खाना बनाते समय रेसिपी के हिसाब से सारे मसाले डालने के बाद भी अगर नमक की मात्रा में गड़बड़ हो जाए, तो डिश का स्वाद खराब हो जाता है। ऐसे में नमक किसी भी डिश के लिए एक महत्वपूर्ण सामग्री है। वहीं आज जब हम कुकरी बुक्स या इंटरनेट पर किसी डिश की रेसिपी सर्च करते हैं, तो कई बार वहां नमक की अलग-अलग वैरायटी के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। दुनिया भर में कोशर सॉल्ट (Kosher Salt) , कैनिंन सॉल्ट (Canning Salt) और सी सॉल्ट (Sea Salt) आज सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। वहीं भारतीय आज भी खाना पकाते समय इस ओर कम ध्यान देते हैं और पास में मौजूद किसी भी नमक का उपयोग स्वाद के हिसाब से कर लेते हैं। इसके पीछे उनका मानना होता है कि सभी नमक ही तो है, तो किसी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन असल में ऐसा नहीं है नमक की वैरायटी भी फूड की न्यूट्रिशन वैल्यू और स्वाद के लिए जिम्मेदार होती है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए नमक की वैराइटी (Variety of salt) के बारे में।
और पढ़े: ज्यादा नमक खाना दे सकता है आपको हार्ट अटैक
नमक की वैराइटी: कुकिंक के लिए सॉल्ट का इस्तेमाल
बेकिंग में आपको छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखना पड़ता है। ऐसे में आपको रेसिपी में बताए गई सॉल्ट की वैरायटी का ही इस्तेमाल करना चाहिए। एक्सपर्ट मानते हैं कि सॉल्ट के टेक्सचर अलग-अलग होते हैं। यह पता करना जरूरी है कि कितना कोशर सॉल्ट, टेबल सॉल्ट या सी सॉल्ट के बराबर होगा। ऐसी स्थिति में इन्हें तोलना ही एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
इसके अलावा कुकिंग के अन्य तरीकों जैसे कि सब्जियों या मीट को रोस्ट करना या किसी डिश की सीजनिंग के लिए कोशर सॉल्ट ही बेहतर है। यह खाने में जल्दी घुल जाता है। शिकागो कैंडल कलनरी स्कूल में शेफ इंस्ट्रक्टर जैक कैम्पबेल कहते हैं कि कोशर सॉल्ट के कण बड़े होते हैं, तो आप कुछ भी रोस्ट करते समय देख सकते हैं कि कहां नमक की मात्रा अधिक है और कहां कम।
कैम्बल बताते हैं कि टेबल सॉल्ट में मिले होने वाले मिनरल्स भी कुछ डिश का स्वाद खराब कर सकते हैं। वहीं कुछ रॉ मैटेरियल के लिहाज से आयोडीन नमक का इस्तेमाल (Use of iodized salt) करने से बचने की जरूरत होती है। इसको देखते हुए कैंबल कहते हैं कि कोशर सॉल्ट कुकिंग के लिए सबसे अच्छा विकल्प है।
और पढ़ें:कैसे बनाएं घर पर टेस्टी और हेल्दी गार्लिक सॉल्ट
क्या होता कोशर सॉल्ट (Kosher salt)
यह शीघ्र घुलने वाला सॉल्ट है, इसलिए रेस्टोरेंट में शेफ इस नमक को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। खासकर रोस्टेड आइटम्स में। इस नमक को बनाने में किसी भी प्रकार के केमिकल्स का प्रयोग नहीं किया जाता। यह बड़ी ही आसानी से मुंह में घुल जाता है। इसलिए यह स्वाद में एकदम परफेक्ट टेस्ट देता है। मांस-मछली को पकाते समय भी इसका उपयोग किया जाता है।
और पढ़ें: बढ़ते बच्चों को दें पूरा पोषण, दलिया से बनी इन स्वादिष्ट रेसिपीज के साथ
जानिए नमक की वैराइटी के बारे में (Know about the variety of salt)
नमक की वैराइटी: टेबल सॉल्ट (Table salt)
टेबल सॉल्ट में सोडियम की मात्रा अन्य नमकों के तुलना में सबसे अधिक होती है। टेबल सॉल्ट में आयोडीन की भी पर्याप्त मात्रा होती है। ऐसा माना जाता है कि यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। साथ ही अगर नमक का सही मात्रा में सेवन किया जाए, तो यह की स्वास्थ्य लाभ देता है। लेकिन, यदि नमक अधिक मात्रा में खाया जाए, तो यह हमारी हड्डियों पर बुरा असर डालता है। इससे हड्डियों कमजोर होने लगती हैं। आजकल के युवा कई तरह के हड्डी रोगों से जूझ रहे हैं। इसके लिए नमक का अधिक सेवन और फास्ट फूड की लत जिम्मेदार है।
नमक की वैराइटी: सेंधा नमक (Rock salt)
सेंधा नमक को रॉक सॉल्ट, व्रत का नमक और लाहोरी नमक के नाम से भी जाना जाता है। इस नमक को बिना रिफाईन किए तैयार किया जाता है। हालांकि, इसमें कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम की मात्रा सादे नमक की तुलना में अधिक होती है। जिन लोगों को हार्ट और किडनी सें संबंधित परेशानियां (Kidney problems) हैं, उनके लिए यह नमक बहुत फायदेमंद साबित होता है।
और पढ़ें: क्वाशियोरकर- प्रोटीन की कमी से होता है यह गंभीर कुपोषण
नमक की वैराइटी: काला नमक (Black salt)
काले नमक का खाना सभी के लिए फायदेमंद होता है। इसके सेवन से कब्ज, बदहजमी, पेट दर्द, चक्कर आना (Dizziness) , उल्टी आना और जी घबराने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। गर्मियों में डॉक्टर भी नींबू पानी या फिर छाछ के साथ काले नमक का सेवन करने की सलाह देते हैं। काला नमक यूं तो सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद है। लेकिन, इसमें फ्लोराइड भी मौजूद होता है इसलिए इसके अधिक सेवन से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
नमक की वैराइटी: लो-सोडियम सॉल्ट (Low sodium Salt)
लो-सोडियम सॉल्ट को पौटेशियम नमक भी कहा जाता है। हालांकि, सादा नमक की तरह इसमें भी सोडियम और पौटेशियम क्लोराइड होते हैं। जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या होती हैं, उन्हें लो सोडियम सॉल्ट का सेवन करना चाहिए। हार्ट और डायबिटीज के रोगियों के लिए भी यह नमक फायदेमंद हो सकता है।
नमक की वैराइटी: सी सॉल्ट (Sea salt)
यह नमक वाष्पीकरण के जरिए बनाया जाता है। यह भी सादा नमक की तरह नमकीन नहीं होता है। सी सॉल्ट के सेवन की सलाह पेट फूलने, तनाव, सूजन, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं के दौरान दी जाती है।
और पढ़ें: आयोडीन की कमी से हो सकती हैं कई स्वास्थ्य समस्याएं
ज्यादा नमक खाने से हो सकता है नुकसान!
जरूरत से ज्यादा नमक आपको बीमार भी कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि स्वाद के लिए नमक इस्तेमाल करते हुए आप उसकी वैरायटी और मात्रा का भी ख्याल रखें। जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन दिल की समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा ज्यादा नमक का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर की भी आशंका बनी रहती है। इस बात का भी ख्याल रखें कि अगर कभी खाने में नमक कम लगे, तो अलग से इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। ज्यादा नमक डिहाइड्रेशन (Dehydration) की समस्या का भी कारण बन सकता है। साथ ही शरीर में हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी पीने के साथ-साथ नमक की मात्रा का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। इसके अलावा डायट में जरूरत से ज्यादा नमक शरीर के अंगों में सूजन भी बढ़ा सकता है। शरीर में जरूरत से ज्यादा नमक जाने से पानी भी जमा होने लगता है। इस स्थिति को वॉटर रिटेंशन या फ्लूड रिटेंशन कहा जाता है। इस स्थिति में हाथों, पैरों और चेहरे पर सूजन दिखने लगती है। नमक की वैराइटी (Variety of salt) आप डिश के अनुसार चुन सकते हैं लेकिन अधिक नमक खाने से बचने चाहिए।
बताए गए टिप्स को ध्यान में रखकर आप स्वाद, रेसिपी में जरूरी और हेल्थ कंडीशन के लिहाज से अपने लिए नमक चुनें और टेस्टी फूड के मजे लें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको नमक की वैराइटी (Variety of salt) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
[embed-health-tool-bmr]