध रखता है। लेकिन, महिलाओं में भी यह हार्मोन होता है। महिलाओं की ओवेरी में टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन दोनों होते हैं। हालांकि ओवरी और एड्रेनल ग्लैंड द्वारा ब्लडस्ट्रीम में कम मात्रा में टेस्टोस्टेरोन रिलीज किया जाता है। अंडाशय के साथ ही एस्ट्रोजन का उत्पादन शरीर के फैट टिश्यूस द्वारा भी किया जाता है। ये सेक्स हार्मोन (Sex hormones) यौन इच्छाओं, मासिक धर्म को सुचारु रूप से चलाने और हड्डियों व मसल्स की मजबूती के लिए लाभदायक है।

और पढ़ें: Progesterone : प्रोजेस्टेरोन क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां

फीमेल सेक्स हार्मोन्स (Sex hormones) में बदलाव कैसे आता है?

फीमेल सेक्स हार्मोन शरीर के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन, जब बचपन से हम यौवन में प्रवेश करते हैं तो इन हार्मोन्स में गजब का परिवर्तन आता है। अगर महिला गर्भवती है, प्रसव या स्तनपान के दौरान भी इनमें बहुत अधिक बदलाव होते हैं। यही नहीं, रजोनिवृत्ति तक इन हार्मोन्स में बदलाव आता है यह बदलाव पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। जानिए, किन कारणों से महिला के हार्मोन में बदलाव आता है।

मासिक धर्म साइकिल

मासिक धर्म साइकिल के दौरान लगातार हमारे सेक्स हार्मोन (Sex hormones) में परिवर्तन आता है। ओव्यूलेशन से पहले और आसपास कामेच्छा अधिक होना और मासिक धर्म के दौरान इनका कम होना बहुत सामान्य है। कामेच्छा का सबसे कम स्तर अक्सर मासिक धर्म से पहले होता है। पोस्टमेनोपॉज़ महिलाओं और हार्मोनल जन्म नियंत्रण विधियों का उपयोग करने वाली कई महिलाओं में यौन इच्छा में कम भिन्नता होती है।

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बर्थ कंट्रोल के तरीकों के कारण 

कुछ बर्थ कंट्रोल के तरीके जिनमें पिल, पैच या इंजेक्टेबल कंट्रासेप्टिव आदि शामिल है, वो भी सेक्स हार्मोन (Sex hormones) को प्रभावित कर सकते हैं। जिससे यौन इच्छाओं और कार्यों पर असर पड़ता है। कुछ महिलाओं में यह इच्छा अधिक होती है, जबकि कई महिलाएं कम इच्छा का अनुभव करती हैं।  हार्मोन्स में परिवर्तन के कारण महिलाओं को सेक्स में भी समस्या होती है। वो योनि में सूखापन या सेक्स संबंधी अन्य समस्याओं का अनुभव करती हैं।

गर्भावस्था

गर्भावस्था में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर अधिक होता है। इससे प्रजनन अंगों तक ब्लड फ्लो बढ़ता है। गर्भावस्था के हार्मोन्स में बदलाव के कारण शारीरिक और मनोवैज्ञानिक बदलाव भी आते हैं। इससे कामेच्छा बढ़ या कम हो सकती है।

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स्तनपान

स्तनपान के कारण शिशु के जन्म के बाद महीनों तक ओवुलेशन में समस्या आ सकती है। इसका कारण है हार्मोन प्रोलैक्टिन का बढ़ना और एस्ट्रोजेन का कम होना। स्तनपान के दौरान भी अधिकतर महिलाओं को यौन इच्छाओं में कमी रहती है। कुछ महिलाओं को कोई कामेच्छा नहीं होती। यह सामान्य बात है; यौन इच्छा आम तौर पर तब होती है जब बच्चा दूध पीना छोड़ देता है या कम स्तनपान करता है।

पेरिमेनोपॉज /मेनोपॉज

मेनोपॉज के समय या इससे कुछ समय पहले एस्ट्रोजन का लेवल बहुत अधिक होता है और इस समय प्रोजेस्टेरोन के स्तर में गिरावट आती है। मेनोपॉज के बाद जब पीरियड को रुके हुए एक साल से अधिक समय हो गया हो, तो प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन दोनों निम्न स्तर पर स्थिर होते हैं। इन दौरान महिलाएं यौन इच्छाओं में कमी महसूस कर सकती हैं। कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे योनि में रूखापन। हालांकि लुब्रीकेंट इसमें मददगार साबित हो सकता है। इसके साथ ही आप एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के सप्लीमेंट, पिल या पैच लिया जा सकते हैं। ताकि सेक्स हार्मोन का स्तर सही रहे और आपको सेक्स संबंधी कोई समस्या न हो।

ड्रेनल या ओवरी को निकाल देना

ड्रेनल या ओवरी की सर्जरी के बाद यौन इच्छाओं में कमी होती है। इसके साथ ही ओर्गास्म की आवृत्ति में भी कमी आ सकती है। ऐसा टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण होता है।

और पढ़ें: हार्मोनल ग्लैंड के फंक्शन में है प्रॉबल्म, एंडोक्राइन डिसऑर्डर का हो सकता है खतरा

महिलाओं में हार्मोन्स असंतुलन के लक्षण इस प्रकार हैं

अगर महिलाओं में हार्मोन्स संतुलित न हों तो उससे उन्हें कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। यह समस्याएं कुछ इस प्रकार हैं:

आप हार्मोन्स के लक्षणों के बारे में जान लें और अगर कभी आप इन हार्मोन्स के असंतुलन को अनुभव करें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और सही उपचार कराएं।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Female Sex Hormones. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4590939/.Accessed on 29.07.20

Hormones That Affect Sexual Desire. https://www.ourbodiesourselves.org/book-excerpts/health-article/hormones-affecting-sexual-desire/.Accessed on 29.07.20

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Changes in Hormone Levels.https://www.menopause.org/for-women/sexual-health-menopause-online/changes-at-midlife/changes-in-hormone-levels.Accessed on 29.07.20

PROGESTERONE AND PREGNANCY: A VITAL CONNECTION. https://resolve.org/infertility-101/the-female-body/progesterone-pregnancy-vital-connection/

Hormonal Imbalance in Women. https://flo.health/menstrual-cycle/health/symptoms-and-diseases/hormonal-imbalance-in-women.Accessed on 29.07.20

Current Version

12/12/2023

Anu sharma द्वारा लिखित

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ

Updated by: Alwyn


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के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड

डॉ. पूजा दाफळ

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Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 12/12/2023

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