कब्ज, पेट फूलना या गैस बनना, आम जिंदगी की सामान्य समस्या है। जिन्हें कब्ज की समस्या होती है, उनकी अधिकतर सुबह स्ट्रेस से भरी होती है। अगर देखा जाए, तो कब्ज या गैस बनना भले ही एक कॉमन प्रॉब्लम हो, लेकिन आपके लिए पूरे दिन परेशानी की वजह बन सकती है। कब्ज के अलावा लोगों में और पेट की और भी बहुत सी समस्याएं होती हैं, जैसे कि पेट में दर्द या एसिडिटी की प्रॉब्लम। कई लोगों में तनाव और चिड़चिड़ेपन का सबसे बड़ा कारण ही कब्ज या अन्य पेट की समस्याएं होती हैं। जाहिर सी बात है कि अगर शरीर के किसी हिस्से में दिक्कत हो, तो चैन की सांस कहां मिलेगी। वैसे भी पेट की परेशानी को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह कब आपके लिए किसी बड़ी बीमारी का कारण बन जाए, ये नहीं कहा जा सकता है। वैसे तो कॉन्स्टिपेशन या एसिडिटी के इलाज के लिए अक्सर लोग अंग्रेजी दवाइयां, आयुर्वेदिक दवाइयां और कई तरह के घरेलू उपायों को अपनाते हैं। लेकिन दवाइयों के अलावा आपको इस समस्या का परमानेंट समाधान करने वाले योगासनों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। इसके लिए पेट की शिकायत को दूर करने वाले कुछ योगासनों करें। जानें पेट की समस्या के लिए योगासन के बारे में-
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पेट की समस्या होने के कारण
पेट की समस्या का उपाय जानने से पहले जरूरी है कि हम सबसे पहले उसके कारणों के बारे में जानें। पेट में दर्द और भारीपन महसूस होना, पेट में गैस बनना, मलत्याग के दौरान दिक्कत महसूस होना, बदहजमी और जी मिचलाना ये सब पेट की समस्याओं के कारण होता है। ऐसा तब होता है, जब आपको कब्ज, गैस की प्रॉब्लम या एसिडिटी की प्रॉब्लम होती है। पेट की समस्या के बहुत सारे कारण हाे सकते हैं, जिनमें शामिल हैं-
- अधिक जंक फूड का सेवन करना
- समय पर खाना न खाना, यानि कि काफी देर तक भूखा रहना और फिर अचानक से भूख लगने पर ओवर ईटिंग करना।
- ज्यादा ऑयली फूड का सेवन
- खाने में हरी पत्तदेार सब्जियों और फल की कमी
- भरपूर नींद न लेना
- कुछ खास दवाओं का सेवन करना
- पानी कम पीना
- मैदे से बने बेकरी फूड का सेवना करना
- अधिक मिर्च-मसालेदार भोजन खाना
- अधिक मात्रा में चाय और काफी का सेवन करना
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पेट की समस्या में योग कैसे मदद करता है? (How Yoga Can Help In Constipation?)
अब आप यही सोच रहे होंगे कि कब्ज और योग में क्या संबंध है। तो हम बता दें कि आयुर्वेद में भी कई बड़ी बीमारियों सहित कब्ज तक के इलाज और अन्य पेट की समस्याओं के उपचार के लिए योग को सबसे प्रभावकारी इलाज माना गया है। योग कब्ज की समस्या को दो तरह से कम कर सकता है। पहला, तनाव को कम करता, जो कब्ज का भी कारण होता है और दूसरा, यह पाचन तंत्र काे सुधारता है।
योग तनाव (Stress) को कम करता है
कब्ज और तनाव का बहुत गहरा संबंध है। अगर आप अधिक तनाव लेते हैं, तो इसका असर आपके पाचन तंत्र पर भी पड़ेगा। इसीलिए कई लोगों में तनाव लेते ही कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है। तो ऐसे में योग करना, मन और दिमाग दोनो को ही शांत करता है। फिर धीरे-धीर आपकी यह समस्या भी कम होने लगेगी। इसलिए अगर आप कब्ज की समस्या में राहत पाना चाहते हैं, तो आपको योग को अपने दिनचर्या में शामिल करना होगा।
योग पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है
योग हमारे शरीर में पाचन तंत्र सहित सभी अंगों को मजबूत बनाने का काम करता है। शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाता है। आयुर्वेद में यह भी कहा जाता है कि योग हमारे पाचन तंत्र में मालिश का काम करता है। रक्तसंचार को भी बढ़ाता है। इससे आपके पेरिस्टलसिस की प्रक्रिया सही होती है और मल आसानी से पास होता है। फिर धीरे-धीरे कब्ज की समस्या खत्म होती है।
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कब्ज की समस्या के लिए योगासन (Yoga Poses For Constipation )
पेट और कब्ज की समस्या के लिए भी कुछ योगासन हैं, जिन्हें नियमित रूप से करना चाहिए, जैसे कि-
1. सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supine Spinal Twist Pose)
कब्ज को दूर करने के लिए सुप्त मत्स्येन्द्रासन रोज करना आपके पेट के लिए लाभदायक है। यह एक रेस्टोरेटिव योगासन है और पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है। इस योगासन को करने के लिए ये विधि अपनाएं-
- कब्ज के इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर लेट जाएं।
- अब अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए ऊपर की ओर उठाएं।
- अब अपने दाएं पैर को बाएं तरफ के घुटने पर टिका लें।
- इसके बाद दोनों हाथों को कंधे की तरफ फैला लें।
- अब सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए अपने दायें कूल्हे को उठाएं और पीठ के बाएं तरफ ले जाएं।
- अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें और दायें घुटने को नीचे की तरफ।
- ध्यान रखें कि आपका पोज ऐसा हो कि आपका दाया घुटना शरीर के बाएं तरफ हो।
- सिर को दाएं तरफ घुमाएं। ऐसा 30 से 40 सेकेंड तक करें। आपको ये योगासन काफी आराम देंगे।
2- मत्स्यासन ट्विस्ट (Matsyasana Twist)
ये योगासन भी पेट के लिए काफी फायदेमंद है। इससे कब्ज सहित और भी पेट की कई बीमारियों में आराम मिलता है, जानें इसकी विधि
- इस योगासन को करने के लिए एक मैट पर बैठने की मुद्रा पर बैठ जाएं।
- अपने बाएं पैर को मोड़ें और अपने बाएं पैर को अपने दाहिने घुटने के ऊपर से होते हुए जमीन पर रखें।
- अब अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और अपने दाहिने पैर को अपने बट के पास लाकर रखें।
- अपने दाहिने कोहनी को अपने बाएं घुटने के पास रखें और अपने शरीर को मोड़ें, अपने बाएं कंधे की ओर देखें। धीरे-धीरे सांस लेते हुए छोड़ें।
- ऐसा 30 से 40 सैकेंड तक करें।
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3- भुजंगासन (Cobra Pose)
भुजंगासन योगासन भी पेट सहित और भी कई बीमारियाें को ठीक करने में प्रभावकारी है। इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है, जानें इसे करने के स्टेप्स-
- इस करने के लिए मैट पर सीधे लेट जाएं।
- अब अपनी हथेलियों को जांघ के पास जमीन पर रखें। ध्यान रखें की टंखने एक-दूसरे को टच करें।
- अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर लेकर जाएं और हथेलियों को जमीन की ओर।
- सांस को अंदर खींचते हुए शरीर का वजन अपने हथेली पर डालें।
- सिर को अपने पीठ की तरफ ले जाएं और अपनी हाथों की कोहनी को मोड़कर रखें।
- ध्यान रखें कि आपका सिर पीछे की तरफ हो और सीना आगे की तरफ निकला हुआ हो।
- हिप्स, जांघों और पैरों पर प्रेशर डालने की कोशिश करें। ऐसा 10 सेकेंड तक करें और सांस बिल्कुल नॉर्मल रखें।
- इस पोजिशन में आपका पेट जमीन की तरफ दवा रहेगा।
- अब धीरे-धीरे अपने हाथों को वापस साइड पर लेकर आएं।
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4- बालासन (Child Pose)
पाचन से जुड़ी हर समस्या का समाधान के लिए बालासन काफी प्रभावकारी है। इस आसन से पाचनतंत्र मजबूत होता है और पीठ की परेशानी भी दूर होती है।
- इसके लिए योगा मेंट ग मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- एड़ियों के पास दोनों टखनों को टच करें।
- अब सांस को अंदर की तरफ खींचते हुए आगे झुकें।
- अब सांस छोड़ते हुए पेट को दोनों जांघ के बीच जाएं।
- कूल्हे को मोड़ते हुए नाभि की तरफ स्ट्रेच करने की कोशिश करें।
- इनर थाइज पर स्थिर हो जाएं।
- अपने गर्दन को थोड़ा पीछे की तरफ मोड़ने की कोशिश करें।
- अपने हाथाें और पैरों को सामने की तरफ स्ट्रेट रखें।
- इसके बाद दोनों कंधों से फर्श को छुने की कोशिश करें।
- आपके कंधे का खिचाव, शोल्डर में भी महसूस होना चाहिए।
- गहरी सांस अंदर की तरफ लेते हुए बाहर की तरफ छोड़ें।
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वज्रासन
यह एक बहुत ही सरल आसन है जिसका अभ्यास लंच या डिनर के बाद किया जा सकता है। वज्रासन को “हीरा मुद्रा’ भी कहा जाता है जो ध्यान और सांस लेने के व्यायाम का एक अद्भुत तरीका है। आप हाइपरसिडिटी के लिए इस योग को आजमा सकते हैं।
- इसे करने के लिए योग मैट पर बैठ जाएं। अपने घुटनों को मोड़ें और अपने नितंबों के बल पर बैठें।
- अपनी आंखें बंद करें और सुनिश्चित करें कि आपकी रीढ़ सीधी रहे।
- इसके बाद अपनी बाईं हथेली को बाएं घुटने पर और दाहिनी हथेली को दाहिने घुटने पर रखें।
- अब धीरे-धीरे सांस लें, फिर सांस छोड़ें।
- जब आप सांस छोड़ते हैं, तो अपने विकारों और समस्याओं को धीरे-धीरे अपनी नाक के माध्यम से बाहर निकलने की कल्पना करें।
- 5 मिनट के लिए इस स्थिति में रहें, फिर आराम करें। आप अपना समय 15 मिनट तक भी बढ़ा सकते हैं।
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पेट में गैस की समस्या के लिए योगासन (Yoga Poses For Bloating)
दर्द होना, अत्यधिक गैस बनना (पेट फूलना), बार-बार दबना या मरोड़ उठना, पेट में गड़गड़ाहट होना और दुर्गंध युक्त हवा निकलना आदि गैस के लक्षण हैं। पेट में गैस की समस्या तब होती है जब गैस पास नहीं हो पाती है। तो इस तरह की समस्या होने पर कुछ योगासन काफी प्रभावकारी माने जाते हैं।
1- पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana )
अगर आपको गैस अधिक बनती है, तो आप पवनमुक्तासन रोज करना चाहिए। यह आसन पेट और गैस की समसया दोनों के लिए प्रभावकारी है। जानें इसे करेन की विधि इससे आपको काफी आराम होगा, जानें इसे कैसे करें-
- इसे करने के लिए मैट पर सीधे लेट जाएं।
- अब अपने बाएं घुटने को फोल्ड करते हुए अपने पेट के पास लेकर जाएं।
- अब सांस को छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में कनैक्ट करें।
- अपनी उंगलियों को घुटने के बीच में रखें और बाएं घुटने से सीने को छूने की कोशिश करें।
- ऐसा 20 सेकेंड तक करें।
- अब इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी करें।
2- अर्ध भेकासना (Ardha Bhekasana)
यह योगासन गैस की समस्या के अलावा पेट की कई और भी बीमारी के लिए प्रभावकारी है। इसे नियमित करनें से आपका पाचन तंत्र मजबूत होगा और फूड डायजेशन में भी आसानी होगी।
- इस आसन को करने के लिए मैट पर पेट के बल सीधा लेटें।
- अब धीरे-धीर सिर और अपर बॉडी को ऊपर की ओर उठाते हुए फोरआर्म से टच करें।
- अब अपने दाएं घुटने को धीरे-धीरे कर के मोड़ें और अपने अपने हाथों से बाएं पैर को पुश करते हुए हिप तक लेकर लेकर जाएं।
- अपनी कोल्हनी को ऊपर की तरफ उठाएं।
- अब इसके बाद अपने हाथों को पैरों के ऊपर रखकर सीने को उपर की तरफ उठाएं।
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3- पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
पश्चिमोत्तानासन पेट में गैस होने की समस्या में रामबाण की तरह काम करता है। इसे नियमित रूप से करने से मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है। जानें इसे करने की विधि-
- इस योगासन को करने के लिए आप योगा मैट पर स्ट्रेट पोजिशन पर बैठ जाएं। अपने दोनों परों चिपका कर रखें। ज्यादा गैपिंग न हो।
- अपने बैक, सिर और गर्दन को भी बिल्कुल स्ट्रेट रखें।
- इसके बाद दोनों हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें।
- अपने सिर और बॉडी को आगे की तरफ झुकाएं।
- गहरी सांस लेते और छाेड़ते हुए अपने घुटने को बिना मोड़े हुए, हाथों की अंगुलियों से पैरों की अंगुली छुने की कोशिश करें।
- सिर को भी घुटने से टच कराने की कोशिश करें।
- इसी के साथ अपने काेहनी से जमीन को टच करने की कोशिश करें। सांस को छोड़ते हुए इसी पोजिशन पर बैठें।
- कुछ सेकेंड कर के फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
एसिडिटी की समस्या के लिए योगासन (Yoga Poses For Acidity)
एसिडिटी की प्राब्लम आजकल अधिकतर लोगों को होने लगी है। अधिकतर लोगों में इस समस्या का सबसे बड़ा कारण उनकी बिगड़ती जीवनशैली, जैसे कि समय पर खाना न खाना, एक्सरसाइज न करना और तनाव लेना आदि। अगर आपको इस समस्या से बचना है, तो अपने खानपान में बदलाव के साथ नियमित रूप से व्यायाम करें। जिसमें आप एसिडिटी से बचने के लिए इस तरह के योगासन को भी अपना सकते हैं, जानें यहां-
1- उष्ट्रासन
उष्ट्रासन पेट के अलावा और भी कई शरीरिक समस्याओं के लिए फायदेमंद है। यह पीठ की समस्या को भी ठीक रक्त परिसंचरण और तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत अच्छा है।
- अपने घुटनों के बल पर बैठें और खुद को पीछे की ओर झुकाएं।
- अब अपनी दाईं एड़ी या टखने को अपने दाहिने हाथ से और बाईं एड़ी या टखने को बाएं हाथ से पकड़ें।
- अपने सिर और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं और अपनी कमर को थोड़ा सा आगे की ओर धकेलें।
- आसन में 6-10 सेकंड के बाद, आपकी सांस वापस सामान्य हो जाएगी।
- कुछ सेकंड के बाद पहली स्थिति में लौटें। अपने हाथों को एड़ी से दूर ले जाएं।
- कुछ और समय के लिए एक ही प्रक्रिया को दोहराएं।
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2- वज्रासन
अगर आपको ऐसिडिटी की समस्या है, तो यह आपके लिए बहुत ही सरल आसन है, जिससे आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। इस योगासन को खाने के बाद भी किया जा सकता है।
इसे करने के लिए आप पहले योगा मैट पर लेट जाएं। फिर अपने घुटनों को मोड़ें और अपने नितंबों पर बैठें।
- अपनी आंखों को बंद करें और सुनिश्चित करें कि आपकी रीढ़ सीधी पोजिशन में हो।
- अपनी बाईं हथेली को बाएं घुटने पर और दाहिनी हथेली को दाहिने घुटने पर रखें।
- अब धीरे-धीरे सांस लें और फिर सांस छोड़ें।
- आप 5 मिनट के लिए इसी स्थिति में ही रहें, फिर आराम करें। फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाते हुए इसे 15 मिनट तक के लिए करें।
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3- अनुलोम विलोम
यह प्राणायाम शरीर और मन को शांत करने के लिए बहुत प्रभावी है। यह अभ्यास हमेशा सुबह खाली पेट करना चाहिए। इससे शरीर में एनर्जी लेवल भी अच्छा बना रहता है। यह योगासन एसिडिटी के अलावा अन्य पेट की समस्याओं को भी दूर करता है।
- इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं। इसे आप कहीं भी आराम से कर सकते हैं।
- इसे करने के लिए आप अपने दाहिने अंगूठे से दाएं नाक को बंद करें और बाएं नाक से सांस लें।
- अब अपने हाथों की मध्यम अंगुली से बाएं नाक को बंद करें और दाहिने नाक से सांस लेते हुए बाएं नाक से छोड़ें।
- गहरी सांस के साथ इस प्रक्रिया को दाएं और बाएं नाक से दोहराते जाएं।
- इस व्यायाम को आप 5 से 10 मिनट रोज करें।
- इस योगासन से आपका पाचन और फेफड़ा दोनों मजबूत होगा।
यह सभी योगासन आपके पेट के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छे हैं और कब्ज की शिकायत को भी दूर करते हैं। अगर आपको भी कब्ज सहित अन्य पाचन संबंधी समस्या है, तो इसे नियमित रूप से करें। लेकिन आपकी पहले पेट की या अन्य कोई सर्जरी हो रखी है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही ये योगासन करें।
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