बिटर्स (Bitters) को आप कॉकटेल के लिए सॉल्ट और पेपर मान सकते हैं। यह सीजनिंग के स्प्रिंकल है, जो डिश के फ्लेवर को बैलेंस करती है। बिटर्स (Bitters) जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है एक इंफ्यूजन है जिसे प्रेडोमिनेंटली बिटर इंग्रीडिएंट्स से बनाया जाता है। इन इंग्रीडिएंट्स में एरोमेटिक्स और बोटैनिकल्स शामिल हैं जिनमें जड़ी-बूटियों, जड़ों, छाल, फल, बीज या फूलों का कोई भी कॉम्बिनेशन शामिल हो सकता है। एक पेय के फ्लेवर को बढ़ाने के लिए बिटर एक शानदार तरीका है। अन्य बैलेंस्ड इंग्रीडिएंट्स में बिटर कॉम्पोनेन्ट को ऐड करने से एक मैजिक सा होता है। आइए, जानें क्या होते हैं बिटर्स (Bitters) और कैसे किया जा सकता है इनका इस्तेमाल? सबसे पहले जानते हैं कि बिटर्स (Bitters) क्या काम करते हैं?
बिटर्स (Bitters) क्या काम करते हैं?
बिटर्स (Bitters) हर्ब्स, फ्रूट्स और एरोमेटिक्स का ब्लेंड है और यह सिर्फ कॉकटेल्स नहीं होते हैं। इसे आप “लिक्विड स्पाइस” भी कह सकते हैं। जैसे, बिटर सभी प्रकार के व्यंजनों में स्वाद की लेयर्स को जोड़ते हैं। जैसे अपने पसंदीदा स्पाइस ब्लेंड के एक बड़े चम्मच की तरह, सुगंधित बिटर का एक ड्रॉपर कम्प्लेक्सिटी ऐड करते हैं। अगर बात की जाए इसके टेस्ट की तो आप बिटर्स (Bitters) से जो स्वाद प्राप्त करते हैं वह उन सामग्रियों पर निर्भर करेगा, जो आप उन्हें बनाने में उपयोग करते हैं। आप दालचीनी, लौंग, चेरी, कॉफी, चॉकलेट, और अन्य जैसे विभिन्न प्रकार के बिटर्स (Bitters) फ्लेवर्स पा सकते हैं। आप बिटर्स (Bitters) के कुछ फ्लेवर भी पा सकते हैं जो थोड़े मीठे होते हैं लेकिन कुछ फ्रूटी भी हो सकते हैं।
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बिटर्स (Bitters) का इस्तेमाल किस लिए किया जाता है?
पुराने समय में लोग इसका इस्तेमाल नेचुरल हर्ब्स की तरह बीमारियों के उपचार के लिए करते थे जैसे स्टमक प्रॉब्लम और सी सिकनेस आदि। उनकी कम्पोजीशन के आधार पर, पुराने चिकित्सक उनका उपयोग इन्फॉर्मिटीज (Infirmities) से निपटने के लिए करते थे। आजकल इनका अधिकतर इस्तेमाल एल्कोहॉलिक ड्रिंक्स में किया जाता है। इससे एल्कोहॉलिक ड्रिंक्स खासतौर पर कॉकटेल्स को डिफरेंट टेस्ट मिलता है। अब जानते हैं इसके लाभों के बारे में।
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बिटर्स (Bitters) के फायदे क्या हैं?
ज्यादातर लोग इस बात को लेकर हैरान होते हैं कि फ्लेवर के लिए बिटर्स (Bitters) का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? इसके अन्य कई लाभ भी हैं। आइए, जानें इनके फायदों के बारे में:
न्यूट्रिएंट्स के पाचन और एब्जॉर्प्शन में सहायक (Aids in digestion and absorption of nutrients)
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह जरूरी हर्ब्स भी हैं। इसमें इस्तेमाल हुए पत्ते, छाल और फल आदि की कम्पोजीशन पर निर्भर करता है कि यह कई बीमारियों के उपचार में मददगार है जैसे पेट में समस्या और सी सिकनेस। यह डायजेशन में भी सहायक है। बिटर्स (Bitters) के अन्य लाभों में शरीर में न्यूट्रिएंट्स का फास्ट एब्जोर्प्शन भी शामिल है। यह डायजेशन सेक्रेशंस को भी बढ़ाता है। जिससे लीवर हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से अच्छी चीजें जल्दी से ग्रहण कर सकता है और साथ ही हमारे शरीर को डिटॉक्स भी कर सकता है।
इम्यून सिस्टम को बूस्ट करे (Boost immune system)
बिटर में मौजूद कुछ इंग्रीडिएंट्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। इस इंग्रीडिएंट्स को अदरक और हल्दी आदि के साथ लेने से इम्युनिटी के बढ़ने में मदद मिलती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट इफेक्ट्स से शरीर ऑटोइम्यून बीमारियों से भी बच सकता है।
शुगर और भूख को कंट्रोल करें (Control the sugar and hunger)
कुछ स्टडीज के अनुसार, बिटर्स (Bitters) शुगर कंट्रोल और ओवरईटिंग को कंट्रोल कर सकते हैं। इसकी मेडिसिनल प्रॉपर्टीज आपको स्वीट्स खाने से दूर रखने के लिए ब्रेन के रिसेप्टर्स का मुकाबला कर सकती हैं। यही नहीं इससे भूख भी कंट्रोल में रहती है जिससे आपको कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं।
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कॉकटेल्स को काम्प्लेक्स टेस्ट मिलता है (Cocktails get complex test)
कई लोगों को कॉकटेल्स (Cocktails) का सेवन करना पसंद होता है। बिटर्स (Bitters) के इस्तेमाल से ड्रिंक्स को कम्प्लेक्सिटी की सेंस और एक ट्विस्ट मिल सकता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप इसमें अधिक मात्रा में इसका इस्तेमाल करें। इसका स्वाद बहुत स्ट्रांग होता है इसलिए इसका इस्तेमाल उतनी मात्रा में ही करें, जितनी मात्रा में आप सब्जी में नमक का करते हैं। इसे कॉकटेल (Cocktail) के लिए एक जरूरी इंग्रीडिएंट्स माना जा सकता है। यह प्राकृतिक रूप से स्वीट, तीखे और खट्टे स्वादों को बाहर निकाल कर कॉकटेल के स्वाद को बढ़ाते हैं।
ड्रिंक की एरोमा को बढ़ाएं (Increase Aroma of Drink)
ड्रिंक को अलग स्वाद देने के साथ ही इसका इस्तेमाल इसकी एरोमा को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। लेकिन, इन्हें सिर्फ कॉकटेल्स (Cocktails) में फ्लेवर के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कॉकटेल में इसकी रिच स्मेल के लिए आप इसकी केवल कुछ ड्रॉप्स का ही इस्तेमाल करें। इसका इस्तेमाल केवल कॉकटेल्स में ही नहीं किया जाता। इससे किसी भी स्वीट या नमकीन फूड का टेस्ट और एरोमा को बढ़ाया जा सकता है। अब जानिए क्या हैं इसके प्रकार?
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बिटर्स (Bitters) के प्रकार
हालांकि, कॉकटेल बिटर्स (Bitters) का स्वाद बहुत स्ट्रांग हो सकता है लेकिन फिर भी कई ऐसे फ्लेवर्स हैं जो आपके पेय को एक नए लेवल तक ले जा सकते हैं। सामान्य प्रकार के कुछ बिटर इस प्रकार हैं, जिन्हें उपयोग की जाने वाली सामग्री के आधार पर डिफ्रेंशियेट किया जा सकता है।
- ऑरेंज / साइट्रस बिटर्स (Orange/Citrus Bitters): ऑरेंज बिटर्स (Orange Bitters) को संतरे के छिलकों, इलाइची, धनिया, चीनी,जीरा आदि से बनाया जाता है। इस प्रकार के कॉकटेल बिटर्स संतरे के छिलके और एल्कोहॉल (Alcohol) के कॉम्बिनेशन से कड़वे और मीठे स्वाद के साथ पारंपरिक मुरब्बा की खुशबू देते हैं।
- एरोमेटिक बिटर्स (Aromatic Bitters): इसके नाम के अनुसार एरोमेटिक बिटर्स (Aromatic Bitters) बॉटनिकल इंग्रीडिएंट्स से बने होते हैं। जिन्हें क्रश और मिक्स कर के बनाया जाता है। एरोमेटिक बिटर्स के उदाहरणों में पुदीना, दालचीनी, लेमनग्रास, लैवेंडर आदि शामिल है।
- नट बिटर्स (Nut Bitters): नट बिटर्स (Nut bitters) मार्केट में नया है जिसका इस्तेमाल बार में एक्सपेरिमेंटल के रूप में किया जाता है। नट फ्लेवर्ड बिटर्स (Bitters) को कॉफी और चॉकलेट्स से बनाया जाता है।
- डायजेस्टिव बिटर्स (Digestive Bitters): प्लांट्स और हर्ब्स जैसे गोल्डनसील (Goldenseal), ब्रुडोक, एंजेलिका (Angelica), डायजेस्टिव जूस, बायल और एंजाइम को स्टिमुलेट कर के फूड को नेचुरली और आसानी से ब्रेक-डाउन कर सकते हैं।
- कॉकटेल बिटर्स (Cocktail Bitters): आजकल बिटर्स (Bitters) में फ्लेवर कॉकटेल्स का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इसका टेस्ट स्ट्रांग होता है, यह किसी भी पेय के स्वीट और सावर टेस्ट को बैलेंस कर सकता है। ड्रिंक्स में इन्हें ड्रॉप्स में डाला जाता है।
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बिटर्स (Bitters) को ट्रेडिशनली और सामान्यतया एल्कोहॉल के साथ बनाया जाता है। एल्कोहॉल (Alcohol) बिटर एजेंटों से जितना संभव हो सके निकालने में मदद करता है, जबकि बिटर्स (Bitters) की शेल्फ लाइफ को भी प्रिजर्व करता है। बिटर की सिंगल डोज में एल्कोहॉल (Alcohol) की मात्रा बहुत कम होती है लेकिन फिर भी बिटर्स (Bitters) को बिना एल्कोहॉल (Alcohol) के भी बना सकते हैं। इसे ग्लिसरीन, जो लिक्विड शुगर हैइससे या नॉन-एल्कोहोलिक स्पिरिट से भी इसे बनाया जा सकता है। यह तो थी जानकारी बिटर्स (Bitters) के बारे में। इसका इस्तेमाल ड्रिंक में खास स्वाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह ड्रिंक्स को बिटर नहीं बनाते हैं बल्कि उन्हें अलग स्वाद प्रदान करता है। इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर या एक्सपर्ट से अवश्य जानें।
बिटर्स (Bitters) को यह नाम इसके फ्लेवर के कारण दिया गया है। हालांकि, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि इसका स्वाद हमेशा बिटर हो। इन्हें स्ट्रांग और शार्प टेस्ट देने के लिए हर्ब्स और बार्क्स आदि का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप इसका सब्स्टीट्यूट चाहते हैं तो कुछ मात्रा में हर्बल बिटर लिक्वेयर्स (Liqueurs) जैसे कैंपारी (Campari), एबिन्थे (Absinthe), या फर्नेट-ब्रांका (Fernet-Branca) का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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